FTP 2015-20 में निर्यात बढ़ाने को लेकर नए प्रोत्साहनों की घोषणा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए सरकार ने निर्यात को बढावा देने पर विचार कर रही है। इसी के मद्देनजर देश से निर्यात बढ़ाने के लिए नए प्रोत्साहनों की घोषणा की है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने विदेश व्यापार नीति (FTP) 2015-20 की मध्यावधि समीक्षा करते हुए इंसेंटिव्स की घोषणा की। उन्होंने कहा कि श्रमिकोन्मुखी उद्योगों और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) वाले समूचे क्षेत्र के लिए भारत से वस्तु निर्यात योजना (MEIS) के तहत प्रोत्साहन दर दो प्रतिशत बढ़ाई जायेगी।
प्रभु ने आगे कहा कि "मध्यावधि समीक्षा का मकसद प्रक्रियाओं के सरलीकरण के जरिए निर्यात प्रोत्साहन, उच्च रोजगार वाले क्षेत्रों को समर्थन बढ़ाना, GST के लाभों का उपयोग, सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा और अत्याधुनिक विश्लेषण के जरिए निर्यात प्रदर्शन की निगरानी करना है।
वैश्विक और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं में भारतीय उद्योग की भागीदारी बढ़ाने पर जोर
उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार नीति में मुख्य जोर नए बाजारों और उत्पादों की संभावनाएं तलाशना, परंपरागत बाजारों और उत्पादों के निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ाना है। प्रभु ने कहा कि हमारा जोर वैश्विक और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं में भारतीय उद्योग की भागीदारी बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि FTP में नए बाजारों और उत्पादों की संभावनाएं तलाशने और परंपरागत बाजारों तथा उत्पादों के निर्यात में भारत का हिस्सा बढ़ाने पर जोर है। मंत्री ने कहा कि हमारा जोर वैश्विक और क्षेत्रीय मूल्य श्रृंखलाओं में भारतीय उद्योग की भागीदारी बढ़ाना है। FTP के तहत चमड़ा क्षेत्र को 749 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक प्रोत्साहन उपलब्ध होगा।
किसानों की आय बढ़ाने पर जोर
इसके अलावा कपड़े के दो उप-क्षेत्रों सिलेसिलाए परिधान और मेडअप्स के लिए MEIS को पहले ही दो से बढ़ाकर चार प्रतिशत किया गया है। इसमें अतिरिक्त वार्षिक प्रोत्साहन 2,743 करोड़ रुपए का दिया जाएगा। वहीं, हाथ से बने रेशम के कालीन, हथकरघा, नारियल रेशे और जूट उत्पादों के लिए 921 करोड़ रुपये, कृषि उत्पादों के लिए 1,354 करोड़ रुपये, समुद्री उत्पादों के लिए 759 करोड़ रुपये, दूरसंचार, इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जा क्षेत्र के लिए 369 करोड़ रुपये और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के लिए 193 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रभु ने कहा कि विदेश व्यापार नीति में केंद्रित कृषि निर्यात के जरिए किसानों की आय बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है।
निर्यात वृद्धि सकारात्मक रही
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के क्रियान्वयन के बारे में प्रभु ने कहा कि इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से निर्यात क्षेत्र में वृद्धि बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रभु ने कहा कि निर्यात वृद्धि में अब उल्लेखनीय सुधार दिख रहा है। पिछले 14 में से 13 महीनों में निर्यात वृद्धि सकारात्मक रही है। 5 साल की विदेश व्यापार नीति की घोषणा एक अप्रैल, 2015 को हुई थी। इसमें 2020 तक देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात 900 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। वैश्विक निर्यात में भारत का हिस्सा मौजूदा 2 से बढ़ाकर 3.5 प्रतिशत करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
Created On :   6 Dec 2017 12:34 PM IST