- एंटीलिया केस: कार मालिक मनसुख हिरेन के मुंह में ठुंसे थे 5 रुमाल, गहराया हत्या का शक
- टीएमसी ने जारी की 291 उम्मीदवारों की लिस्ट, ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेगी
- असम: BJP ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, माजुली से लड़ेंगे CM सर्बानंद
- PM मोदी ग्लोबल एनर्जी एंड एनवायरनमेंट लीडरशिप अवॉर्ड से सम्मानित
- ऋषभ पंत भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में शतक जमाने वाले दुनिया के सिर्फ दूसरे विकेटकीपर बने
Hug Day2019: जादू की झप्पी का जादुई एहसास... बनाएं आपके रिश्ते को खास

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वैलेंटाइन वीक का ये स्पेशल दिन सभी के लिए बहुत खास होता है। यह इजहार ए मोहब्ब्त का वह तरीका है, जिसमें मोहब्बत के इजहार के लिए न शब्दों की जरूरत होती है और न ही गिफ्ट्स की। जब आप कभी उदास होते हैं तो अपने किसी खास को hug करते हैं। उस दौरान आपने महसूस किया होगा कि कैसे आपकी उदासी पलभर में गायब हो जाती है। यह वही एहसास है, जो इस दिन को खास बनाता है। वैलेंटाइन वीक का छठवां दिन हग डे के रूप में मनाया जाता है।
आमबोल चाल में इसे जादू की झप्पी भी कहते हैं। एक ऐसी जादू की झप्पी जो आपके अंदर उर्जा को भर देती है। यह जादू की झप्पी थेरेपी का काम करती है। किसी रिश्ते में विश्वास और ईमानदारी का निर्माण करने के लिए यह एक बेहतर तरीका है। किसी को गले लगाने के लिए और अपनी फीलिंग्स शेयर करने के लिए किसी खास दिन की जरूरत नहीं होती, लेकिन फिर भी यह दिन खास है। गले लगाकर अपने पार्टनर को प्यार का एहसास दिलाने के लिए।
ऐसे लगाएं पार्टनर को गले
कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ कि पार्टनर को गले लगाने से न केवल प्यार बढ़ता है बल्कि अपनापन भी बढ़ता है और आपको पॉजीटिव कर देता है। जिससे आपके मन में हमेशा अपने पार्टनर को लेकर पॉजिटिव थॉट्स आते हैं। अगर आप अपने पार्टनर को पहली बार हग करने वाले हैं तो उस समय अपनी फीलिग्स पर जरूर कंट्रोल करें, जोश में आकर ज्यादा टाइट हग न करें और बिना परमिशन के हग न करें। पार्टनर को हग करते समय उनके कान में कुछ बोलें, इससे आप दोनों को रोमांटिक फील होगा।
स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद हैं जादू की झप्पी
एक हग सिर्फ प्यार के एहसास के लिए ही फायदेमंद नहीं है बल्कि यह आपके स्वास्थ के लिए भी फायदेमंद है। हग करने से आपकी हार्ट रेट कंट्रोल में रहती है। शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और आपको सुकून वाली नींद आती है। हग करने से आपके अंदर सकारात्मक उर्जा आती है। मसल्स पैन होने का खतरा भी कम हो जाता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हम कई बार स्ट्रेस का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे में एक हग हमें तनाव मुक्त कर देता है।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।