PM Modi's visit to China: पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर चीन में चर्चाएं हुई तेज, दोनों देशों के संबंधों को लेकर कही जा रही ये बात

पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर चीन में चर्चाएं हुई तेज, दोनों देशों के संबंधों को लेकर कही जा रही ये बात
  • द्विपक्षीय संबंधों में गर्मजोशी के मिले संकेत
  • चीन-भारत संबंधों में लंबे समय तक रहे उतार-चढ़ाव
  • चीन के टेक्निकल एक्सपर्ट्स के लिए वीजा बैन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को लेकर दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवासीय चीन दौरे की खबर सामने आई हैं। यह उनकी यात्रा बीते 7 सालों में पहली बार होंने वाली है, जहां पर वे 31 अगस्त से 1 सितंबर के बीच तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन का हिस्सा होंगे।

पीएम मोदी के दौरे को लेकर चीन में गर्मजोशी का माहौल

अमेरिका के खिलाफ भारत इस वक्त सख्त बना हुआ है और फिर पीएम मोदी की चीन यात्रा को लेकर चीन में चर्चाएं तेज हो गई हैं, इस पर आज तक ने चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय कॉलम के हवाले से लिखा, "चीन और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे मतभेदों और विवादों के बावजूद, द्विपक्षीय संबंधों में गर्मजोशी के संकेत हैं। 2020 के सीमा संघर्ष के बाद, चीन-भारत संबंधों में लंबे समय तक उतार-चढ़ाव का दौर रहा, जिसका राजनीतिक विश्वास, आर्थिक संबंधों और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर गंभीर प्रभाव पड़ा।"

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, "अक्टूबर 2024 में, कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों को नए सिरे से शुरू करने की नींव रखी। दोनों देशों के नेता सभी स्तरों पर इस बात से सहमत हैं कि भारत और चीन एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं बल्कि विकास का अवसर हैं, और प्रतिस्पर्धी नहीं बल्कि सहयोगी साझेदार हैं।"

भारत-चीन संबंध

अखबार के मुताबिक, "अगर मोदी इस बार चीन की यात्रा करते हैं, तो यह चीन-भारत संबंधों को मजबूत करने का मौका देगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच अभी भी कई गंभीर मुद्दे हैं जिनका समाधान जरूरी है। चीनी निवेश की समीक्षा और दमन से लेकर, चीन के टेक्निकल एक्सपर्ट्स के लिए वीजा बैन करने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों की पूर्ण बहाली रोकने तक, भारत ने कई बाधाएं खड़ी की हैं जो द्विपक्षीय संबंधों में रुकावट बन गई हैं।"

पश्चिमी मीडिया इस दौरे को लेकर क्या बोले?

पीएम मोदी के दौरा इस वक्त हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाने की ठान ली है। भारत अमेरिका के सामने झुकने को तैयार नहीं है, वहीं, बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप ने नाराजगी जाहिर करते हुए भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान कर दिया है।

इस पर ग्लोबल टाइम्स ने बताया, "मोदी की चीन यात्रा की खबर ऐसे समय में आई है जब अमेरिकी सरकार ने भारत के सामानों पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की घोषणा की है। कुछ पश्चिमी मीडिया संस्थानों ने मोदी की यात्रा को अमेरिका के खिलाफ बचाव करने की कोशिश के रूप में वर्णित किया है। हालांकि, उनकी यह अपनी राय है। मुक्त व्यापार की रक्षा करना और एकतरफा टैरिफ का विरोध करना आज दुनिया के अधिकांश देशों की साझा इच्छा है और भारत भी वही कर रहा है।"

समाचार के अनुसार, "चीन और भारत पड़ोसी हैं, और जिन क्षेत्रों में वे सहयोग कर सकते हैं उनकी लिस्ट लंबी है। अगर इस बार मोदी की चीन यात्रा हो पाती है, तो यह चीन और भारत के बीच सहयोग के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगा। एससीओ के जरिए मजबूत होता सहयोग न केवल दोनों देशों के विकास को फायदा पहुंचाएगा बल्कि क्षेत्रीय शांति और समृद्धि में भी योगदान देगा। जैसा कि हिंदुओं के बीच एक कहावत है कि अपने भाई की नाव पार लगाओ और तुम्हारी नाव किनारे तक पहुंच जाएगी।"

ग्लोबल टाइम्स ने आखिरी में लिखा, "द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने और- ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) के साथ नाचने के एक नए चैप्टर को शुरू करने के सच्चे इरादे से हम प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा का स्वागत करते हैं।"

Created On :   8 Aug 2025 7:48 PM IST

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