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- Pakistan is trying to present its foreign policy afresh through Afghan policy
तालिबान : अफगान नीति के जरिए अपनी विदेश नीति को नए सिरे से पेश करना चाह रहा पाकिस्तान

हाईलाइट
- इस्लामाबाद को कठिन स्थिति से बाहर निकाल सकती है अफगान नीति
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। मानवीय संकट से पड़ोसी अफगानिस्तान को बचाने के तरीके खोजने के प्रयास में इस्लामाबाद में इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद के 17वें असाधारण सत्र की सफल मेजबानी पाकिस्तान के लिए रणनीतिक तौर पर एक बहुत आवश्यक गति पैदा करने का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
यह कदम पाकिस्तान के लिए निश्चित रूप से काबुल पर अपनी विदेश नीति को लेकर एक बहुत आवश्यक गति और पुनर्गठन की दिशा में मार्ग प्रशस्त कर रहा है, जो इस्लामाबाद को वर्तमान कठिन स्थिति से बाहर निकाल सकता है, जिसमें वह खुद को पाता है।
विदेश मंत्रियों के लिए ओआईसी परिषद ने मुख्य रूप से पाकिस्तान को तालिबान शासन के तहत एक स्थिर और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान के लिए और व्यावहारिक प्रगति के पीछे एक प्रेरक शक्ति के रूप में दिखाने में मदद की है। इस्लामाबाद में असाधारण सत्र में ओआईसी के सदस्य देशों ही नहीं, बल्कि पी-5 देशों की भी भागीदारी को इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। फॉरम या मंच ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान के लिए अपनी विदेश नीति और प्राथमिकताओं को सामने रखने का अवसर प्रदान किया है। सत्र के दौरान पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में आर्थिक और मानवीय संकट और प्रवासियों के बहिर्वाह (आउटफ्लो) पर प्रकाश डाला। मंच का उपयोग तालिबान नेतृत्व को धैर्यपूर्वक बैठने और बाकी दुनिया उनके बारे में क्या सोचती है और क्या नहीं सोचती है, इसे सुनने के लिए भी कुशलता से किया गया।
तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान को लेकर पश्चिम की कुछ महत्वपूर्ण चिंताएं हैं, जिनमें नौकरियों के अधिकार, महिलाओं के लिए रोजगार और शिक्षा, अल्पसंख्यक जातीय समूहों के लिए बुनियादी प्रतिनिधित्व और एक समावेशी सरकार जैसी चीजें शामिल हैं, जिन्हें मंच पर उठाया गया। अफगानिस्ता में इन्हीं चीजों की बहाली फिर से पाकिस्तान की ओर और अधिक देखने में मदद करने में फायदेमंद होगी। दरअसल पाकिस्तान केवल युद्ध में सहयोगी होने के बजाय अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए एक प्रगतिशील सूत्रधार के रूप में अपने आपको देख रहा है। दूसरी ओर तालिबान शासन ने शेष विश्व की मांगों को पूरा करने के अपने रुख में अधिक लचीलापन नहीं दिखाया है। हालांकि, वे दावा करते हैं कि सभी मांगों को पूरा किया जा रहा है। तालिबान का कहना है कि वह इस्लामी कानून के तहत आने वाली व्याख्याओं के अनुसार निर्णय को लागू करेगा।
वर्तमान सत्तारूढ़ तालिबान सरकार में बैठे कुछ मंत्रियों सहित कई अफगानों ने अफगानिस्तान पर उसकी नीति के अनुसार पाकिस्तान की ऐतिहासिक स्थिति को गंभीरता से नकारात्मक रूप से देखा है। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने हाल ही में एक साक्षात्कार में पाकिस्तान से अफगानिस्तान के संबंध में तमाम दुष्प्रचार बंद करने का आह्वान किया है। एक अन्य मंत्री ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों को अफगानिस्तान का दुश्मन बताया है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अफगानिस्तान में कई स्थानीय लोगों में पाकिस्तान विरोधी भावनाएं व्याप्त हैं, जो देश पर न केवल तालिबान का समर्थन करने का आरोप लगाते हैं, बल्कि वाशिंगटन के सहयोगी होने और उन्हें हवाई हमले करने की अनुमति देकर दोहरा खेल खेलने का आरोप भी लगाते हैं। स्थानीय लोग पाकिस्तान को उस देश के तौर पर भी देखते हैं, जिसने पिछले दो दशकों में देश में आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले युद्ध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हजारों निर्दोष लोगों की जान ली है।
तालिबान शासन अतीत में उनके खिलाफ हमले करने के लिए अमेरिका को पाकिस्तान द्वारा दिए गए समर्थन से भी अच्छी तरह वाकिफ है। इसके अलावा तालिबान देश में पिछली सरकारों की तरह डूरंड रेखा का कड़ा विरोध करता है, जो दोनों देशों के बीच लंबी ऊबड़-खाबड़, अप्रयुक्त सीमा का प्रतीक है। लेकिन आज पाकिस्तान नए अफगानिस्तान को नैरेटिव को बदलने, मानवीय सहायता, आर्थिक संकट और युद्धग्रस्त देश में आगे के विकास के लिए प्रवेश द्वार बनने के साथ नए सिरे से ध्यान केंद्रित करते हुए एक अवसर के रूप में देख रहा है।
(आईएएनएस)
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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