एच-1बी वीजा पर हंगामा: टेक्नोलॉजी इंडस्ड्री से जुड़े कर्मचारियों ने किया सोशल मीडिया पर किया पोस्ट, डर के साये में जी रहे भारतीय मूल के नागरिक

टेक्नोलॉजी इंडस्ड्री से जुड़े कर्मचारियों ने किया सोशल मीडिया पर किया पोस्ट, डर के साये में जी रहे भारतीय मूल के नागरिक
अमेरिकी की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। इसके बावजूद भी उन्हें खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने इसका मुख्य कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बताया है।

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका के एच-1बी वीजा के शुल्क में हुई बढ़त्तरी के बाद से वहां पर हंगामा मचा हुआ है। इसके बाद अब ट्रंप प्रशासन आउटसोर्सिंग की नीतियों में भी कड़े नियम लाने में आगे बढ़ रहा है। इससे टेक्नोलॉजी इंडस्ड्री में हलचल मचा हुआ है। जो कर्मचारी एच-1बी वीजा पर अमेरिका में रह रहे हैं। उन्होंने इस वीजा के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है, जिसमें कहा गया है कि वे सालों से कानूनी दर्जा प्राप्त वीजा और अमेरिकी की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहे हैं। इसके बावजूद भी उन्हें खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने इसका मुख्य कारण अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बताया है।

ट्रंप प्रसाशन ने शुल्क बढ़ाने की बताई वजह

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इसी साल 19 सितंबर को नए एच-1 वीजा की प्रक्रिया लागू की है। अब नए आवेदकों को एक लाख डॉलर का भुगतान करना होगा। यूएस के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने इसके पीछे के कारणों को साफ करते हुए बताया कि इस वीजा का सबसे ज्यादा दुरुपयोग हो रहा है। इस वजह से यह कदम उठाए गए हैं।

डर के साये में भारतीय

इन वायरल पोस्ट की वजह से अमेरिका में निवास करने वाले भारतीय लोग डर के साए में रह रहे हैं। वायरल पोस्ट में लिखा गया है, "मुझे लगता है कि इस बार सब कुछ खत्म हो गया है। हमने यहां कड़ी मेहनत की है। हम पर कई बार भेदभाव के आरोप लगे, लेकिन हमने कभी ऐसा नहीं किया और ईमानदार इंसान बनने की कोशिश की है फिर भी हमें निशाना बनाया जा रहा है।"

इस वीजा के लागू होने के बाद यह आरोप लगे हैं कि अमेरिकी नागरिकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इसके जबाव में वहां के एक कर्मचारी ने बताया कि हमेशा से नौकरी के लिए आए उम्मीदवारों का चयन उनकी योग्यता के आधार पर किया जाता है। हर एक सीवी की अच्छे से पड़ताल की जाती है, जिसके बाद उन्हें नौकरी दी जाती है। उन्होंने आगे कहा, "H-1B वीजा का स्वर्णिम युग खत्म हो गया है। हमें अभी से सामान पैक करना और आगे की प्लानिंग पर काम करना शुरू कर देना चाहिए।"

सोशल मीडिया पर एक यूजर ने कह दी ये बात

सोशल मीडिया पर इस वीजा को लेकर एक यूजर ने बताया, "दुर्भाग्य से यह खत्म नहीं होगा। धीरे-धीरे यह सवाल करना सामान्य हो जाएगा कि हम इन सभी ज्यादा वेतन वाली नौकरियों के लिए इतने सारे गैर-अमेरिकी नागरिकों को क्यों ले रहे हैं। लोग आगे बढ़कर कंपनियों पर नागरिकों को प्राथमिकता देने के लिए दबाव डालना शुरू कर देंगे। कंपनियां शुरुआत में हिचकिचाएंगी और बाद में या तो आउटसोर्सिंग करेंगी या उनकी मांगों के आगे झुक जाएंगी।"

एक दूसरे यूजर ने बताया, "H-1B वीजा की समस्या बहुत बड़ी है। इस प्रोग्राम को सालाना 5 हजार से कम वीजा तक सीमित रखा जाना चाहिए। जो सबसे कुशल होंगे केवल उन्हें ही ये वीजा मिलना चाहिए। इस समय अमेरिका में लगभग 20 लाख एच1बी/एच4 ईएडी काम कर रहे हैं।"

Created On :   21 Oct 2025 5:09 PM IST

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