अर्थराइटिस पीड़ितों को रखना चाहिए अपना खास ख्याल, नहीं तो बढ़ती हैं समस्याएं

डिजिटल डेस्क। घुटनों में दर्द की परेशनी से काफी लोग पीड़ित हैं। इसके कारण उनकी रोजाना की दिनचर्या भी प्रभावित हो सकती है। अगर पहले से सावधानी बरती जाए तो काफी हद तक बचाव हो सकता है। पहले घुटनों की समस्या बढ़ती उम्र में होती थी लेकिन आजकल के युवाओं को भी इससे जूझते देखा जाने लगा है। जीवन की व्यस्तता, खाने-पीने की गलत आदतें युवा पीढ़ी की काफी बीमारियों का कारण बनती जा रही है। उम्र के साथ साथ घुटनों के बीच मौजूद कार्टिलेज घिस कर सूखने लगता है। जिससे घुटने मोड़ने और चलने में तकलीफ होने लगती है। 60 साल की उम्र के बाद ऐसी परेशानियां ज्यादातर लोगों को होने लगती हैं। इसे प्राइमरी ऑस्टियो अर्थराइटिस भी कहा जाता है।
-आजकल के युवा वर्ग में भी दिखते हैं इसके लक्षण
-घुटने मोड़ने और चलने में होती है तकलीफ
-प्राइमरी ऑस्टियो अर्थराइटिस भी कहा जाता है इस समस्या को
बचाव के उपाय :
1. भोजन से पहले 3-4 गिलास पानी पिएं। फिर काफी सारा सलाद खाने के बाद मुख्य भोजन खायें। इससे पहले से ही आपका पेट भरा हुआ सा लगेगा और ज्यादा खाने से बचेंगे। अपने खाने में फल और सब्जियों को ज्यादा शामिल करें।
2. एनिमल फैट्स और दूध से बने पदार्थ जैसे घी, मक्खन से भी परहेज करें। इन फैट्स से घुटनों की झिल्ली में सूजन दर्द और जकड़न महसूस हो सकती है। खाने में वेजिटेबल ऑइल्स का इस्तेमाल आपके लिए अच्छा होगा।
3. अंकुरित अनाज और फाइबरयुक्त चीजें जैसे - दलिया, सूजी और ओट्स को खाने में शामिल करने से फायदा होगा।
4. अपने भोजन में सोयाबीन और पत्तेदार सब्जियों को प्रमुखता दें। इसमें नेचुरल एस्ट्रोजन होता है इससे जोड़ों की सूजन कम होती है।
5. आटे में गेहूं के साथ सोयाबीन या चना मिलवाएं, इससे शरीर को काफी फाइबर मिलेगा जो मांसपेशियों के लिए भी काफी जरूरी होता है।
6. घी तेल का उपयोग कम करने के लिए नॉन स्टिक बर्तनों का इस्तेमाल करें।
7. किसी भी तरह के धूम्रपान या मदिरा का सेवन न करें।
8. मेवे कम खाएं क्योंकि इनमें मौजूद कैलोरी से आपका वजन बढ़ सकता है।
9. तली-भुनी और मीठी चीजें न खाएं साथ ही आलू और चावल जैसी स्टार्च वाली चीजों से भी दूर रहें।
इन टिप्स पर दें ध्यान
-अर्थराइटिस के मरीज अनावश्यक रूप से खड़े रहने से बचें।
-घुटनों को 90 डिग्री से ज्यादा मोड़ने से बचें।
-पालथी मारकर या उकड़ू बैठने से भी बचें।
-लगभग डेढ़ फुट से ज्यादा के स्टूल पर बैठ कर ही नहाएं।
-सीढ़ियों पर उतरते या चढ़ते समय साइड की रेलिंग की मदद लें।
-नी कैप पहनना काफी आरामदायक होता है।
-डॉक्टर्स कुछ मरीजों को नी कैप पहनने की सलाह भी देते हैं।
-आरामदायक जूतों का इस्तेमल करें।
-रोज कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूर लें इससे कार्टिलेज को ठीक करने में मदद मिलती है।
Created On :   22 Jun 2018 4:32 PM IST