LAC पर बढ़ रहा है तनाव, मामला सुलझाने के लिए कूटनीतिक मार्ग अपना रहा है चीन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली, 23 मई (आईएएनएस)। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन और भारत के बीच बढ़ते तनाव ने दोनों देशों को हजारों की संख्या में सैनिकों की तैनाती बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया है। चीनी और भारतीय दोनों सेनाएं उन स्थानों पर हाई अलर्ट पर हैं, जहां तनाव और झड़पें हुई थीं। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वे अपने क्षेत्र में किसी भी प्रकार की चीनी घुसपैठ की अनुमति नहीं देंगे और उन क्षेत्रों में गश्त को और भी मजबूत करेंगे।
वहीं चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) आए दिन भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर भारतीय सेना के साथ संघर्ष कर रही है। अब मामला बढ़ गया है, क्योंकि इसे स्थानीय स्तर पर सेनाओं द्वारा हल नहीं किया जा सकता है और राजनयिक रूप से बातचीत शुरू हो गई है।लद्दाख क्षेत्र में एलएसी के पास रहने वाले एक निजी सूत्र ने कहा, एक सप्ताह के अंदर इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। कूटनीतिक बातचीत जारी है। भारतीय सेना ने अपने क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सेना तैनात कर दी है और चीन ने भी अपने क्षेत्र में तैनाती की है।
सूत्रों ने कहा कि चीन गर्मियों के दौरान हमला शुरू करता है और यह हर साल की घटना है। भारतीय सैनिकों ने चीन की सेना को पीछे धकेल दिया है। चीनी सेना ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की गैलवान घाटी में टेंट भी लगाए हैं। चीन ने पैंगोंग त्सो (झील) में सशस्त्र कर्मियों के साथ नावें भी बढ़ाई हैं। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने एलएसी के पार हजारों लोगों को तैनात किया है और वे उन्हें टेंटों में डाल रहे हैं।
इस बीच भारतीय सेना के प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवाने ने शुक्रवार को लद्दाख में 14 कोर के मुख्यालय लेह का दौरा किया और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बलों की सुरक्षा तैनाती की समीक्षा की। उन्होंने उत्तरी कमान (एनसी) के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी, 14 कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और अन्य अधिकारियों के साथ एलएसी की जमीनी स्थिति को जाना।
भारत की ओर से चीन के इस आरोप को खारिज करने के बाद कि भारत के सैनिकों ने तनाव शुरू किया और लद्दाख व सिक्किम सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार किया, सैन्य प्रमुख ने यहां का दौरा किया और जमीनी स्थिति की जानकारी ली।
Created On :   24 May 2020 12:00 AM IST