नहीं होना चाहते हैं अस्थमा का शिकार तो घर के आस-पास करें ये काम

a research says that asthma will improve if you live in green and clean environment
नहीं होना चाहते हैं अस्थमा का शिकार तो घर के आस-पास करें ये काम
नहीं होना चाहते हैं अस्थमा का शिकार तो घर के आस-पास करें ये काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली जैसे व्यस्त और भीड़ से भरे शहरों में देखा गया है कि ऊंची-ऊंची इमारतों की चाह में लोग प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। जिसका नतीजा खुद इंसानों को ही भुगतना पड़ रहा है। जिन शहरों में अधिक भीड़ और प्रदूषण है उन शहरों में अधिकतर लोगों में स्वास की बीमारियों से ग्रसित लोग ज्यादा पाए गए। रिसर्च में पाया गया है कि अस्थमा के शिकार लोगों को अगर स्वच्छ और खुले वातावरण में रखा जाए तो इससे उनकी बीमारी में सुधार होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

बिल्डिंगों की चाह में घर के आस-पास फैली हवा में प्रदूषण से अगर आप भी सांस संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो अब समय आ गया है कि आप अपना घर ऐसी जगह बनाए, जहां आपके पड़ोस में ज्यादा से ज्यादा हरे-भरे पेड़ हों। रिसर्च के अनुसार, वायु प्रदूषण के शिकार शहरों में अधिक से अधिक पेड़ों के विस्तार से सांस संबंधी रोगों से पीड़ित लोगों की सेहत में सुधार किया जा सकता है।

 

रिसर्च में कहा गया है कि प्रति किलोमीटर 300 या उससे ज्यादा पेड़ लगाएं। इससे उतने इलाके की हवा सांस लेने लायक रहेगी। इतने इलाके के पास रहने वाले लोगों में दमा (अस्थमा) जैसी समस्याएं लोगों में कम होंगी। पेड़ लगाने से कारों से होने वाले वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है। ब्रिटेन की डीवॉन के एक्सीटर विश्वविद्यालय के रिसर्चर इयान अल्कोक का कहना है कि "हम यह साफ करना चाहते थे कि शहरी वनस्पति सांस संबंधी हेल्थ ठीक रख सकता है।"

शोधकर्ताओं की टीम ने पिछले 15 साल के दौरान दमा के 650,00 गंभीर हमलों का आकलन किया है। सर्दियां शुरू होते ही देश की राजधानी दिल्ली में स्मॉग ने लोगों को आंखों में जलन और सिर दर्द जैसी समस्याओं से जूझने के लिए मजबूर कर दिया था। जिसके चलते लोगों को मास्क पहनकर चलना पड़ रहा था। ऐसे में दिल्ली के प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए अस्थमा के मरीजों के लिए यह रिसर्च काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि जहां भी घर बनाए आस-पास हरियाली जरूर रखें। इससे आपकी सेहत को ही लाभ मिलेगा। 

Created On :   21 Nov 2017 9:32 AM GMT

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