सुनक सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे ब्रिटेन के टीचर्स, एक साथ पांच लाख लोग कर रहे हैं प्रदर्शन, इनकी मांगोंं के चलते ही थैचर को छोड़ना पड़ा था पद

सुनक के खिलाफ सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन सुनक सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे ब्रिटेन के टीचर्स, एक साथ पांच लाख लोग कर रहे हैं प्रदर्शन, इनकी मांगोंं के चलते ही थैचर को छोड़ना पड़ा था पद
हाईलाइट
  • 3 लाख टीचर्स ने किया विरोध प्रदर्शन

डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन में ऋषि सुनक की सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहा है। ब्रिटेन के लोग महंगाई के खिलाफ सड़कों पर आ उतरे हैं और सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ब्रिटेन में यह पिछले एक दशक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है। इस प्रदर्शन में 5 लाख से ज्यादा प्रदर्शनकारी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे हुए हैं। जबकि इस विरोध प्रदर्शन में सबसे ज्यादा शिक्षक, सिविल सरवेंट और ट्रेन के ड्राइवर्स मौजूद हैं। जो सुनक सरकार से महंगाई को कम करने और अपने वेतन में बढ़ोत्तरी के लिए सड़कों पर उतरे हैं।

लंदन में टीचर्स के अलावा ट्रेन और बस के ड्राइवरों ने हड़ताल में हिस्सा लिया।  

3 लाख टीचर्स ने किया विरोध प्रदर्शन

अलजजीरा के अनुसार, इस विरोध प्रदर्शन में 3 लाख टीचर्स हिस्सा ले रहे हैं। जिनकी सरकार से मांग है कि उनके वेतन को बढ़ाया जाए नहीं तो ये हड़ताल अगले कई दिनों तक ऐसे ही चलती रहेगी। इस पूरे मामले पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के कार्यालय से एक सूचना जारी की गई थी। जिसमें कहा गया था कि, इस प्रदर्शन की वजह से देश में अस्थिरता का माहौल बनेगा। इसलिए सरकार का अनुरोध है कि आप अपने प्रदर्शन को यहीं रोक दें।

तस्वीर में लंदन में प्रदर्शन के दौरान महिला टीचर।

शिक्षा व्यवस्था हुई ठप

3 लाख शिक्षकों के हड़ताल में आ जाने से देश के स्कूलों में सन्नाटा छा गया है। इस पूरे मसले पर नेशनल एजुकेशन यूनियन का एक बयान सामने आया है। जिसके मुताबिक टीचर्स के विरोध प्रदर्शन की वजह से स्कूलों पर सीधा असर पड़ा है। करीब 23 हजार ऐसे स्कूल हैं जहां पर पूरी तरह से शिक्षा व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। जबकि ट्रेन के ड्राइवर्स भी विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने हुए हैं। जिसकी वजह से यात्रियों को एक-जगह से दूसरी जगह जाने में घंटों का समय लग रहा है। कुछ जगह तो ऐसे भी हालात बने हुए हैं जहां पूरी तरह से चक्काजाम की स्थिति बनी हुई है।

तस्वीर लंदन में प्रदर्शन के दौरान एक बस की है। जिसमें टीचर्स स्कूलों के लिए फंड की मांग कर रहे हैं।

पीएम सुनक का प्रदर्शकारियों के लिए संदेश

इंस्टीट्यूट फॉर फिस्कल स्टडीज के अनुसार, लाखों की तदाद में शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन करने की सही वजह उनकी एक दशक में घटती हुई आमदनी है। साल 2010 से अब तक टीचर्स के वेतन में करीब 10 से 12 फीसदी तक की कमी आई है। जिसकी वजह से शिक्षक सड़कों पर आ खड़े हुए और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं ब्रिटेन की सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए सोमवार को पीएम सुनक ने एक संदेश भेजा था। उन्होंने अपने संदेश में कहा था "अगर संभव होता तो मैं एक जादू की छड़ी घुमाकर आपकी परेशानियां दूर कर देता, लेकिन यह नहीं हो सकता है।"

ब्रिटेन की यूनियन डिमांड पूरी नहीं होने पर और प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रही हैं।

विरोध का खामियाजा अगले चुनाव में होगा? 

बता दें कि, ऋषि सुनक की सरकार कर्मचारियों की आमदनी चाह कर भी नहीं बढ़ा सकती है। क्योंकि सरकार पहले से ही महंगाई की मार झेल रही हैं। ब्रिटेन में रोजमर्रा के सामानों की कीमत में काफी इजाफा हुआ है। जिसका ध्यान में रखते हुए सुनक सरकार वेतन बढ़ाने के मूड में नहीं है। हालांकि, ऋषि सुनक की तुलना ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर से भी हो रही है।

प्रदर्शन में आए हुए प्रदर्शनकारियों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि, पीएम थैचर की तरह ही सुनक भी सत्ता में आए हुए हैं। उन्होंने भी दावा किया था कि वो ब्रिटेन की इकोनॉमी को ठीक से संभालेंगी और जनता को महंगाई से छुटकारा दिलाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ठीक ऐसे ही ऋषि सुनक भी सत्ता में आने से पहले कहते रहे। प्रदर्शकारी ने आगे कहा कि, पीएम सुनक को विरोध का खामियाजा अगले चुनाव में उठाना पड़ सकता है।


 

Created On :   2 Feb 2023 10:28 AM GMT

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