शहबाज ने इमरान पर हमले की न्यायिक जांच के लिए प्रधान न्यायाधीश को लिखा पत्र
- मेडिको-लीगल जांच नहीं
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल से पिछले सप्ताह वजीराबाद में पार्टी के लॉन्ग मार्च के दौरान पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान पर हुए हमले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग गठित करने का अनुरोध किया है। पूर्व प्रधानमंत्री के पैर में गोली लगी थी।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि खान पर हमले के बाद देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, जिससे नागरिकों की जान को खतरा है।
पत्र में इस बात पर रोशनी डाली गई है कि घटना की प्राथमिकी अभी भी दर्ज नहीं की गई है, अपराध स्थल को सुरक्षित नहीं किया गया है और जिस कंटेनर पर गोलियां चलाई गई थीं, उसे फोरेंसिक विश्लेषण के लिए हिरासत में नहीं लिया गया है। पत्र में कहा गया है, पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान की मेडिको-लीगल जांच नहीं कराई गई।
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्र में कहा गया है कि घटना की जांच गलत तरीके से की जा रही है और पीएमएल-एन नेतृत्व और राज्य संस्थानों के खिलाफ अपमानजनक अभियान शुरू हो गया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री राना सनाउल्लाह ने कहा था कि खान वजीराबाद हमले की एफआईआर अपनी मांगों के मुताबिक चाहते हैं। मंत्री ने कहा, वह (इमरान) एफआईआर दर्ज नहीं करा सकते और क्रांति लाना चाहते हैं।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सनाउल्लाह ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के लिए किसी तरह का सबूत होना चाहिए और अगर किसी को पीटीआई की मांगों के अनुसार जाना है, तो कोई प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ मामला भी दर्ज कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब तक केवल एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है और कोई दूसरा संदिग्ध नहीं है। अहसान इकबाल पर हमले को याद करते हुए सनाउल्लाह ने कहा कि संदिग्ध आत्म-प्रेरित था और किसी राजनीतिक या धार्मिक समूह से जुड़ा नहीं था।
आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   8 Nov 2022 9:30 PM IST