नीरव मोदी की 25 जुलाई तक बढ़ी रिमांड, वीडियोलिंक के जरिए हुआ कोर्ट में पेश

नीरव मोदी की 25 जुलाई तक बढ़ी रिमांड, वीडियोलिंक के जरिए हुआ कोर्ट में पेश
हाईलाइट
  • नीरव पर PNB में 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है
  • ब्रिटेन की एक अदालत ने नीरव मोदी की रिमांड 25 जुलाई तक बढ़ा दी
  • मार्च में गिरफ्तारी के बाद से वह लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे है

डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की रिमांड 25 जुलाई तक बढ़ा दी। 48 वर्षीय नीरव पर पंजाब नेशनल बैंक में 13000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का आरोप है। मार्च में गिरफ्तारी के बाद से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में सलाखों के पीछे है।

गुरुवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने नियमित रिमांड की सुनवाई के लिए नीरव मोदी  जेल से वीडियोलिंक के माध्यम से पेश हुआ। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में नीरव मोदी की टीम ने न्यायाधीश से लैपटॉप दिए जाने का अनुरोध किया है। इसके पीछे उनका तर्क है कि नीरव मोदी जेल में उनके खिलाफ भारत सरकार द्वारा दायर 5000 पन्नों के मामले को पढ़ना चाहते है।

नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था और तब से जेल में है। ब्रिटेन की हाईकोर्ट ने 12 जून को नीरव मोदी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जमानत पाने का उसका ये चौथा प्रयास था। नीरव मोदी यूके में 13,700 करोड़ रुपए से ज्यादा के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रत्यर्पण कार्यवाही का सामना कर रहा है।

बता दें कि नीरव मोदी की जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए, हाईकोर्ट के जस्टिस इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि यह मानने के लिए "पर्याप्त आधार" हैं कि 48 वर्षीय व्यक्ति सरेंडर करने में विफल होगा। इसके बाद जस्टिस सिमलर ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोर्ट इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि गवाहों के साथ छेड़छाड़ और मामले में सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि यह अभी भी हो सकता है।

ब्रिटेन के कानून के तहत, नीरव मोदी को हर चार सप्ताह में अदालत में पेश होना है। नीरव की 29 जुलाई को केस मैनेजमेंट सुनवाई कोर्ट के कलेंडर में फिक्स है। इससे पहले उसकी एक बार फिर रिमांड की सुनवाई होने की उम्मीद है। यूके के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहा है, और उसे 11 जुलाई तक नीरव मामले में ओपनिंग पोजिशन स्टेटमेंट पेश करना है। 

Created On :   27 Jun 2019 2:00 PM GMT

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