इन देशो में 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता क्रिसमस

In some countries, Christmas is not celebrated on December 25
इन देशो में 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता क्रिसमस
इन देशो में 25 दिसंबर को नहीं मनाया जाता क्रिसमस

डिजिटल डेस्क। ये तो हर कोई जानता हैं कि हर साल क्रिसमस का त्यौहार 25 दिसंबर को बनाया जाता है। इसकी तारीख का मुहूर्त से कोई लेना देना नहीं होता, जैसा  कि हिंदू कैलेंडर में हर त्यौहार हर साल तिथ के मुताबिक ही मनाया जाता है। क्रिसमस ईसा मसीह (ईशू) के जन्म की खुशी में मनाया जाता हैं। हर साल 25 दिसंबर पर पूरी दुनिया जश्न में डूब जाती है। लगभग सभी देश दुल्हन की तरह सज जाते हैं खासकर वो, जहां ईसाइयों की संख्या ज्यादा है, लेकिन ऐसे भी देश दुनिया में हैं जहां 25 दिसंबर को आप क्रिसमस की रौनक नहीं देख सकते, क्योंकि कुछ देशों में 25 दिसंबर को ईशू के जन्म की खुशी नहीं मनाई जाती। इन दोशों में धर्म का विरोध नहीं है, बल्कि यहां रहने वाले ईसाइयों की ही मान्यताएं जरा अलग हैं। 25 दिसंबर को क्रिसमस ना मनाने वाले देशों में रूस और इटली शामिल हैं। दरअसल रूस के कुछ इलाकों में और साथ ही मध्य पूर्वी हिस्से के कुछ देशों में क्रिसमस 25 दिसंबर को नहीं बल्कि 13 दिन बाद यानि 7 जनवरी को मनाया जाता है। 

दरअसल दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में 1582 में पोप ग्रेगोरी के बनाए गए कैलेंडर का इस्तेमाल होता है। इसके हिसाब से 25 दिसंबर को ही क्रिसमस आता है, लेकिन कई मध्य पूर्वी देशों में आज भी "जूलियन" कैलेंडर का इस्तेमाल होता है। जूलियन कैलेंडर में 25 दिसंबर का दिन 7 जनवरी को आता है और इसीलिए ये देश 7 जनवरी को क्रिसमस मनाते है। इनमें बेलारूस, मिस्र, इथोपिया, गॉर्गिया, कजाकिस्तान, सर्बिया और रूस शामिल है।

इटली में 6 जनवरी को मनाते हैं क्रिसमस

 

                                 

इटली ऐसा देश है जहां ना तो 25 दिसंबर को और ना ही 7 जनवरी को क्रिसमस मनाया जाता है, बल्कि यहां 6 जनवरी को क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाता  है। इस देश में "द फीस्ट ऑफ एपिफेनी" नाम से ये त्योहार मनाते है। माना जाता है कि ईशू के पैदा होने के 12वें दिन तीन ज्ञानी लोग उन्हें अपना आशीर्वाद और उपहार देने गए थे। यही कारण है कि उन्हीं को याद करते हुए 6 जनवरी को इटली में सदियों से ईसामसीह का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है।

इटली में सांता नहीं "बेनाफा" देती हैं बच्चों को तोहफे 

                                       

बेनाफा एक तरह से सांता क्लॉज का फीमेल रूप है। ऐसा माना जाता है कि इटली में ये बूढ़ी महिला बच्चों के लिए गिफ्ट लेकर आती है। ये रेनडियर पर बैठकर नहीं बल्कि झाड़ू पर आती है। दरअसल ऐसा कहा जाता है कि यीशू के जन्म के बाद 12वें दिन जब 3 ज्ञानी लोग उन्हें आशीर्वाद देने आ रहे थे तब बेनाफा उन्हें मिली और लोगों ने उसे साथ चलने को कहा लेकिन बेनाफा ने उन्हें मना कर दिया और उसे कुछ दिन बाद यीशू से न मिलने का पछतावा हुआ। तब से इटली में बेनाफा हर क्रिसमस पर बच्चों के लिए तोहफे लाती है, इस उम्मीद से कि वो एक दिन यीशू से मिल पाएंगी।

 

Created On :   22 Dec 2017 8:27 AM IST

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