सभी देशों में तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा ओमिक्रॉन

Omicron rapidly replacing Delta in all countries: WHO
सभी देशों में तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा ओमिक्रॉन
डब्ल्यूएचओ सभी देशों में तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा ओमिक्रॉन
हाईलाइट
  • सभी देशों में तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा ओमिक्रॉन : डब्ल्यूएचओ

डिजिटल डेस्क, जेनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेब्रेयेसिस ने कहा है कि कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण विभिन्न देशों में कोविड संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन मृत्युदर स्थिर है।

पिछले हफ्ते, दुनिया भर से डब्ल्यूएचओ को कोविड-19 के 1.5 करोड़ से अधिक नए मामलों की सूचना मिली थी, जो कि एक सप्ताह में अब तक के सबसे अधिक मामले हैं। हालांकि ये आधिकारिक अनुमान हैं और वास्तविक संख्या वास्तव में इससे कहीं अधिक हो सकती है। घेब्रेयेसिस ने बुधवार को अपने प्रेस संबोधन में कहा, संक्रमण में यह विशाल स्पाइक (तेजी) ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण है, जो तेजी से लगभग सभी देशों में डेल्टा की जगह ले रहा है।

उन्होंने कहा, हालांकि, साप्ताहिक रिपोर्ट की गई मौतों की संख्या पिछले साल अक्टूबर से एक सप्ताह में औसतन 48 हजार मौतों के साथ स्थिर बनी हुई है। यह ओमिक्रॉन की कम गंभीरता और टीकाकरण या पिछले संक्रमण से व्यापक प्रतिरक्षा के कारण हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने चेताते हुए कहा, लेकिन जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके लिए ओमिक्रॉन एक खतरनाक वायरस बना हुआ है। उन्होंने कहा, एक हफ्ते में लगभग 50 हजार मौतें बहुत अधिक हैं। इस वायरस के साथ जीना सीखने का मतलब यह नहीं है कि हम इतनी मौतों को स्वीकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब दुनिया भर में इतने सारे लोग बिना टीकाकरण के रह रहे हैं, ऐसे में दुनिया इस वायरस को ऐसी ही फैलने नहीं दे सकती है।

उदाहरण के लिए, अफ्रीका में 85 प्रतिशत से अधिक लोगों को अभी तक टीके की एक भी खुराक नहीं मिली है। उन्होंने कहा, हम महामारी के तीव्र चरण को तब तक समाप्त नहीं कर सकते, जब तक हम इस अंतर को पाट नहीं पाएंगे। घेब्रेयेसिस के अनुसार, दुनिया भर के अस्पतालों में भर्ती होने वाले अधिकांश लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है। टीकाकरण गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में बहुत प्रभावी रहता है, मगर वह संक्रमण को फैलने से पूरी तरह से नहीं रोकता है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने दोहराया है कि कोरोना महामारी को निश्चित रूप से हराया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि इसके खिलाफ दुनियाभर की सभी सरकारों और प्रोड्यूसर्स को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने इसके लिए दो तरीके बताए हैं, पहला है- कम कवरेज वाले जोखिम वाले देशों में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ाना और दूसरा- लोगों को टीका देने के लिए जरूरी संसाधनों की पर्याप्त पूर्ति की जाए। उन्होंने कहा कि जब तक हम हर जगह सुरक्षित नहीं हैं, तब तक हम कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।

कोरोना महामारी के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर काफी दबाव है। पिछले साल प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि चार में से एक हेल्थ वर्कर ने महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव किया है। कई देशों के डेटा यह भी बताते हैं कि कई लोगों ने नौकरी छोड़ने पर विचार किया है या नौकरी छोड़ दी है।

 

आईएएनएस

Created On :   13 Jan 2022 6:00 PM GMT

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