घर में सजावट के लिए जला रहे हैं अरोमा कैंडल्स तो रहें सावधान!
डिजिटल डेस्क, भोपाल। ईसाइयों का पवित्र त्योहार क्रिसमस आने वाला है, ऐसे में मोमबत्तियों की खपत मार्केट में बढ़ जाती है। इन दिनों ऐसे मौकों पर अरोमा कैंडल का चलन बढ़ा है। ये मोमबत्तियां जन्मदिन के मौके पर, या हनीमून के दौरान इंटीरियर डेकोरेशन के तौर इस्तेमाल की जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि इन मोमबत्तियों से सेहत को कितना नुकसान पहुंचता है।
इनकी खुशबू जितनी अच्छी होती है, उतना ही इन कैंडल्स से निकलने वाला धुंआ हानिकारक होता है। इसमें खुशबू के पैदा करने कि लिए जिस केमिकल का यूज किया जाता है, वह सिगरेट के धुंए से भी अधिक जहरीला होता है। जिससे कैंसर जैसी भंयकर बीमारी की संभावना रहती है। ये मोमबत्तियां हवा में कैंसर फैलाने वाले केमिकल्स फैलाती हैं।
जानकारी के अनुसार, इन सुगंधित कैंडल्स में कम से कम 20 जहरीले तत्व मौजूद होते हैं। इनमें से अधिकतर ट्रीचोरोंएथाने, एसीटोन, सायलेन, फिनोल, क्रिसोल, चोलोरोबेंज़ोन आदि हैं। इनसे फेफड़ों में जलन के साथ ही दिमाग व शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहंचता है।
सुगंधित मोमबत्ती से होने वाले नुकसान
अरोमा कैंडल्स पैराफिन वैक्स से बनती हैं। इसे जलाने पर निकली सुगंध फेफड़ों में जलन होने के अलावा कैंसर होने की संभावना रहती हैं। अरोमा कैंडल की सुगंध से आपको एलर्जी भी हो सकती है।
जिन लोगों को दमा की समस्या है, उनके लिए पैराफिन कैंडल बहुत अधिक खतरनाक है। इसका धुंआ सांस के रूप में जाने से आपका दम घुट सकता है। इस कैंडल की सुगंध से सिर दर्द की भी समस्या होने लगती है। इसके धुंएं में बेंजीन और टोल्यूनि केमिकल्स हैं।
अरोमा कैंडल के धुंए से किडनी में ट्यूमर की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इन कैंडल्स को जलाने पर डीजल जैसी गंध आती है, जो सेहत के लिए काफी हानिकारक है।
अरोमा कैंडल के दुष्प्रभावों से ऐसे बचें
बीज्वैक्स या सोया कैंडल प्रयोग करें
आरोमा कैंडल्स जला रहे हैं तो खिड़कियां खुली रखें
इन कैंडिल्स को बंद कमरों में न जलाएं
आरोमा कैंडल्स से केवल सजावट करें
Created On :   14 Nov 2017 4:10 PM IST