Pune News: 164 साल पुरानी पालिका के बावजूद सुविधाएं नदारद

164 साल पुरानी पालिका के बावजूद सुविधाएं नदारद
  • सड़क किनारे फेंका जाता है कचरा
  • निपटान पर ध्यान नहीं देता प्रशासन

भास्कर न्यूज, जुन्नर। जुन्नर नगर परिषद की स्थापना 1861 में हुई थी। 164 साल बीत जाने के बाद भी जुन्नर शहर में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। शहर में स्वतंत्र सब्जी मंडी का अभाव, स्वच्छता की कमी, बरसात में सड़कों पर जल जमाव, आवारा कुत्तों का आतंक, सड़कों के निर्माण में घटिया काम और पर्याप्त पानी होने के बावजूद जलशुध्दीकरण संयंत्र का कम क्षमता से काम करना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सब्जी विक्रेताओं के लिए कोई स्वतंत्र सब्जी मंडी नहीं होने के कारण, वे कृषि उपज बाजार समिति के पास की सड़क के दोनों किनारों पर अपनी दुकानें लगाते हैं। यह सड़क पहले से ही संकरी है और दोनों तरफ विक्रेताओं के बैठने से यह चार पहिया वाहनों के लिए लगभग बंद हो गई है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विद्यालय के सामने बनी सब्जी मंडी की टीन की शेड में भी कोई विक्रेता नहीं बैठता। विक्रेता शेड के सामने सड़क पर ही बैठते हैं। जरूरत है कि यहां खाली जगह छोड़कर विद्यालय की दीवार के पास दुकानों का निर्माण किया जाए।

जल निकासी की अलग व्यवस्था नहीं

शहर में गंदे पानी के निकास के लिए भूमिगत नालों का जाल बिछा हुआ है। लेकिन बरसात के पानी के निकास की अलग से व्यवस्था नहीं होने के कारण, बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। नागरिकों द्वारा फेंका गया कचरा इकट्ठा करने के लिए घंटागाड़ी की व्यवस्था है, इसलिए शहर में कोई कचरापेटी नहीं है। लेकिन, कुछ नागरिक सड़क किनारे कचरा फेंक देते हैं, जिसे समय पर उठाया नहीं जाता। जुन्नर शहर में प्रवेश करते समय, जहां बस्ती नहीं है, वहां सड़क के किनारे भारी मात्रा में कचरा पड़ा दिखाई देता है। होटल, पोल्ट्री और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लोग यहां कचरा फेंकते हैं, जो बिल्कुल भी नहीं उठाया जाता।

आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी

जुन्नर शहर में घूमने वाले आवारा कुत्तों से नागरिक और स्कूली छात्र परेशान हैं। कुत्तों के झुंड कभी सड़क किनारे, तो कभी खाली जगहों पर बैठे रहते हैं। तेंदुए के डर से ग्रामीण इलाकों के कुत्ते शहर में पनाह ले रहे हैं, जिससे कुत्तों की संख्या बढ़ गई है। इन कुत्तों को पकड़ने और नसबंदी की स्वतंत्र व्यवस्था नहीं होने से यह एक गंभीर समस्या बन गई है।

कुकड़ी नदी से पानी उठाकर जल आपूर्ति प्रणाली में लाया जाता है। लेकिन जल शुद्धिकरण संयंत्र की क्षमता कम होने के कारण नागरिकों को शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। जुन्नर शहर में सड़कों का निर्माण कार्य घटिया तरीके से किया जाता है। नतीजतन, कई सड़कों की हालत खराब देखने को मिलती है।

Created On :   13 Nov 2025 5:37 PM IST

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