ग्वालियर में बच्चों के भविष्य संवारने में जुटे अफसर, समाजसेवी

Officers, social workers working to improve the future of children in Gwalior
ग्वालियर में बच्चों के भविष्य संवारने में जुटे अफसर, समाजसेवी
ग्वालियर में बच्चों के भविष्य संवारने में जुटे अफसर, समाजसेवी
ग्वालियर, 7 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के ग्वालियर के जिला प्रशासन ने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अनोखी पहल की है। विद्यादान योजना के इस अभिनव प्रयोग में अफसरों से लेकर समाज के वह सारे वर्ग जुड़ रहे हैं जो अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखते हैं।

जिला प्रशासन के इस अभियान का मकसद पांचवीं तक पढ़ने वाले बच्चों की नींव को मजबूत करने के अलावा 12वीं की कक्षा तक पहुंचने के दौरान उन्हें मेडिकल, इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना है। इस अभियान से अपने-अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ जुड़ रहे हैं।

कलेक्टर (जिलाधिकारी) अनुराग चौधरी का कहना है कि जिस शहर में शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी होती है, वहां विकास तेजी से होता है। ग्वालियर में भी शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए विद्यादान योजना शुरू की गई है। इस कार्य में शिक्षकों के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर, निजी संस्थाओं के विषय विशेषज्ञ भी अपनी सहभागिता निभा रहे हैं।

कलेक्टर चौधरी के इस नवाचार के प्रथम चरण में जिले के 107 शैक्षणिक संस्थाओं को चिन्हित किया गया है। इन संस्थाओं में शिक्षकों के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, इंजीनियर एवं अन्य विषय विशेषज्ञ आकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं।

बताया गया है कि विद्यादान योजना में शामिल विद्यालयों में कलेक्टर और उनकी टीम के सभी प्रशासनिक अधिकारी अपनी रुचि और विशेषज्ञता वाले विषय पढ़ाते हैं। जिला प्रशासन की इस पहल को अन्य वर्गो का सामाजिक समर्थन भी मिल रहा है। इसमें अधिवक्ता, बैंक अधिकारी, लेखा एवं ऑडिट संवर्ग के अधिकारी, अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारी, उद्योगपति एवं सफल उद्यमी, पुलिस सेवा के अधिकारी तथा उच्च अध्यापन संस्थानों के प्राध्यापक स्वेच्छा से सहभागिता निभा रहे हैं।

इसके साथ ही योजना से रोटरी क्लब, जीवाजी क्लब, लयंस क्लब, भारत विकास परिषद, चेम्बर ऑफ कमर्स, नेहरू युवा केंद्र, मुस्कान फाउंडेशन, भारतीय मेडिकल एसोसिएशन, संस्कार भारती, भारतीय डेंटल एसोसिएशन, औद्योगिक इकाइयां तथा विभिन्न व्यावसायिक संघ भी जुड़ गए हैं।

जिलाधिकारी चौधरी का मानना है कि बच्चे को जन्म तो मां देती है, लेकिन उसे अच्छा इंसान बनाने में शिक्षक की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसलिए बच्चों को विद्यालय में बेहतर मार्गदर्शन मिले, इस मकसद से विद्यादान योजना शुरूकी गई है।

चौधरी ने शिक्षकों को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि जो बच्चे पढ़ने में कमजोर हैं, उनका ब्यौरा भी अपने साथ रखें, साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों की सूची तैयार करें। जो विद्यार्थी विद्यालय कम आते हैं, उनकी सूची तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी, ऐसे बच्चों के अभिभावकों से भी संपर्क कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करने का कार्य विद्यादान योजना के तहत किया जाएगा।

--आईएएनएस

Created On :   7 Aug 2019 6:30 PM IST

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