आईटीबी के जवानों ने बाधाओं का सामना कर महिला को बचाया

ITB jawans rescued woman facing obstacles
आईटीबी के जवानों ने बाधाओं का सामना कर महिला को बचाया
आईटीबी के जवानों ने बाधाओं का सामना कर महिला को बचाया

देहरादून, 23 अगस्त (आईएएनएस)। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के जवानों ने एक जख्मी महिला को स्ट्रेचर पर लिटाकर 40 किलोमीटर तक के सफर को 15 घंटे में तय कर महिला को अस्पताल पहुंचाया। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक दूर-दराज के गांव में रहने वाली इस जख्मी महिला को अस्पताल पहुंचाकर जवानों ने उनकी मदद की।

हैरान करने वाली बात तो यह है कि यह सफर काफी मुश्किलों से भरा था। भीषण बाढ़ के चलते यहां के नदी-नालों में उफान की स्थिति बनी हुई है, सड़कें टूटी-फूटी हैं, इन क्षेत्रों में भूस्खलन होने की संभावना भी काफी अधिक रहती है, लेकिन इन सारी बाधाओं की परवाह किए बगैर जवानों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई।

यह महिला एक पहाड़ी से गिरकर बुरी तरह से घायल हो गई थी। महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए छह दिनों तक कोई हेलीकॉप्टर भी नहीं आया। इसके बाद आईटीबीपी 14वीं वाहनी के 25 जवानों के एक समूह ने मिलकर महिला को बचाने की पहल करते हुए इस काम को अंजाम दिया।

20 अगस्त को पहाड़ी में गिर जाने से महिला के पैर की हड्डी टूट गई थी। वह पिथौरागढ़ जिले में मुनस्यारी के सुदूर लास्पा गांव की रहने वाली हैं। सूचना मिलने पर आईटीबीपी के जवान अपने बॉर्डर आउटपोस्ट से महिला को बचाने के लिए उसके गांव गए जिसकी हालत दिन-प्रतिदिन इलाज के बिना बिगड़ती जा रही थी। यह गांव आईटीबीपी के मिलम बेस करीब 22 किलोमीटर की दूरी पर है। उन्होंने इसकी ज्यादातर दूरी पैदल ही तय की।

गांव पहुंचने के बाद उन्होंने महिला को स्ट्रेचर पर लिटाया और इसके बाद एक-एक करके उफनते नालों, भूस्खलन वाले इलाकों और फिसलन भरे ढलानों का सामना करते हुए करीब 40 किलोमीटर तक के सफर को 15 घंटों में तय कर महिला को सड़क मार्ग तक पहुंचाया। यहां से महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत पहले से बेहतर है।

एएसएन/एसजीके

Created On :   23 Aug 2020 3:30 PM GMT

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