देश में बढ़ रही कैंसर मरीजों की तादाद,निजात पाने लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव  

major changes in Lifestyle will avoid deadly illness like cancer
देश में बढ़ रही कैंसर मरीजों की तादाद,निजात पाने लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव  
देश में बढ़ रही कैंसर मरीजों की तादाद,निजात पाने लाइफस्टाइल में लाएं ये बदलाव  

डिजिटल डेस्क। आप अगर किसी अस्पताल में अपनी आम सी बीमारी का इलाज कराने जाएं और अगर आपकी मुलाकात वहां किसी कैंसर पेशेंट से हो जाए तो सारा दिन अजीब सा लगता हैं। जिससे मिले उसके परिवार और उसकी तकलीफों को लेकर सोचने लगते होंगे। ये बेहद लाजमी भी है। कैंसर जैसी बीमारी का भले ही आज इलाज संभव हैं, लेकिन इसमें आना वाला खर्च और तकलीफ बेहद परेशान करने वाली होती है। कई बार इलाज के बावजूद भी जान नहीं बचती। अमीर से अमीर इंसान इस बीमारी के आगे अपने हथियार डाल देता है। समय के साथ-साथ ये बीमारी ज्यादा सुनाई देने लेगी हैं। हॉस्पिटल में भी एक-दो नहीं बल्की ज्यादा तादात में नजर आने लगे हैं। ये एख चिंता वाली बात है। 

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार "भारत में, लगभग 14.5 लाख लोग इस बीमारी के साथ पीड़ित हैं और 7 लाख से अधिक नए मामले हर साल पंजीकृत हो रहे हैं और कैंसर से संबंधित करीब 5,56,400 मौतें हर साल हो रही हैं। इसके अलावा अनुमान है कि कैंसर से संबंधित सभी मौतों में से 71% का आयु वर्ग 30 से 69 साल के बीच है।"

एक हालिया रिसर्च में सामने आया है कि लगभग 40% कैंसर मौतों को लाइफ स्टाइल में आसान बदलावों से रोका जा सकता है। इस बीमारी के आठ बड़े कारणों में तंबाकू का धुआं, खराब डाइट, शराब, ज्यादा वजन या मोटापा, इंएक्टिविटी, पराबैंगनी (यूवी) किरणें, इंफेक्शन और हार्मोन संबंधी कारण शामिल हैं। 

                                      

महिलाओं में कैंसर

महिलाअं में कैंसर के मामलों के साथ ही मृत्यु दर में भी ज्यादा है। इसका मुख्य कारण कम जागरूकता और देर से पता लगना है। आंकड़ों के मुताबिक, "हमारा देश महिलाओं में कैंसर के मामलों में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद तीसरा स्थान रखता है. पुरुषों में फेफड़ों, मुंह और पेट में कैंसर मृत्यु के प्रमुख कारण हैं जो लगातार अपना दायरा बढ़ा रहे हैं।

गांवों से ज्यादा शहरों में

नवजात शिशुओं से वृद्ध लोगों तक, हर कोई कैंसर के जोखिम के दायरे में होता है। हमारे शरीर पर हमला करने वाले कई प्रकार के कैंसर हैं। वो हमारे लिंग या उम्र में कोई भेदभाव नहीं करते हैं। बदलती जीवन शैली और पश्चिमी जीवन शैली की नकल के कारण ग्रामीण इलाकों के मुकाबले बड़े शहरों में कैंसर के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप एक स्वस्थ आहार लें, अच्छी तरह व्यायाम करें और कैंसर से राहत प्राप्त करें।

कुछ और कारण

भारत में कैंसर की वृद्धि पर होने के कुछ स्पष्ट कारणों में तंबाकू का बढ़ता उपयोग, पराबैंगनी विकिरण के सामने अधिक आने, कार्सिनोजेनिक रसायनं की खपत अर ऐसे भजन का उपभग प्रमुख हैं। इसके अलावा एक्सरे और आयोनाइजिंग विकिरण के संपर्क में आने से भी कैंसर का जोखिम हो सकता है। 

एक हालिया रिसर्च में ये पता लगा है कि लगभग 40 प्रतिशत कैंसर मौतों को लाइफ स्टाइल में आसान बदलावों से रोका जा सकता है। इस बीमारी के आठ बड़े कारणों में तंबाकू का धुआं, खराब डाइट, शराब, ज्यादा वजन या मोटापा, इंएक्टिविटी, पराबैंगनी (यूवी) किरणें, इंफेक्शन और हार्मोन संबंधी कारण शामिल हैं। कैंसर हमेशा जेनेटिक नहीं होता है, लेकिन खराब लाइफ स्टाइल के कारण ये बीमारी हो सकती है. धूम्रपान और तंबाकू चबाने से कैंसर ज्यादा होता है।

                                 

अकेले तंबाकू ही हर साल 12 लाख लोगों की मौत का कारण बनती है। तंबाकू की खपत कम करके फेफड़े, मुंह और 13 दूसरे तरह के कैंसर को रोका जा सकता है. शराब ज्यादा पीने से मुंह, फेरिंक्स, लेरिंक्स, ईसोफेगस, आंत, लिवर और स्तन कैंसर हो सकता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि, "कैंसर कई बीमारियों का एक ग्रुप है. कैंसर शरीर के सभी जिंदा सेल में हो सकता है।"
कई तरह के कैंसर के कई तरह की हिस्ट्री है। हालांकि, कुछ दुर्लभ कैंसर जेनेटिक भी हो सकते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा बीमारी एंवायरमेंट और खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है।

ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए सालाना मैमोग्राम कराने की बजाय हर छह महीने पर MRI करवाना बेहतर है। ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाने के लिए सालाना मैमोग्राम कराने की बजाय हर छह महीने पर MRI करवाना बेहतर है

कैंसर 100 से ज्यादा तरह के होते हैं। कैंसर के ट्रीटमेंट के लिए कीमोथेरेपी, रेडिएशन थैरपी और सर्जरी शामिल हो सकती है। हांलांकि, लाइफस्टाइल में बदलाव से कैंसर जैसे हालातों को काबू में किया जा सकता है।

                                  

क्या हो आपकी लाइफस्टाइल?

- शरीर का वजन कम ही रखें।

- हर दिन लगभग 30 मिनट एक्सरसाइज करें।

- मीठे से बचें और हाई कैलोरी वाले खाने पर कंट्रोल रखें।

- सब्जियां, फल, साबुत अनाज और फलियां ज्यादा खाएं।

- शराब न पीएं, तंबाकू, सिगरेट या कोई भी नशा ना करें।

- नमक (सोडियम) कम खाएं।
 

Created On :   18 Dec 2017 8:27 AM IST

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