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दैनिक भास्कर हिंदी: ज्यादा लिपस्टिक लगाना भी होता है खतरनाक, यकीन नहीं हो रहा तो इसे पढ़िए...

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आज के दौर में महिलाओं के लिए लिपस्टिक लगाना दिनचर्या का एक अहम हिस्सा हो गया है। अगर वे लिपस्टिक ना लगाएं तो उनकी सुंदरता में कमी नजर आने लगती है, क्योंकि मेकअप में सबसे अहम हिस्सा लिपस्टिक को माना जाता है। आपने कई बार आपके फेवरेट सेलिब्रिटी को भी कहते सुना होगा कि उनके मेकअप एसेन्शियल में लिपस्टिक जरुर शामिल होती है। पर, शायद ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि लिपस्टिक में कई तरह के ऐसे हानिकारक पदार्थ पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी खतरनाक हो सकते हैं। लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इसके ऊपर शोध किया गया, फिर जो नतीजे आए वो वाकई गंभीर हैं...
32 तरह के ब्रांड की लिपस्टिक पर हुए शोध
'University of California at Berkeley' के वैज्ञानिकों ने लिपस्टिक को लेकर एक शोध किया, जिसमें उन्होंने पाया कि इसको लगाने से कई तरह के खतरे होते हैं। उन्होंने इसके लिए ड्रगस्टोर, किराना स्टोर और स्पेशली मेकअप आउटलेट्स से करीब 32 तरह की ब्रांड की लिपस्टिक लेकर इस पर गहन अध्ययन किया। जिसमें पाया गया कि इन प्रोडक्ट्स में कई तरह के हानिकारक केमिकल डाले जाते हैं, जिनमें सीसा, कैडमियम, एल्यूमीनियम और क्रोमियम शामिल है।
लिपस्टिक में पाए जाते हैं जहरीले केमिकल्स
वैज्ञानिकों ने बताया कि लिपस्टिक में पाए जाने वाले मेटल में जो जहरीले केमिकल्स पाए जाते हैं वो संभवतः लंबे समय तक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकते हैं। शोध के अनुसार महिलाएं एक दिन में करीब दो से तीन बार लिपस्टिक लगाती हैं, जिससे कि वो प्रत्येक दिन में 24 मिलीग्राम तक केमिकल अपने होंठ पर लगा लेती हैं। इससे उनकी सुंदरता तो बनी रहती है लेकिन अनजाने में वो बीमारियों को न्यौता दे बैठती हैं। लिपस्टिक के प्रभाव दूर गामी होते हैं इससे आपको इंस्टेट असर नहीं दिखाई देगा तो आपको लगेगा कि सब ठीक है आपका ब्रांड एकदम सही है लेकिन इसका असर तब सामने आता है जब बहुत देर हो चुकी होती है।
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वैज्ञानिकों ने इस शोध में शामिल में की गई 38 लिपस्टिक के ब्रांड के नाम का खुलासा तो नहीं किया है लेकिन ये जरुर इशारा कर बताया कि इन 38 नामों में लोकप्रिय काॅस्मेटिक कंपनियां भी हैं।
कैंसर और पेट का ट्यूमर
लिपस्टिक में कॉपर का प्रयोग ज्यादा होने से त्वचा रोगों से लेकर कैंसर तक हो सकता है। दिल्ली इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च ने भी माना है कि सौंदर्य प्रसाधनों में हानिकारक केमिकल हो सकते हैं जो त्वचा के रोगों का कारण बनते हैं। शोध के अनुसार एल्यूमिनियम पेट के लिए हानिकारक है। एल्यूमिनियम से पेट का अल्सर, लकवा आदि रोग व शरीर में फास्फेट की कमी हो सकती है।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।