कुकिंग ऑयल को रियूज करना है खतरनाक
डिजिटल डेस्क । खाने में तेल की क्या अहमियत है, ये भला भारतीयों से बेहतर कौन बता सकता है? पकौड़े तलने से लेकर तड़का लगाने तक, तेल को कई तरीकों से और कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। तेल दरअसल खाने का जायका और फ्लेवर बढ़ाता है। कई घरों में एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है ताकि तेल को बर्बाद होने से बचाया जा सके। खास कर तीज-त्यौहारों में पकवान बनते है तो तेल को बार-बार इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेल के रियूज से काफी सारी बीमारियां हो जाती हैं? आइए जानते है कि बचे हुए तेल का बार-बार इस्तेमाल करना कितना खतरनाक हो सकता है।
सभी तेल एक दूसरे से काफी अलग होते हैं। कुछ में स्मोकिंग पॉइंट ज़्यादा होता है। यानी डीप फ्राइंग के दौरान कुछ में धुंआ ज़्यादा निकलता है तो कुछ में कम। कुछ तेल ऐसे होते हैं जिन्हें गरम करने पर बिल्कुल भी धुंआ नहीं निकलता, जैसे कि सनफ्लार ऑइल, सोयाबीन का तेल, मूंगफली का तेल आदि। ऐसे तेल जिनका स्मोकिंग पॉइंट ज्यादा न हो उन्हें फ्राइ करने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
कुकिंग के बाद बचे तेल को ठंडा होने देना चाहिए और उसके बाद उसे एक एयरटाइट डब्बे में छानकर भर दें। इससे उस तेल में रहे फूड पार्टिकल्स भी निकल जाएंगे। जब भी आप तेल को दोबारा इस्तेमाल करें तो देख लें कि उसका कलर और थिकनेस कैसी है। अगर तेल डार्क कलर और पहले से अधिक गाढ़ा व ग्रीस जैसा है तो उसे फेंक दें। इसके अलावा अगर तेल गरम करने पर पहले के मुकाबले अधिक धुंआ छोड़े तो उसे फेंक देना ही बेहतर है।
डीप फ्राइ के लिए एक बार इस्तेमाल किए गए तेल को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन कुछ मामलों में ऐसा किया जा सकता है। हालांकि उन मामलों में यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का तेल इस्तेमाल किया जा रहा है। मसलन, क्या इसे हल्का फ्राइ करने के लिए इस्तेमाल किया गया या फिर डीप फ्राइ के लिए? इस तेल में खाने के किस आइटम को फ्राइ किया गया?
अगर तेल में एक बार कोई चीज फ्राइ कर दी गई है और बार-बार उसी तेल में बाकी चीजें भी बनाई जा रही हैं, तो इससे फ्री रैडिकल्स जन्म ले लेते हैं, इससे सूजन और जलन के अलावा बीमारियां हो जाती हैं। ये फ्री रैडिकल्स बॉडी की स्वस्थ कोशिकाओं (सेल्स) से खुद को जोड़ लेते हैं। फ्री रैडिकल्स कई बार कैंसर को जन्म दे सकते हैं। इसके अलावा तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से अथरोस्कॉलरोसिस (atherosclerosis) हो सकता है, जिसमें शरीर में बैड कलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है और धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं। एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करने से असिडिटी, दिल संबंधी बीमारियां, ऐल्टशाइमर्ज़ डिज़ीज़, पार्किंसन्स डिज़ीज और गले में जलन हो सकती है।
Created On :   16 Oct 2018 10:15 AM IST