भयावह प्राकृतिक आपदा: सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में भूस्खलन से भारी तबाही, 1000 लोगों की मौत

- देश पर नियंत्रण रखने वाले विद्रोही समूह- सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी ने दी जानकारी
- कई दिनों की भारी बारिश के बाद तरासिन गांव में हुआ भूस्खलन
- हालही के सालों की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूडान के पश्चिमी क्षेत्र दारफुर में भूस्खलन की वजह से 1000 लोगों की मौत होने की खबर है। इसकी जानकारी देश पर नियंत्रण रखने वाले विद्रोही समूह- सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी ने दी। उन्होंने बताया कि कई दिनों की भारी बारिश के बाद तरासिन गांव में बीते रविवार को भूस्खलन हुआ। जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई।
सूडान लिबरेशन मूवमेंट-आर्मी के अनुसार गांव में रहने वाले लगभग सभी लोगों की मौत हो गई। केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा है। गांव पूरी तरह से तबाह हो चुका है। संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता समूहों से राहत और बचाव कार्य चलाने , शवों को बरामद करने के लिए मदद की गुहार लगाई है।
कई रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ये गांव मध्य दारफुर के मर्राह पर्वतों के बीच है। भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन को हाल ही के सालों की सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के एक साझा वीडियो में बताया है कि पहाड़ों के बीच पूरा इलाका समतल हो गया है और लोग वहां मलबे में तलाश कर रहे हैं।
सूडान में अप्रैल 2023 से देश की सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) के बीच राजधानी खार्तूम समेत कई जगहों पर लड़ाई छिड़ी हुई है। सेना और आरएसएफ के बीच जारी लड़ाई से मर्राह पर्वत समेत दारफुर क्षेत्र का अधिकांश इलाका संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों की पहुंच से दूर है। यू कहे आपदा ऐसे समय में आई है ,जब सूडान पहले से ही भयानक गृहयुद्ध के संकट से जूझ रहा है। सूडान में संघर्ष में अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, और 1.4 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो गए है। पूरे देश में अकाल जैसी स्थिति है। लोगों को जिंदा रहने के लिए घास खाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
Created On :   2 Sept 2025 4:46 PM IST