ओडिशा : बीएसएफ ने नक्सली इलाके में बीमार महिला की मदद की (आईएएनएस स्पेशल)
- ओडिशा : बीएसएफ ने नक्सली इलाके में बीमार महिला की मदद की (आईएएनएस स्पेशल)
भुवनेश्वर, 6 सितंबर (आईएएनएस)। अपने अनिवार्य ड्यूटी की जिम्मेदारियों से एक कदम आगे बढ़ते हुए, भारतीय सीमा की रक्षा करने वाले प्रहरी बीएसएफ ने ओडिशा में नक्सल प्रभावित मलकानगिरि जिले में एक बीमार महिला की मदद की। बीएसएफ ने बीमार महिला को एंबुलेंस और अन्य जरूरी सेवाएं मुहैया कराई, ताकि वह 75 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाकर अपना इलाज करा सके।
शनिवार को सुबह 11 बजे थे, जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को कंपनी ऑपरेशन बेस (सीओबी) डाइक-3 डैम में तैनात किया गया था, तभी उन्हें एक बीमार महिला को बेहोश हालत में एक मोटरबोट से लाए जाने की सूचना मिली। डाइक-3 बालीमेला में जलाशय बनाने के लिए एक निर्माण परियोजना है।
सीओबी डाइक-3 में तैनात 144 बटालियन के तैनात कर्मियों ने डाइक-3 डैम के फैरी प्वाइंट के पास एक मोटरबोट को आते देखा। बोट में जोडामबो क्षेत्र के दंडार बेड़ा की निवासी पूर्णिमा हनतल को जब बीएसएफ कर्मियों ने देखा तो वह अचेत अवस्था में थीं। बीमार महिला के साथ आंगनवाड़ी की आशा कार्यकर्ता तुला खिल्लो और उसकी एक संबंधी सवार थी।
बीएसएफ के पीआरओ कृष्णा राव ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बीएएसफ के जवानों ने तत्काल ऐंबुलेंस सहायता के लिए आपातकालीन कॉल किया और रोगी को मलकानगिरि में 11.40 बजे पूर्वाह्न् पहुंचा दिया गया। डाइक-3 डैम से अस्पताल से करीब 75 किलोमीटर दूर है।
बीएसएफ टीम ने महिला को मच्छरदानी, बेडशीट, तौलिया दिया। महिला के परिवार के सदस्य और आशा कार्यकर्ता के पास मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए बीएसएफ ने इस बाबत उनकी मदद की। अन्य बीएसएफ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि महिला ने दो दिन पहले एक बच्चे को जन्म दिया था और उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थी।
डाइक-3 परियोजना की वजह से महिला का गांव मुख्यभूमि से कटा हुआ है और लोग शहर जाने के लिए मोटरबोट या फिर निर्माणाधीन पुल का प्रयोग करते हैं।
यह क्षेत्र आंध्रप्रदेश की सीमा से लगता है और यह नक्सल प्रभावित इलाका है।
आरएचए/एसजीके
Created On :   6 Sept 2020 6:30 PM IST