खुशियों को कई गुना करने वालों की जिंदगी में छाई उदासी

Sadness prevails in the lives of those who multiply happiness
खुशियों को कई गुना करने वालों की जिंदगी में छाई उदासी
खुशियों को कई गुना करने वालों की जिंदगी में छाई उदासी

भोपाल, 5 जून (आईएएनएस)। शादी-ब्याह या किसी समारोह में खुशियों की अनुभूति तो तभी होती है जब बैंडबाजों की सुरमयी धुन गूंजे और उस पर थिरकने का भरपूर मौका मिले, मगर कोरोना संक्रमण काल के चलते इन सुरमयी धुनों की गूंज तो थमी ही है साथ ही खुशियों को कई गुना बना देने वालों बैंडबाजे वालों की जिंदगी ही उदासी से भर गई है।

मध्य प्रदेश में बड़ा वर्ग बैंड बजाने के कारोबार से जुडा हुआ है। कोरोना महामारी के कारण सरकारों की ओर से उठाए गए एहतियाती कदमों के चलते सामूहिक समारोहों पर रोक लगी हुई है। इसके चलते तमाम धार्मिक अनुष्ठानों से लेकर वैवाहिक समारोह व अन्य संस्कार पर होने वाले कार्यक्रम व समारोह बंद है। सरकार ने सीमित संख्या में आयोजनों की अनुमति भी दी है मगर संख्या के चलते आयोजक बैंडबाजे वालों को नहीं बुला रहे है।

जबलपुर के ब्रास बैंड और शहनाई वादकों की देश ही नहीं दुनिया के कई देशों तक धाक हैं। वे विभिन्न समारोहों में शिरकत भी करते है। यहां के श्याम ब्रास बैंड की तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति है। इस बैंड के प्रमुख मनोज ईश्वरी प्रसाद ने आईएएनएस को बताया कि मार्च माह से उनका कामकाज पूरी तरह ठप है। पहले तो वैवाहिक सहित अन्य समारोह बंद रहे और अब सीमित संख्या में ही लोगों को आयोजक बुला सकता है। इस स्थिति में लोग बैंड वालों को नहीं बुला रहे है। बीते लगभग तीन माह से कामकाज पूरी तरह ठप है।

मनोज का कहना है कि सिर्फ मध्य प्रदेश में ही हजारों बैंड पार्टी है और हर बैंड पार्टी से 10 से 200 लोग तक जुड़े हुए है। काम-धंधा बंद होने से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं जिन कलाकारों को उन्होंने कार्यक्रमों के लिए पहले से बुक कर रखा है, उन्हें तो भुगतान करना ही पड़ रहा है।

बैड कारोबारियों ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक ज्ञापन भेजकर बताया था कि सिर्फ उत्तर प्रदेश और दिल्ली से ही वैडिंग प्लानर से सरकार को लगभग पांच सौ करोड़ रुपए बतौर कर जाता रहा है। देश भर में यह आंकड़ा कई हजार करोड़ तक पहुंच सकता है।

इसी तरह शिवपुरी जिले में 50 से ज्यादा बैंड बजाने वाली पार्टी है, जिनमें कई सौ लोग बैंड बजाने वाले हैं। कोरोना संक्रमण के बीच बड़े आयोजन हो नहीं रहे हैं जिससे इन्हें बैंड बजाने का मौका नहीं मिल रहा और उनके रोजगार के सामने संकट है। बैंड बजाने वाले कई कलाकारों और संचालकों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन देकर उन्हें रोजगार और आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई है।

शिवपुरी के इंडियन सोसाइटी बैंड के संचालक शहीद बाबा ने बताया कि उनके यहां 40 से ज्यादा कर्मचारी बैंड बजाने का काम करते हैं लेकिन कोरोना के बाद कामकाज बंद है। शादी समारोह हो नहीं रहे हैं और उनके सामने रोजी-रोटी का संकट है।

दीपक बैंड के संचालनकर्ता दीपक ने बताया कि उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है और बैंड बजाने का काम बंद है। घर में खाने तक के लाले पड़े हुए हैं।

Created On :   5 Jun 2020 9:30 AM GMT

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