अमेरिकी सीनेट ने पारित किया विधेयक, भारत को मिलेगा NATO सहयोगी जैसा दर्जा

To give India NATO ally-like status, US Senate passes legislative provision
अमेरिकी सीनेट ने पारित किया विधेयक, भारत को मिलेगा NATO सहयोगी जैसा दर्जा
अमेरिकी सीनेट ने पारित किया विधेयक, भारत को मिलेगा NATO सहयोगी जैसा दर्जा
हाईलाइट
  • अमेरिकी सीनेट ने पिछले हफ्ते पारित किया विधेयक
  • इस कदम से दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा
  • भारत को मिलेगा नाटो सहयोगी देश जैसा दर्जा

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। भारत को नाटो (NATO) सहयोगी देश जैसा दर्जा देने का विधेयक अमेरिकी सीनेट ने पारित किया है। अमेरिका के इस कदम से दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ावा मिलेगा। ये विधेयक भारत को अमेरिका के नाटो सहयोगियों जैसे दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और जापान जैसा दर्जा देगा।

वित्तीय वर्ष 2020 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन ऐक्ट (NDAA) को पिछले सप्ताह अमेरिकी सीनेट ने पारित किया था। अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के दोनों सदनों, प्रतिनिधि सभा और सीनेट से पारित होने के बाद विधेयक कानून का रूप ले लेगा। हिंद महासागर में भारत के साथ मानवीय सहयोग, आतंक के खिलाफ संघर्ष, काउंटर-पाइरेसी और मैरीटाइम सिक्यॉरिटी के क्षेत्रों में अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग को इससे बढ़ावा मिलेगा। सेनेटर जॉन कॉर्निन और मार्क वॉर्नर ने इस विधेयक को पेश किया था।

हिंदू अमेरिकी फाउंडेश के एमडी समीर कालरा ने कहा, "भारत को गैर-नाटो देश के दर्जे से ऊपर लाना बेहद महत्वपूर्ण है। यह भारत और अमेरिका के बीच अभूतपूर्व संबंधों की शुरुआत है।" हिंदू अमेरिका फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेसमैन शेरमैन ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हमने अमेरिका और भारत के बीच के संबंधों के महत्व को समझा है।

अमेरिका ने 2016 में भारत को "मेजर डिफेंस पार्टनर" के रूप में मान्यता दी थी। ये मान्यता भारत को अमेरिका से अधिक एडवांस्ड और सेंसिटिव तकनीक खरीदने की इजाजत देता है और साथ ही भारत को अमेरिका के निकटतम देशों की सूची में भी शामिल करता है।

जुलाई 2018 में, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत को स्ट्रेटेजिक ट्रेड ऑथराइजेशन-1 (एसटीए-1) कंट्री का दर्जा दिया था। भारत यह दर्जा पाने वाला दक्षिण एशिया में पहला देश था। एसटीए-1 की श्रेणी में शामिल देशों के पास नेशनल सिक्योरिटी, केमिकल या बायोलॉजिकल वेपन, न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफरेशन, रीजनल स्टेबिलिटी और क्राइम कंट्रोल से जुड़े उत्पाद और तकनीकि प्राप्त करने के हकदार होते हैं।

Created On :   2 July 2019 12:36 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story