लॉकडाउन के दौरान काबू में जरुरी वस्तुओं की कीमतें : पासवान (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
नई दिल्ली, 20 अप्रैल, (आईएएनएस)। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान जमाखोरी और जरुरी वस्तुओं की महंगाई के आरोपों पर एक बड़ा बयान देते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि बाजार पर सरकारी एजेंसियों की कड़ी नजर है और रोजमर्रा की किसी भी वस्तु की एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से ज्यादा दाम नहीं लिया जा रहा है।
राम विलास पासवान ने आईएएनएस को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, आलू, टमाटर और प्याज से लेकर, चीनी, चावल, दाल, गेहूं,, सैनिटाइजर, मास्क समेत सारी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता और कीमतों की निगरानी की जा रही है और मैं देशवासियों को भरोसा दिलाता हूं कि लॉकडाउन या उसके बाद भी सभी आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता पूरे देश में बनी रहेगी।
देश के कुछ हिस्सों में सब्जियों और फलों के दाम में इजाफा होने के मसले पर खाद्य मंत्री ने कहा कि उत्पादक राज्यों में आलू, टमाटर और प्याज की उपलब्धता पर्याप्त है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि सब्जियों की कोई कमी नहीं है फिर भी अगर देश के किसी हिस्से में कीमतों में वृद्धि होती है तो परिवहन की समस्या की वजह से हो सकती है।
मोदी सरकार के वरिष्ठतम मंत्री के रूप में शुमार राम विलास पासवान ने साफ तौर पर कहा कि देश में अनाज की कमी नहीं है और अनाज समेत जरूरी वस्तुओं की कीमतें काबू में हैं।
विपक्षी दलों ने लोगों के लिए सभी सरकारी गोदामों को खोलने की मांग की है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर पासवान ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान पूरे देश में सार्वनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थियों को मुफ्त अनाज वितरण किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने अप्रैल से शुरू करके अगले तीन महीने तक पीडीएस के हर लाभार्थी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के के तहत पांच किलो गेहूं या चावल हर महीने देने का एलान किया है। इसके अलावा प्रत्येक राशन कार्डधारक परिवार को हर महीने एक किलो दाल भी देने की घोषणा की गई है।
पासवान ने बताया कि दिल्ली, गुजरात और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने मुफ्त अनाज वितरण के लिए अपने कोटे का अनाज का उठाव पहले ही शुरू कर दिया था, लेकिन अब इन तीनों राज्यों ने भी शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि देश में पीडीएस के करीब 81 करोड़ लाभार्थियों को राशन मुहैया करवाने के लिए भारतीय खाद्य निगम के कर्मचारी निरंतर जुटे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर प्रांतों के दुर्गम इलाकों में मुफ्त राशन वितरण सुनिश्चित करने के लिए एफसीआई ने असम को 2.16 लाख टन, अरुणाचल प्रदेश को 17,000 टन, मेघालय को 38,000 टन, मणिपुर को 18,000 टन और त्रिपुरा को 33,000 टन अनाज भेजा है। वहीं, नागालैंड और मिजोरम को भी पर्याप्त अनाज मुहैया करवाया गया है।
पासवान नियमित तौर पर कृषि भवन पहुंचते हैं जहां उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय पहुंचते हैं और लॉकडाउन के दौरान देशभर में पीडीएस के तहत अनाज वितरण का जायजा लेते हैं।
उन्होंने कहा, पूर्वोत्तर के प्रांतों में आवश्यक वस्तुएं खासतौर से अनाज पहुंचना मेरी पहली प्राथमिकता थी, क्योंकि इन क्षेत्रों में रेलवे का नेटवर्क कम है। मैंने एफसीआई के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि पूर्वोत्तर के हमारे भाई-बहनों को उनके हिस्से का अनाज मिले। मुझे इस बात की खुशी है कि पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज वितरण के लिए बीते 25 दिनों में पूर्वोत्तर के राज्यों में 4.42 लाख टन अनाज भेजा गया है। इसमें से 1.74 लाख टन अनाज लाभार्थियों को मिल चुका है।
कोरोनावायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में देशव्यापी लॉकडाउन को प्रभावी उपाय के रूप में देखा जा रहा है। बतौर उपभोक्ता खाद्य एवं सार्वजिनक वितरण मंत्री राम विलास पासवान पर इस लॉकडाउन के दौरान बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि देशवासियों को अनाज मुहैया करवाने के लिए एफसीआई और उनका मंत्रालय अनवरत जुटा रहेगा।
Created On :   20 April 2020 8:30 PM IST