बच्चे का दिमाग तेज बनाने के लिए प्रेग्नेंसी में जरूर खाएं ये 9 चीजें
डिजिटल डेस्क । प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की सलाह दी जाती है। कई तरह की सब्जियां, फल और ड्राईफ्रूट्स आदि चीजें खाने के लिए कही जाती है। खान-पान पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने के लिए कहा जाता है। प्रेग्नेंसी से ज्यादा कोई और चीज शायद आपको अपने खान-पान पर ध्यान देने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है। उस दौरान एक महिला का शरीर कई बड़े बदलावों से होकर गुजर रहा होता है और उस वक्त बच्चे के लिए विटामिन और पोषक तत्वों की उचित मात्रा लेना बहुत जरूरी हो जाता है। हर मां चाहती है कि उसका बच्चा स्मार्ट और इंटेलिजेंट हो। अगर आप भी इंटेलिजेंट और तेज दिमाग वाला बच्चा चाहती हैं तो आपको प्रेग्नेंसी के समय में ही इस बात का खास ख्याल रखना होगा।
एवोकैडो, मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड : फैट विकसित हो रहे मष्तिष्क का 60 प्रतिशत भाग बनाता है। एवोकैडोस में ओलेइक एसिड की प्रचुर मात्रा मौजूद होती है जो सेंट्रल नर्स सिस्टम की सुरक्षा करने में मदद करता है।
स्वीट पोटैटो- बीटा कौरोटीनबीटा कैरोटीन को शरीर विटामिन A में तब्दील कर देता है जो बच्चे के सेंट्रल नर्वस सिस्टम के विकास के लिए जरूरी होता है।
बीन्स और दालें: अगर आप मीट खाने के शौकीन नहीं है तो बीन्स और लेंटिल्स प्रोटीन और आयरन का महत्वपूर्ण स्त्रोत है। इसके अलावा फोलेट, फाइबर और कैल्शियम का भी बढ़िया स्त्रोत है। भुनी हुई बीन्स में जिंक भी भरपूर होता है।
योगर्ट : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रेग्नेंट महिलाओं को सावधान किया है कि आयोडीन की कमी कई मानसिक बीमारियों की वजह बन सकती है। योगर्ट आयोडीन का सबसे बढ़िया स्त्रोत है। ग्रीक योगर्ट में ज्यादा प्रोटीन होती है। आयोडीन की 140 mg मात्रा लेने का परामर्श दिया जाता है।
कद्दू के बीज: जिंक-कद्दू या पंपकिन के बीजे जिंक का शानदार स्त्रोत है: ये मष्तिष्क की संरचना बनाने में अहम भूमिका अदा करता है। इसके अलावा मष्तिष्क के उन भागों को भी सक्रिय बनाता है जो सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का काम करते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान जिंक की 7 mg मात्रा जरूरी है। रोस्ट किए हुए बिना छीले हुए बीजे खाएं।
पीनट्स, विटामिन E से भरपूर: प्रेग्नेंसी के दौरान पीनट्स सबसे अच्छा स्नैक्स है. प्रोटीन से भरपूर, नियासिन, फोलेट मौजूद होता है। विटामिन E की उच्च मात्रा DHA की मदद करता है और ब्रेन सेल मेम्ब्रेन्स की भी सुरक्षा करता है. बिना नमक के रोस्टेड या प्राकृतिक पीनट्स खाएं।
अंडे प्रोटीन और आयरन का बढ़िया स्त्रोत: ये मस्तिष्क को विकसित करने में भूमिका अदा करता है। इनमें मौजूद कोलीन की उच्च मात्रा याद्दाश्त और सीखने की क्षमता को विकसित करती है। गर्भवती महिलाओं को अंडा खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि अंडे में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, सेलेनियम, जिंक, विटामिन A, D और कुछ मात्रा में B कॉम्प्लेक्स भी पाया जाता है जो शरीर की सभी जरूरतों को पूरा करने का सबसे बेहतर सुपर फूड है। ये बात कई स्टडी में भी सामने आ चुकी है कि गर्भावस्था के दौरान अंडा खाने से बच्चे का दिमाग तेज होता है।
पालक, सुपर न्यूट्रिएंट: फोलेट-नए डीएनए के बनने के लिए जरूरी फोलेट पालक में भरपूर मात्रा में होता है। इसके एंटीऑक्सिडेंट भी बच्चे के मस्तिष्क के ऊतकों को क्षति पहुंचने से बचाते हैं।
कुछ शोधों के मुताबिक भ्रूण का मस्तिष्क कंसीव करने के 3 हफ्ते बाद ही बनना शुरू हो जाता है और गर्भवती जो खाना खाते हैं, उससे भ्रूण के दिमाग के विकास पर बहुत असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के 24वें हफ्ते से लेकर 42वें हफ्ते तक बच्चे के दिमाग में तेजी से बदलाव होते हैं जबकि 34वें हफ्ते से दिमाग में महत्वपूर्ण विकास होने लगता है। मस्तिष्क के विकास के लिए कई सारे पोषक तत्वों को लेना जरूरी होता है इसलिए आप जितनी हेल्दी डाइट ले सकती हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो खानपान में कई चीजों को शामिल करने से बच्चों का दिमाग अच्छी तरह विकसित होता है। आइए जानते हैं कि वो कौनसी चीजें है जो एक गर्भवती महिला को जरूर शामिल करनी चाहिए।
सैडाइन (खाई जाने वाली एक प्रकार की छोटी समुद्री मछली) : सैडाइन (फिश) DHA (डोकोसाहेक्सानोइक एसिड) का अच्छा स्त्रोत है। बता दें कि DHA भ्रूण के मस्तिष्क के विकास में अहम भूमिका अदा करता है। सैडाइन्स में मर्करी या पारा होने की संभावना बहुत कम रहती है और ये विटामिन डी का बहुत अच्छा स्त्रोत होती हैं। जबकि बाकी मछलियों में मर्करी की मात्रा अधिक होती है जो प्रेग्नेंसी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को हर सप्ताह कम से कम फिश के दो हिस्से खाने चाहिए जिसमें से एक ऑयली होना चाहिए। फिश को या तो पैन फ्राई कर लें या ग्रिल करके खाएं।
Created On :   25 March 2018 8:52 AM IST