डायबिटीज के मरीज इस तरह रखें व्रत ना बिगड़े तबीयत
डिजिटल डेस्क । व्रत रखने के पीछे अक्सर धार्मिक, आध्यात्मिक या सांस्कृतिक वजहें होती हैं, लेकिन इसके साथ ही इससे जुड़ी एक और बात काफी अहम है और वो है सेहत। व्रत अगर ढंग से रखा जाए तो यह सेहत के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होता है, लेकिन अगर व्रत ठीक से ना रखा जाए तो यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में सही तरीके से व्रत रखना बहुत जरूरी है। अगर आप भी डायबिटीज या किसी और बीमारी के मरीज हैं नवरात्रि के दौरान व्रत रखने की सोच रहे हैं तो इन जरूरी बातों का रखें ध्यान।
व्रत के दौरान कितने अंतराल पर क्या खाएं, यह कहना बहुत मुश्किल है क्योंकि अलग-अलग लोगों को अलग-अलग मात्रा में खाने की जरूरत होती है। फिर हर किसी का बॉडी टाइप भी अलग होता है। एक तरह का व्रत अगर किसी के लिए अच्छा हो सकता है तो दूसरे के लिए खराब भी क्योंकि हर किसी के शरीर की जरूरतें अलग हो सकती हैं। अपने शरीर की जरूरत का ध्यान रखकर ही अपने लिए व्रत का चुनाव करें। यह भी ध्यान रखें कि आप कितनी देर तक भूखे रहने के बाद भी ठीक महसूस करते हैं, आपका पाचन सिस्टम कैसा है, ऐसिड का लेवल क्या है आदि। व्रत करते हुए अपने शरीर की प्रकृति का ध्यान जरूर रखें।
वैसे तो शुगर के मरीजों को व्रत रखना ही नहीं चाहिए, लेकिन अगर व्रत रखना ही चाहते हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर कर लें। अगर मरीज की उम्र 60 साल से कम है या वह एक दवा पर है और उसे बाकी दिक्कतें नहीं हैं तो आमतौर पर डॉक्टर व्रत की इजाजत दे देते हैं। अगर मरीज की उम्र 60 साल से ज्यादा है या वह इंसुलिन या कई दवाओं पर है या कुछ दूसरी गंभीर शारीरिक समस्याएं हैं तो उसे व्रत बिल्कुल नहीं रखना चाहिए। सलाह करने पर कई बार डॉक्टर एक-दो दिन के लिए दवा की डोज़ कम कर देते हैं। डायबीटीज के मरीजों को 2-3 घंटे में कुछ जरूर खाना चाहिए। पनीर, दही, छाछ, नारियल पानी के अलावा सेब, पपीता, जामुन, खीरा आदि खाएं। कुट्टू या सिंघाड़े की पूड़ी या पकौड़े के बजाय परांठे खा सकते हैं।
व्रत रखने की यों तो कोई खास उम्र नहीं होती, लेकिन 15 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को व्रत नहीं रखना चाहिए। छोटे बच्चों में मेटाबॉलिक रेट काफी ज्यादा होता है और बुजुर्गों में काफी कम। ऐसे में वक्त पर ढंग से खाना न खाने से इन लोगों में हाइपोग्लाइसिमिक अटैक हो सकता है।
- अगर लंबे समय तक बिना कुछ खाए-पीए रहा जाए तो इम्यून सिस्टम को नुकसान हो सकता है।
- अगर व्रत के दौरान बहुत लंबे समय तक भूखे-प्यासे रहेंगे तो लिवर और किडनी को भी नुकसान हो सकता है।
- व्रत के दौरान बहुत कम खाना खाने से पेट में ऐसिड बनना कम हो सकता है। यही ऐसिड खाना पचाने और बुरे बैक्टीरिया को खत्म करने का काम करता है।
- वजन कम होना: व्रत रखने से शरीर में ऐसे हॉर्मोन बनते हैं, जो फैटी टिश्यूज़ को तोड़ने में मदद करते हैं, यानी आपका वजन कम हो सकता है।
- शरीर की सफाई: व्रत रखने से शरीर साफ होता है। शरीर से टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं लेकिन सिर्फ तभी जब आप व्रत के दौरान फल और सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।
- पाचन बेहतर: आयुर्वेद के अनुसार, व्रत रखने से शरीर में जठराग्नि (डाइजेस्टिव फायर) बढ़ती है। इससे पाचन बेहतर होता है। इससे गैस की समस्या भी दूर होती है।
- नर्वस सिस्टम बेहतर: व्रत हमारे शरीर को हल्का रखता है। हल्के शरीर से मन भी हल्का रहता है और दिमाग बेहतर तरीके से काम करता है।
Created On :   13 Oct 2018 10:53 AM IST