International Men's Day: इस महिला कि बदौलत भारत में मनाया जाता है यह दिन, ये है इस बार की थीम

International Mens Day History, Theme And How To Celebrate This Day
International Men's Day: इस महिला कि बदौलत भारत में मनाया जाता है यह दिन, ये है इस बार की थीम
International Men's Day: इस महिला कि बदौलत भारत में मनाया जाता है यह दिन, ये है इस बार की थीम

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। भारत में "मर्द" को लेकर एक अलग ही परिभाषा गढ़ी है, जो असलियत में कहीं मैच नहीं करती है। भारतीय किताबें, फिल्में सभी में बताया गया है कि "मर्द को दर्द नहीं होता", वह रोता नहीं है। वह सेवियर होता है, माचो मैन होता है। लेकिन हम शायद यह भूल जाते हैं कि उसे भी पेन(Pain) होता है। पुरुषों के लिए जो मानसिकता भारतीय समाज में व्याप्त है, उसे बदलना बहुत जरुरी है। क्योंकि डर उसको लगता है, गला उसका भी सूखता है, दिल उसका भी 300 ग्राम का ही होता है। लोगों की इसी मानसिकता को बदलने के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस(International Men"s Day) मनाने की शुरुआत की गई।

मेन्स डे का इतिहास 
इसकी शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की के बारे में थॉमस ओस्टर ने एक साल पहले 8 फरवरी 1991 को ही सोच लिया गया था। इसके बाद 1999 में इस परियोजना को त्रिनिदाद और टोबैगो ने शुरू किया गया और तबसे यह प्रचलन में आ गया। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है।

भारत में ऐसे हुई शुरुआत 
भारत में इसकी शुरुआत साल 2007 में हुई। जिसका श्रेय हैदराबाद की लेखिका उमा चल्ला को जाता है। उमा के मुताबिक जब हमारी संस्कृति में शिव और शक्ति दोनों बराबर हैं तो पुरुषों के लिए भी सेलिब्रेशन का दिन क्यों नहीं होना चाहिए। महिला दिवस की तरह इस दिन का भी एक खास महत्व होता है। यह दिन मुख्य रूप से पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए मनाया जाता है। 

इस थीम पर किया जा रहा सेलिब्रेट
हर साल 19 नवम्बर का दिन अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस के रुप में मनाया जाता है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस 1999 में मनाया गया। भारत सहित 60 देश मिलकर इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। साथ ही एक थीम के तहत इस दिन को मनाया जाता है। इस बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस "मेकिंग अ डिफरेंस फॉर मेन एंड बॉयज" थीम पर मनाया जा रहा है।

इसलिए है मेन्स डे जरुरी
रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में सुसाइड की प्रवृत्ति तीन गुना ज्यादा है। महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की मौत 4—5 साल पहले हो जाती है। हर तीन में से एक मर्द घरेलू हिंसा का शिकार होता है। हार्ट डिसीज के मामले भी महिलाओं से ज्यादा पुरुषों में सामने आते हैं। पुरुषों में यह समस्याएं कम हो, इसलिए मेन्स मनाया जाता है। 

मेन्स डे का उद्देश्य

  •  पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना।
  • समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना।
  • पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर।
  • पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना।
  • लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना।
  • एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना।

ऐसे करें सेलिब्रेट
विदेशो में तो अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। पुरुषों के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्‍हें पार्टी दी जाती है, घूमने के लिए भेजा जाता है। अब भारत में भी इसे लेकर जागरुकता बढ़ रही है। भारत में अब धीरे-धीरे इस दिवस को मनाने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की धूम दिखती नजर आ रही है। ट्वीटर पर #InternationalMensDay ट्रेडिंग में बना हुआ है। 

Created On :   19 Nov 2019 6:32 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story