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नई रिसर्च : अजन्मे बच्चे संक्रमित मां की वजह से कोरोना संक्रमित हो सकते हैं: अध्ययन

हाईलाइट
- भ्रूण को संक्रमित करने वाले वायरस के अवसर बेहद सीमित हैं- शोधकर्ता
डिजिटल डेस्क, लंदन। सार्स-सीओवी-2 वायरस के संपर्क में आने पर एक अजन्मा बच्चा कोरोना से संक्रमित हो सकता है। यह दावा एक नए अध्ययन में किया गया है। यूनिवर्सिटी कॉलेज, लंदन के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में पाया गया कि कुछ भ्रूण के अंग, जैसे कि आंत, दूसरों की तुलना में संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। हालांकि, शोधकर्ताओं ने कहा कि भ्रूण को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस के अवसर बेहद सीमित हैं, क्योंकि प्लेसेंटा अत्यधिक प्रभावी और सुरक्षात्मक ढाल के रूप में कार्य करता है।
यूसीएल के सर्जरी और इंटरवेंशनल साइंस और रॉयल फ्री हॉस्पिटल के डिवीजन से डॉ मटिया गेरली ने कहा, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण का क्लिीनिकल संक्रमण संभव है। हालांकि, यह असामान्य है और यह माता-पिता के लिए आश्वस्त करने वाला है। अध्ययन के लिए बीजेओजी - एन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी में प्रकाशित, शोधकर्ताओं ने यह समझने के लिए निर्धारित किया कि नवजात शिशुओं में कोरोना एंटीबॉडी कैसे विकसित हो सकते हैं, जैसा कि बहुत कम मामलों में बताया गया है। यह पता लगाने के लिए, शोधकर्ताओं ने मानव विकास जीवविज्ञान संसाधन (एचडीबीआर) बायोबैंक के माध्यम से उपलब्ध कराए गए कई भ्रूण अंगों और प्लेसेंटा ऊतक की जांच की, जो भ्रूण अनुसंधान में सहायता करता है।
टीम ने प्रोटीन रिसेप्टर्स एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 की उपस्थिति की जांच की और सार्स-सीओवी-2 वायरस को संक्रमित और फैलाने के लिए आवश्यक पाया। शोधकतार्ओं ने पाया कि आंत और किडनी ही भ्रूण के एकमात्र अंग थे जिनमें एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 दोनों शामिल थे। जन्म के बाद एसीई2 और टीएमपीआरएसएस2 रिसेप्टर्स को मानव आंत के साथ-साथ फेफड़ों में कोशिकाओं की सतह पर संयोजन में मौजूद होने के लिए जाना जाता है। यह भी कोरोना संक्रमण के लिए मुख्य मार्ग होने का संदेह है, लेकिन छोटे बच्चों में वायरस के संक्रमण के लिए आंत सबसे महत्वपूर्ण है।
गेरली ने समझाया, गर्भावस्था के दूसरे भाग में भ्रूण को एमनियोटिक द्रव निगलना शुरू करने के लिए जाना जाता है। संक्रमण का कारण बनने के लिए, सार्स-सीओवी-2 वायरस को भ्रूण के चारों ओर एमनियोटिक द्रव में महत्वपूर्ण मात्रा में मौजूद होने की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, हालांकि, मातृत्व देखभाल में कई अध्ययनों में पाया गया है कि भ्रूण के चारों ओर एमनियोटिक द्रव में आमतौर पर सार्स-सीओवी2 वायरस नहीं होता है, भले ही मां कोरोना से संक्रमित हो।
(आईएएनएस)
भोपाल: आईसेक्ट द्वारा डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट द्वारा लर्निंग एंड डेवलपमेंट की पहल के तहत बिलासपुर छत्तीसगढ़ स्थित डॉ. सी.वी. रामन विश्वविद्यालय में "टीम बिल्डिंग, टाइम मैनेजमेंट और सॉफ्ट स्किल्स" विषय एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया। आईसेक्ट भोपाल की कॉर्पोरेट एचआर टीम इस अवसर पर बिलासपुर में उपस्थित रही और श्रीमती पुष्पा कश्यप की अध्यक्षता में टीम एचआर, बिलासपुर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस इंटरैक्टिव सत्र में 80 से अधिक फैकल्टी सदस्यों ने अपनी पूरी भागीदारी के साथ भाग लिया। विशेषज्ञ प्रख्यात वक्ता श्रीमती गीतिका जोशी जो प्रबंधन और सॉफ्ट स्किल्स में एक कॉर्पोरेट ट्रेनर हैं, ने बात करते हुए टाइम मैनेजमेंट के कई टिप्स दिए और कार्यस्थल पर प्रोडक्टिव होने के तरीके बताए। श्री गौरव शुक्ला, डॉ. सीवीआरयू के रजिस्ट्रार और प्रो-वाइस चांसलर श्रीमती जयती मित्रा ने इस तरह के प्रशिक्षण के माध्यम से कर्मचारियों को अपस्किल करने में एलएंडडी/कॉर्पोरेट एचआर टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कुछ अंतराल पर अपने तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा। सीवीआरयू बिलासपुर के चांसलर श्री संतोष चौबे, आईसेक्ट के निदेशक डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह की निदेशक श्रीमती अदिति चतुर्वेदी ने कार्यक्रम की सफलता पर टीम सीवीआरयू और कॉर्पोरेट एचआर/एल एंड डी को बधाई दी।
भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के वूमेन डेवलपमेंट सेल द्वारा 5वां वूमेन एक्सिलेंस अवार्ड का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुश्री अनुभा श्रीवास्तव (आईएएस), कमिश्नर, हैंडलूम एंड हैंडीक्राफ्ट विभाग, मध्य प्रदेश , विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रूबी खान, डायरेक्टर, डायरेक्टोरेट आफ हेल्थ सर्विसेज, सुश्री रवीशा मर्चेंट, प्रिंसिपल डिजाइनर, ट्रीवेरा डिजाइंस, बट ब्रहम प्रकाश पेठिया कुलपति आरएनटीयू उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स, प्रो-चांसलर, आरएनटीयू एंड डायरेक्टर, आइसेक्ट ग्रुप आफ यूनिवर्सिटीज ने की।
इस अवसर पर सुश्री अनुभा श्रीवास्तव ने महिलाओं को अपनी बात रखने एवं निर्णय क्षमता को विकसित करने पर जोर दिया। महिलाओं को अपने व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर भी अपने विचार साझा किए। डॉ. अदिति चतुर्वेदी वत्स ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में महिलाओं का एक अहं रोल होता है। चाहे वो रोल हमारी मां के रूप में हो या फिर बहन या पत्नी के रूप में। हमें हर रूप में महिला का साथ मिलता है। लेकिन ऐसा काफी कम होता है जब हम इन्हें इनके कार्य के लिए सम्मानित करते हैं। ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें यह अवसर देता है कि हम अपने जीवन की महिलाओं को उनके कार्यों और उनके रोल के लिए सम्मानित करें। इसी तारतम्य में आरएनटीयू पांचवां वूमेन एक्सीलेंस अवॉर्ड से इन्हें सम्मानित कर रहा है।
डॉ रूबी खान ने महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एवं अपने स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें इसकी जानकारी दी। वहीं सुश्री रवीशा मर्चेंट ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त रहने एवं किसी भी परिस्थिति पर हार ना मानना एवं परिवार और काम में संतुलन बनाए रखने के विषय में विस्तृत जानकारी दी। डॉ ब्रम्ह प्रकाश पेठिया ने देश की बढ़ती जीडीपी में महिलाओं का अहम योगदान माना। उन्होंने बताया कि जल थल एवं हवाई सीमा में भी विशेष योगदान महिलाएं दे रही हैं।
कार्यक्रम में रायसेन और भोपाल जिले की शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को वूमेन एक्सीलेंस अवार्ड से नवाजा गया। साथ ही पूर्व में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता महिलाओं को भी पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के अंत में डॉ संगीता जौहरी, प्रति-कुलपति, आरएनटीयू ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संयोजन एवं समन्वयन नर्सिंग एवं पैरामेडिकल विभाग की अधिष्ठाता एवं महिला विकास प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया। मंच का संचालन डॉ रुचि मिश्रा तिवारी ने किया।
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