फिर उठे सवाल: खत्म नहीं हो रही ट्रूडो की मुश्किलें, पहले भारत पर लगाया झूठा आरोप और अब यहूदियों के कातिल को किया सम्मानित, विपक्ष ने संसद में घेरा

खत्म नहीं हो रही ट्रूडो की मुश्किलें, पहले भारत पर लगाया झूठा आरोप और अब यहूदियों के कातिल को किया सम्मानित, विपक्ष ने संसद में घेरा
  • नाजी लड़ाके का सम्मान करने को लेकर घिरे ट्रूडो
  • नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
  • भारत पर लगाए आरोपों

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले भारत पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के बाद अब उन पर यहूदियों की हत्या करने वाले नाजी सैनिक का सम्मान करने का आरोप लगा है। दरअसल, कनाडा के नेता प्रतिपक्ष पियरे पोइलिवरे ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने एसएस (एक नाजी डिवीजन) के 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन के पूर्व 'लड़ाके' से मुलाकात की और उसे सम्मानित किया। इस कृत्य के उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, लिबरल लोगों (जस्टिन ट्रूडो की पार्टी) ने इस सप्ताह यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की कनाडा यात्रा के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में नाजी 'दिग्गजों' को मान्यता दी थी। पोइलिवरे ने इसे ट्रूडो सरकार की बड़ी गलती बताते हुए कहा, उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के इवेंट के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय जिम्मेदार है।

ह्यूमन राइट्स ग्रुप फ्रेंड्स ऑफ साइमन वीसेंथल सेंटर के ट्वीट का जवाब देते हुए पोइलिवरे ने ये पोस्ट किया था। ह्यूमन राइट्स ग्रुप ने एक्स पर लिखा, "एफएसडब्ल्यूसी इस बात से हैरान है कि कनाडा की संसद ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदियों और अन्य लोगों की सामूहिक हत्या का मुजरिम 'नाजी सैन्य इकाई' में सेवा देने वाले यूक्रेनी व्यक्ति का खड़े होकर अभिवादन किया।"

मामला बढ़ता देख संसद के स्पीकर एंटनी रोका ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा है कि यह उनका निजी फैसला था। उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्ति के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं थी, बाद में जानकारी मिलने के बाद मुझे अपने फैसले पर पछतावा हुआ।" इसके साथ ही उन्होंने यहुदी समुदाय से माफी भी मांगी है।

"यूक्रेन के एक 98 साल के आप्रवासी यारोस्लाव हुंका को हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर एंथनी रोटा ने 'द्वितीय विश्व युद्ध के यूक्रेनी कनाडाई युद्ध के दिग्गज के रूप में पेश किया था, जिन्होंने रूसियों के खिलाफ यूक्रेन की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी'। साथ ही उसे एक यूक्रेनी हीरो और एक कनाडाई हीरो बताया। इस बात की अनदेखी करते हुए कि यूक्रेनी शख्स हुंका ने एसएस के 14वें वाफेन ग्रेनेडियर डिवीजन में सेवाएं दी थी। ये डिवीजन एक नाजी सैन्य यूनिट थी जिसका होलोकॉस्ट (यहूदी नरसंहार) के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध करने का इतिहास दर्ज है।"

भारत पर भी पूछे सवाल

नेता प्रतिपक्ष पियरे ने इससे पहले भारत पर खालिस्तानी आंतकी निज्जर की हत्या के आरोप लगाने के बाद जस्टिन ट्रूडो से सवाल किए थे। उन्होंने कहा था, "मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री (ट्रूडो) को सभी तथ्यों के साथ सामने आने की दरकार है। हमें सभी संभावित सबूतों को जानने की जरूरत है ताकि कनाडा के नागरिक इस पर फैसला ले सकें। पीएम ट्रूडो ने किसी तरह के कोई तथ्य सामने नहीं रखे हैं, उन्होंने महज एक बयान दिया है। उन्होंने कनाडा के लोगों को सार्वजनिक तौर से जितना बताया है, उससे ज्यादा उन्होंने मुझे निजी तौर पर नहीं बताया। इसलिए हम और ज्यादा जानकारी जानना चाहते हैं।"

Created On :   25 Sep 2023 6:22 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story