दिल्ली पुलिस सोमवार को खुद भी फंस गई जाम में

Delhi Police itself got stuck in the jam on Monday
दिल्ली पुलिस सोमवार को खुद भी फंस गई जाम में
दिल्ली पुलिस सोमवार को खुद भी फंस गई जाम में

नई दिल्ली, 18 नवंबर (आईएएनएस)। पुलिस की कमजोर रणनीति ने सोमवार को दिल्ली के नागरिकों को तो जाम में फंसवाया ही, यह जाम खुद दिल्ली पुलिस के लिए भी बवाल-ए-जान बन गया।

पुलिस का ध्यान सिर्फ और सिर्फ किसी भी तरह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रों को संसद तक पहुंचने से रोकने पर लगा रहा, महकमा यह भूल गया कि अन्य धरना-प्रदर्शनों के चलते राजधानी के बाकी अलग-अलग हिस्सों में भी जाम लग सकता है। नतीजतन, ढीली रणनीति के कारण दिल्ली पुलिस न तो जेएनयू के उग्र विद्यार्थियों को काबू में कर सकी, और न ही बाकी हिस्सों में लगे जाम को।

ऐसा नहीं है कि दिल्ली पुलिस को जेएनयू के अलावा राजधानी में सोमवार को होने वाले संभावित धरना-प्रदर्शनों के बारे में पूर्व में कोई सूचना न हो। दिल्ली के बाकी हिस्से भी जाम से जूझ सकते हैं, इसकी पुख्ता खुफिया जानकारी दिल्ली पुलिस के पास पहले से मौजूद थी। बस, उस खुफिया सूचना की नजरअंदाजी ने दिल्ली पुलिस को बेबस करार दिलवा डाला।

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के नाराज छात्रों को किसी भी तरह संसद की सरहद के पास न फटकने देने में पूरी ताकत झोंक दी। यहां तक कि चार-चार मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करा दिया, फिर भी प्रदर्शकारी छात्र संसद के करीब पहुंचने में कामयाब हो गए।

कहने-देखने को सोमवार को इन छात्रों को संसद की ओर बढ़ने से रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने कई कंपनी अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के हजारों जवान तैनात किए थे। चप्पे-चप्पे पर बैरीकेड लगाए गए। दिल्ली के तमाम अन्य जिलों के डीसीपी, ज्वाइंट सीपी व स्पेशल सीपी भी जेएनयू के छात्रों को संसद तक पहुंचने से रोकने की मशक्कत में जुटे देखे गए।

दरअसल, हुआ यूं कि दिल्ली पुलिस का पूरा अमला जेएनयू का बवाल काबू करने में जुटा रहा, दूसरी ओर राहुल गांधी के हल्ला-बोल कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन कर रही कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ ने मध्य दिल्ली जिले को घेर लिया।

दोपहर के वक्त प्रदर्शनकारियों की भीड़ अचानक तुर्कमान गेट, जामा-मस्जिद, आईपी एस्टेट, आउटर रिंग रोड (राजघाट पॉवर हाउस के पीछे), मरघट वाले हनुमान मंदिर के आसपास बढ़ गई। भीड़ के चलते मरघट वाले हनुमान मंदिर (आउटर रिंग रोड) की ओर से आईटीओ, राजघाट, गीता कालोनी की ओर आने वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

धीरे-धीरे बढ़े जाम से हालात तब और ज्यादा बेकाबू हो गए, जब मरघट वाले हनुमान मंदिर (निगम बोध घाट) की ओर से आईटीओ-राजघाट की ओर आने वाले वाहनों ने जाम से बचने के लिए अचानक उल्टी दिशा में यानि मरघट वाले हनुमान मंदिर की ओर घूमना शुरू कर दिया। जबकि आईएएनएस को, इन सभी रास्तों पर कहीं भी ट्रैफिक या फिर सिविल पुलिस का एक सिपाही तक मौजूद नहीं दिखा। ऐसे में काफी चौड़ी सड़कें होने के बाद भी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।

कमोबेश, इसी तरह के जाम से पूर्वी दिल्ली की जनता को भी जूझना पड़ा। यहां कड़कड़डूमा इलाके में स्थित दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के मुख्यालय को सिखों की भीड़ ने चारों ओर से घेर लिया। भीड़ इस बात से नाराज थी कि बोर्ड ने एक सिख छात्र को महज इसलिए परीक्षा देने से रोक दिया, क्योंकि उसने हाथ में सिख धर्म का प्रतीक कड़ा पहना हुआ था। सैकड़ों की संख्या में मौजूद सिखों की नाराज भीड़ बोर्ड के आला अफसरों से उस सरकारी आदेश की कॉपी मांग रही थी, जिसमें किसी सिख परीक्षार्थी को हाथ में कड़ा पहने होने पर परीक्षा में नहीं बैठने देने की हिदायत दी गई हो।

अचानक मुख्यालय को चारों ओर से घिरा देखकर पुलिस और बोर्ड मुख्यालय के भीतर मौजूद अफसरों और कर्मचारियों को पसीना आ गया। यहां घंटों पुलिस और पब्लिक को नाराज भीड़ द्वारा सड़क पर लगाए गए जाम से जूझना पड़ा।

Created On :   18 Nov 2019 7:30 PM IST

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