मलबे में दबे शवों को निकालने के बाद अब उन्हें दफनाने की मुश्किल, कब्रस्तानों में नहीं बची शवों को दफनाने की जगह, ताबूत उठाने के लिए चार कंधे मिलना भी मुश्किल

There was a huge jump in the death figures in Turkey, long queues have to be laid to bury the loved ones
मलबे में दबे शवों को निकालने के बाद अब उन्हें दफनाने की मुश्किल, कब्रस्तानों में नहीं बची शवों को दफनाने की जगह, ताबूत उठाने के लिए चार कंधे मिलना भी मुश्किल
तुर्की का बुरा हाल मलबे में दबे शवों को निकालने के बाद अब उन्हें दफनाने की मुश्किल, कब्रस्तानों में नहीं बची शवों को दफनाने की जगह, ताबूत उठाने के लिए चार कंधे मिलना भी मुश्किल
हाईलाइट
  • लाश दफनाने के लिए कम पड़े कब्रिस्तान

डिजिटल डेस्क, तुर्की। सोमवार की सुबह साढे़ चार बजे के करीब तुर्की और सीरिया में ऐसे भूकंप के झटके आए थे। जिसने हजारों की संख्या में लोगों की जान ले ली थी। बीते चार दिनों से राहत और बचाव का काम जारी है। भूकंप का तीव्रता इतना तेज रहा कि इसमें हजारों की संख्या में इमारतें जमींदोज हो चुके हैं। जिनमें कई लोगों की दबने की अभी भी आशंका बनी हुई है। अभी तक इस आपदा से सीरिया और तुर्की में 15 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केवल तुर्की में 12 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। अभी भी मौत के आंकड़े बढ़ने के पूरे आसार हैं क्योंकि अभी पूरी तरह से जमींदोज इमारतों के मलबे हटाए नहीं गए हैं। आलम यह हैं कि इतनी मौतों के चलते कब्रिस्तान में भी खाली जगह नहीं छूटी है। लोगों को दफनाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों से होकर गुजरना पड़ रहा है।

लाश दफनाने के लिए कम पड़े कब्रिस्तान

तुर्की का येसिलकेंट कब्रिस्तान पूरी तरह लाशों से भरा हुआ है। लाशों को दफनाने में घंटों  का समय लग रहा है। भूकंप का एपीसेंटर रहा गजियाटेप की मेयर फातिमा साहिन ने मुस्लिम प्रचारकों से आगे आकर लोगों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, मुस्लिम प्रचारक कब्रिस्तानों में जाकर लाशों को दफनाने में लोगों की मदद करें। बता दें कि, येसिलकेंट में भी भूकंप का प्रकोप देखने को मिला है। यहां भी सैकड़ों लोगों की मौत इमारतों में दबने की वजह से हुई हैं। अभी भी इस क्षेत्र में राहत और बचाव के लिए काम जारी है।

परिवार को कंधा देने वाला नहीं बचा

रेस्क्यू टीम बुधवार को देर रात तक राहत और बचाव के लिए काम करता रहा। तुर्की में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिसे रेस्क्यू टीम को कई मोर्चों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गिरी हुई इमारतों को ड्रिल मशीन की सहायता से खोदा जा रहा है और जिंदगियां तलाश करने की कोशिश की जा रही है। खबरों की मानें तो, अब लगभग सभी लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है। मलबे से ज्यादा लाशें ही निकाली जा रही हैं। शवों को निकालने के बाद सड़कों पर रखा जा रहा है। न जाने कितनी ऐसी लाशें हैं जिनकी पहचान नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि किसी की पूरी की पूरी फैमिली इस आपदा की चपेट में आ गई है। उन्हें दफन करने के लिए कोई नहीं बचा है।

वायरल हो रही हैं तस्वीरें

तुर्की में आए भूकंप ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। दुनियाभर के 70 देश तुर्की की मदद के लिए सामने आए हैं। जिसमें से एक भारत भी है। भारत ने तुर्की में दो एनडीआरएफ की टीम को भेजा है। बता दें कि, सोशल मीडिया पर लगातार तुर्की और सीरिया के फोटोज और वीडियोज वायरल हो रहे हैं। जिनमें कई तरह के भयावहा मंजर को देखा जा सकता है। इमारतों से कई जिंदगियों को बचाया गया है इनमें कितने छोटे-छोटे बच्चों को भी जिंदा निकाला गया है। जिनकी तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। भूकंप के इतने तेज झटके थे कि ग्रीनलैंड, सीरिया, इजरायल तक महसूस किए गए थे।  

Created On :   9 Feb 2023 7:47 AM GMT

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