छोटी सी उम्र में बड़े विचार, गरीबों की मदद में आगे नन्हीं

Big ideas at a young age, little ahead in helping the poor
छोटी सी उम्र में बड़े विचार, गरीबों की मदद में आगे नन्हीं
छोटी सी उम्र में बड़े विचार, गरीबों की मदद में आगे नन्हीं

डिजिटल  डेस्क, नागपुर। उम्र में कुछ नहीं रखा, बड़े काम करने वाला ही महान होता है, चाहे उसकी उम्र छोटी हो या बड़ी। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है शहर के बैरामजी टाउन स्थित न्यू कॉलोनी निवासी 7 वर्षीय तुनिशा पोचा ने। उसने इस वर्ष 2500 हजार स्वेटर्स इकट्ठा किए हैं गरीबों को बांटने के लिए। पिछले वर्ष तुनिशा ने 7 हजार स्कूल बैग इकट्ठा कर बच्चों को बांटे थे। तुनिशा ने छोटी सी उम्र में गरीबों की मदद कर मिसाल खड़ी की है। कहते हैं न कि ‘पूत के पांव पालने में नजर आते हैं’। जी हां, तुनिशा इसी का उदाहरण है। तुनिशा के पिता खुशरू पोचा, जो हमेशा जरूरतमंदों की मदद करते हैं, उन्होंने 7 वर्ष पूर्व ‘सेवा किचन’ शुरू किया, जिससे हर रोज जरूरतमंदों को भोजन दिया जाता है। उन्होंने शहर के कई अस्पतालों में नेकी का पिटारा फ्रिज भी रखा है, जिसमें मरीजों के लिए फल, दूध के साथ अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

मैं लकी ‘पिता हूं’ : तुनिशा के पिता ने बताया कि कुछ दिन पहले मेरे फ्रेंड डॉ. आशीष साटव घर आए। उन्होंने बताया कि मेलघाट में बच्चों के पास ठंड से बचने के लिए स्वेटर्स और गरम कपड़े नहीं हैं। ठंड के कारण कई बच्चों की मौत भी हो जाती है। मेरी बेटी ये बातें सुन रही थी। डॉ. साटव के जाते ही बेटी ने कहा कि पापा हमें उन बच्चों के लिए कुछ करना चाहिए। तुनिशा की सोच को सोशल मीडिया पर शेयर किया, इससे कई संस्थाओं ने स्वेटर आदि दान किए। फिर डॉ. साटव ने मेलघाट के जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर्स वितरित किए। उन्होंने कहा कि मैं काफी लकी पिता हंू। कई बार तो मैं तुनिशा की सोच और विचार सुनकर नि:शब्द हो जाता हंू। वह जब भी फुटपाथ पर बच्चों को देखती है, तो हमेशा उनके लिए कुछ करने का विचार करती है।


 

Created On :   10 Dec 2020 10:23 AM GMT

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