मेंटल और फिजिकल दोनों तरह से फायदा करती है अरोमाथेरपी
डिजिटल डेस्क। वैसे तो महिलाएं अपनी खूबसूरती के लिए कई सारे ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन खूबसूरती के साथ अगर सेहत भी अच्छी रहे तो और भी अच्छा होगा। इसके लिए आप अरोमाथेरपी का यूज कर सकती हैं। तुलसी, जैसमीन, गुलाब जैसे अन्य पोधों के ऑयल की मदद से यह थेरपी की जाती है। बेस ऑयल के साथ इनको मिलाया जाता है। अरोमाथेरपी से मेंटल और फिजीकल दोनों तरह से फायदा होता है।
प्रेशर पॉइंट्स
अरोमाथेरपी में प्रेशर पॉइंट्स की मसाज की जाती हैं, जिससे पॉइंट्स को रिलैक्स मिलता है। पैरों के तलवे और हाथों की हथेली के प्रेशर पॉइंट्स दबाने से पूरे शरीर को आराम मिलता है। इससे स्किन का रुखापन, ड़ैड्रफ जैसी परेशानियां भी दूर होती हैं।
ड्राइनेस और डलनेस
इस थेरपी के जरिए आप अपनी खूबसूरती को निखार सकती हैं। इसके बाद स्किन में काफी सॉफ्टनेस आ जाती है। स्किन केयर के लिए थेरपी में मॉइश्र्चराइजिंग लोशन, क्लीनजिंग क्रीम और दूध आदि का इस्तेमाल कर सकती हैं, अगर आपके फेस का नेचुरल ऑयल कम हो रहा है तो लैंग, जरैनियम, रोज कैमेमील बेनजोइन, जैसमीन ऑयल को मिक्स करके लगाया जाता है।
हर इलाज के लिए अलग ऑयल
इस थेरपी में हर इलाज के लिए अलग ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। यदि आप आप टेंशन फ्री होना चाहते हैं तो इसमें लैवेंडर और रोजमेरी का तेल आपके काम आएगा और मूड फ्रेश करने के लिए यलांग का तेल लगाया जाता है। इस थेरपी की खास बात है ये है कि इस थेरपी में यूज होने वाले तेल से बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
हर स्किन टाइप के लिए अलग तेल
इस थेरपी में हर स्किन के हिसाब से ऑयल का यूज किया जाता है। जैसे- सेंसिटिव स्किन के लिए कैमोमाल, रोज, नेरोली यूज होता है। नॉर्मल स्किन के लिए सैंडलवुड, नेरोली या रोज ऑयल का इस्तेमाल सही रहता है। ये ऑयल अकेले या फिर दूसरों के साथ मिलकर भी यूज कर सकते हैं।
Created On :   1 Feb 2019 4:17 PM IST