जानिए क्यों आती है गुदगुदी के बाद हंसी
डिजिटल डेस्क । जब हमारे शरीर के सेंसिटिव हिस्सों पर कोई हाथ लगा दे, यानी गुदगुदी कर तो हमारे हंसी के गु्ब्बारे फूट पड़ते हैं। किसी को गुदगुदी जल्दी होती है तो किसी को होती ही नहीं। हालांकि गुदगुदी बहुत से लोगों को पसंद नहीं होती फिर भी हंसी आती है। क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है? यहां जानिए इसके पीछे क्या है वैज्ञानिक वजह?
अब सवाल यह उठता है कि हम खुद को गुदगुदी क्यों नहीं कर पाते? इसकी वजह यह है कि दिमाग के पीछे जो सेरेबेलम हिस्सा होता है, वह हमें यह बता देता है कि हम खुद को गुदगुदी करने जा रहे हैं इसलिए दिमाग इस तरह की गई गुदगुदी में सिग्नल नहीं भेजता।
शोधकर्ताओं की मानें तो गुदगुदी के दौरान हमें किसी आक्रमण करने वाले के सामने हथियार डालने जैसे सिग्नल मिलते हैं। ऐसा करके तनाव की स्थिति को कम करने की कोशिश करते हैं और खुद को हर्ट होने से बचाते हैं।
इवॉल्यूशनरी बायॉलजिस्ट और न्यूरोसाइंटिस्ट्स का मानना है कि गुदगुदी करने पर दिमाग का वही हिस्सा (हाइपोथैलमस) हमें हंसने पर मजबूर करता है जो पेनफुल सेंसेशन के पहले ऐक्टिव होता है।
जब हमें अंडरआर्म्स, गले के पास, पेट या पैर के तलवों पर गुदगुदी की जाती है तो हमें हंसी आती है। कुछ वैज्ञानिकों की मानें तो यह हमारे शरीर की डिफेंसिव मेकेनिजम (रक्षात्मक प्रतिक्रिया) होती है।
Created On :   6 Oct 2018 11:17 AM IST