अमेरिका अपने दोस्त भारत के लिए ढूंढ रहा है तेल सप्लाई का नया विकल्प

US Exploring alternative oil supplies for their friend India
अमेरिका अपने दोस्त भारत के लिए ढूंढ रहा है तेल सप्लाई का नया विकल्प
अमेरिका अपने दोस्त भारत के लिए ढूंढ रहा है तेल सप्लाई का नया विकल्प
हाईलाइट
  • अमेरिका भारत के लिए तेल सप्लाई का नया विकल्प तलाशने में जुटा है।
  • अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद अगर भारत ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देता है तो भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
  • ईरान पर लगाए अमेरिकी प्रतिबंधों का दूसरा चरण 4 नवंबर से शुरू हो जाएगा।

डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। ईरान के ऑइल बिजनेस को प्रभावित करने वाला अमेरिकी प्रतिबंध का दूसरा चरण 4 नवंबर से शुरू हो जाएगा। अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद अगर भारत ईरान से कच्चा तेल खरीदना बंद कर देता है तो भारत को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि भारत ने अभी तक अपना स्टैंड साफ नहीं किया है कि वह ईरान से कच्चे तेल का इंपोर्ट जारी रखेगा या नहीं। यहीं वजह है कि अब अमेरिका भारत के लिए तेल सप्लाई का नया विकल्प तलाशने में जुटा है।

अमेरिका की दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की मंत्री एलिस वेल्स ने कहा, अमेरिका को भारत की तेल जरूरतों का अंदाजा है और इसीलिए निजी क्षेत्र की कंपनियां कच्चा तेल निर्यात करने वाले नए देशों की तलाश कर रही हैं। भारत और अमेरिका के विशेषज्ञ ईरान पर प्रतिबंध के बाद के हालात पर चर्चा कर रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि वह नहीं चाहता कि उसके कदम की वजह से उनके मित्र भारत की अर्थव्यवस्था पर कोई असर पड़े।

इससे पहले ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने भारत की विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद कहा था, हमारे भारतीय मित्रों का ईरान से आर्थिक सहयोग और कच्चे तेल का आयात जारी रखने को लेकर रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। भारतीय विदेश मंत्री ने भी इसी बात को दोहराया है। जरीफ ने कहा, शिपिंग और परिवहन के क्षेत्र में हमारा अच्छा सहयोग है। चाबहार में भारतीय उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे पास भारत के साथ व्यापक सहयोग है, जिसमें ऊर्जा सहयोग भी शामिल है क्योंकि ईरान हमेशा भारत के लिए ऊर्जा का विश्वसनीय स्रोत रहा है।

बता दें कि इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की है। भारत ने इसी साल ईरान से तेल आयात बढ़ाने का फैसला किया था जब ईरान ने भारत को करीब-करीब मुफ्त ढुलाई और उधारी की मियाद बढ़ाने का ऑफर दिया था। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।

इसी साल मई 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी। साथ ही ईरान पर फिर से नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी। सात अगस्त को प्रतिबंध का पहला चरण लागू हो चुका है और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा। 

Created On :   30 Sept 2018 12:45 AM IST

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