India US Relations: टैरिफ के बाद अब ड्रग्स तस्करी पर ट्रंप ने कसा शिकंजा, भारत के अधिकारियों का रद्दा किया वीजा, कहा - नतीजे भुगतने होंगे

टैरिफ के बाद अब ड्रग्स तस्करी पर ट्रंप ने कसा शिकंजा, भारत के अधिकारियों का रद्दा किया वीजा, कहा - नतीजे भुगतने होंगे

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों को ड्रग्स की तस्करी करने की चेतावनी देने के बाद एक्शन लेने शुरू कर दिया है। नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को ऐलान करते हुए बताया कि ट्रंप प्रशासन ने कुछ भारतीय अधिकारियों और कॉर्पोरेट नेतृत्व का वीजा रद्द करने का ऐलान कर दिया है। वहीं, यूएस दूतावस ने भी बताया कि उन पर फेंटेनाइल प्रीकर्सर (नशीले पदार्थ) की तस्करी में कथिर रूप से शामिल होने का आरोप लगाया गया है।

    भारत को 23 देशों की सूची में किया शामिल

    इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने भारत को 23 देशों में होने वाली ड्रग्स के गैरकानूनी उत्पादन और तस्करी की लिस्ट में शामिल किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अवैध नशीली दवाओं और इनके निर्माण में इस्तेमाल केमिकल्स के उत्पादन और तस्करी के जरिए ये देश अमेरिका और उसके नागरिकों की सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा कर रहे हैं। अमेरिका ने कहा कि वह इस संबंध में सभी देशों पर निगरानी रख रहा है।

    वहीं, अमेरिकी दूतावास ने गुरुवार को प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा था कि अमेरिका के लोगों को खतरनाक सिंथेटिक नशीले पदार्थों के खतरे से बचाने के लिए कुछ भारतीय कंपनी के अधिकारियों का वीजा रद्द किया गया है। इसमें कहा गया कि इस फैसले के बाद बिजनेस से जुड़े कुछ लोग और उनके परिवार के सदस्यसंयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के लिए अयोग्य हो जाएंगे।

    इतना ही नहीं, बल्कि अमेरिकी दूतावास फेंटेनाइल प्रीकर्सर की तस्करी करने वाली कंपनियों के अधिकारियों को अमेरिका के लिए वीजा आवेदन करते समय चिन्हित करेगा। वहीं, अमेरिका ने भारत को फेंटेनाइल प्रीकर्सर जैसे नशीले पदार्थों की तस्करी से निपटने में सहयोग के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। अमेरिकी दूतावास द्वारा कहा गया, "संयुक्त राज्य अमेरिका में मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और तस्करी में शामिल व्यक्तियों, संगठनों और उनके परिजनों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।"

    ट्रंप ने चेतावनी देते हुए कहा, "जिन देशों से ये दवाएं निकलती हैं और जिन तक ये पहुंचती हैं, उन्हें अपने दायित्वों को पूरा करना होगा और इन दवाओं की आपूर्ति बंद करनी होगी। अगर ऐसा नहीं किया गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।"

    एफबीआई ने चीन पर लगाया ये आरोप

    कुछ समय पहले अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने अपनी रिपोर्ट में चीन को लेकर बड़ा खुलासा किया था। एफबीआई का कहना था कि चीन गुप्त तरीके से तीसरे देशों के जरिए केमिकल की स्मगलिंग अमेरिका में कर रहा है। इसके साथ एफबीआई नेचीन पर आरोप लगाया था कि चीन की ड्रग्स वाली साजिश बेहद खतरनाक है। इस साजिश के तहत चीन का उद्देश्य अमेरिका और अन्य देशों के युवालों को ड्रग्स के जाल में फंसा कर उन्हें बर्बाद करना है।

    चीन ने पूरी दुनिया में ड्रग्स के नेटवर्क को स्थापित करने की शुरुआत कर दी है। इसके लिए चीन ने हेरोइन से 50 गुना अधिक घातक ड्रग्स तैयार किया है। इस ड्रग्स को फेंटेनाइल या चायना व्हाइट के नाम से जाना जाता है। एफबीआई ने कहा, "चीन ने अपने देश में तो ड्रग्स पर कड़े नियम बनाए हैं, लेकिन दूसरे देशों के युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए खास रणनीति तैयार की है। क्योंकि, चीन आज दुनिया में नारकोटिक्स ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है।"

    एफबीआई ने अपनी रिपोर्ट में चीन के अवैध फेंटेनाइल साम्राज्य का खुलासा किया है। इसका मकसद अन्य देशों खासतौर से अमेरिका के युवाओं को बर्बाद करना है। एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पर तीसरे देशों के माध्यम से गुप्त रूप से केमिकल्स भेजने का इल्जाम लगाया है। जिससे किसी तरह की कार्रवाई से बचा जा सके। साथ ही जानबूझकर अमेरिकी समाज को नुकसान पहुंचाया जा सके।

    एफबीआई निदेशक काश पटेल ने चीन समर्थित इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए भारत-अमेरिका के बीच गहन सहयोग का आह्वान किया है। काश पटेल ने कहा है कि चीन ड्रग माफिया के इस नेटवर्क को खत्म करने में भारत की भूमिका बेहद अहम है। चीन में तैयार होने वाले फेंटेनाइल के लिए जरूरी रासायनिक कच्चा माल अब भारत जैसे देशों से होकर मैक्सिकन कार्टेल्स तक पहुंच रहे हैं। भारत इसका उपभोक्ता नहीं है, लेकिन अब इसे एक ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

    Created On :   18 Sept 2025 8:37 PM IST

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