पीने के पानी पर घमासान, पासवान ने केजरीवाल पर किया पलटलवार
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली में पीने के पानी की शुद्धता के सवाल पर केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच घमासान जारी है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक मंत्री राम विलास पासवान ने पानी के नमूने संग्रह को लेकर उठाए गए सवाल का खंडन करते हुए गुरुवार को कहा कि दिल्ली सरकार पानी की गुणवत्ता सुधारने के बजाए लोगों को गुमराह कर रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा पानी के नमूने एकत्र करने पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए पासवान ने कहा, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) देश का प्रतिष्ठित संस्थान है जिसने 25,000 मानक बनाए हैं, उसको उन्होंने चुनौती देना शुरू कर दिया है।
यहां एक प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, बीआईएस ने जांच के लिए प्रत्येह जगह से 100 लीटर पानी एकत्र किया है और हर जगह से पानी एकत्र करने का विवरण दिया गया है। इसलिए इस संबंध में जो आरोप लगाया जा रहा है वह सरासर झूठ है।
बीएसआई के अधिकारियों ने भी पानी के नमूने एकत्र करने को लेकर लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि इस संबंध में फोन कॉल्स के विवरण के अलावा सिक्योरिटी के रजिस्टर की में एंट्री की गई है।
दिल्ली के बुरारी स्थित जिस श्री सिद्धि विनायक अपार्टमेंट्स के निवासी दीपक कुमार रॉय के घर से पानी के नमूने लिए गए उसके संबंध में बीएसआई ने मंत्री के कार्यालय को लिखे पत्र में कहा है कि वैज्ञानिक रजत गुप्ता और वैज्ञानिक जयचंद्र बाबू ने उनके घर से पानी के नमूने एकत्र किए।
दीपक कुमार रॉय ने बुधवार को एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कहा था कि उनके घर से पानी का कोई नमूना नहीं लिया गया है। इसके बाद आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने पानी के नमूने एकत्र करने की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
पासवान ने कहा, जब उनको कुछ नहीं मिला तो एक आदमी का नाम लेकर सवाल उठाना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि एक निजी चैनल से जब दीपक कुमार राय बात कर रहे थे उनके बगल में आम आदमी के विधायक भी थे। इस तरह उनका सीधा इशारा है कि उनसे दबाव में यह बयान दिलवाया गया है।
बीआईएस ने नल द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए देश के 20 राज्यों की राजधानी के अलावा दिल्ली में 11 जगहों से पानी के नमूने एकत्र किए गए थे। इन नमूने की जांच रिपोर्ट 16 नवंबर को केंद्रीय मंत्री ने जारी की थी जिसमें दिल्ली के सभी नमूने गुणवत्ता मानकों पर विफल पाए गए थे। उसी समय से केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच पीने के पानी की शुद्धता के मानकों को लेकर जंग छिड़ी हुई है।
पासवान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पानी की गुणवत्ता की जांच केंद्र और दिल्ली सरकार के एजेंसियों के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा करवाने का आग्रह किया है।
उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जांच टीम कोई राजनीतिक व्यक्ति व गैर-सरकारी अधिकारी न हो। इस संबंध में उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से बीआईएस के 32 अधिकारियों की सूची भी भेजी है।
Created On :   21 Nov 2019 9:30 PM IST