पेरेंट्स रखें इन बातों का ख्याल, बच्चों से भूलकर भी ना कहें ये
डिजिटल डेस्क,भोपाल। बच्चों की परवरिश आसान नहीं होती। खासतौर से अगर मम्मी-पापा दोनों वर्किंग हैं, तो चुनौती और भी बढ़ जाती है। बच्चों को अनुशासित रखने के लिए या सुधारने के लिए हम कई बार उनसे ऐसी बात कह बैठते हैं, जो उनके कोमल मन पर नकारात्मक छाप छोड़ जाता है। वो सुरधने की बजाय डरने लगते हैं। उनके दिमाग में वो बातें बैठ जातीं है। ये बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। बच्चों में पर्सनैलिटी डेवेलपमेंट के इशू आ सकते हैं। इसलिए हर माता -पिता के लिए ये जरूरी है कि बच्चों से क्या न कहा जाए।
बच्चों से क्या न कहे
अपने बच्चे को अवयस्क होने की सजा न दें। सभी को गलतियां करने देना चाहिए क्योंकि गलतियों से ही इन्सान सीखता है। उसने सम्भवतः पढ़ाई के लिए ऐसे विषय ले लिए हो, जिसमें आपकी रूचि न हो या फिर ऐसी कम्पनी के साथ काम कर रहा हो जिससे आपको गर्व न महसूस होता हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसे इन निर्णयों के लिये दोषी ठहरायें। माता-पिता होने के नाते आपका कर्तव्य है कि आप सही मार्गदर्शन करें न कि अपने विचारों को थोपें।
इमोशनल आउटबर्स्ट की स्थिति में कई बार हम बच्चों के सामने ऐसी बातें बोल देते हैं, जिसके बाद हमें उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। लिहाजा कैसी भी विकट परिस्थिति क्यों ना हो, अपनी जबान से ऐसी कोई बात ना कहें जिसके लिए आपको जीवन भर अफसोस करना पड़े।
बहुत से बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी शैतानियां इतनी ज्यादा होती हैं कि वो किसी कि नहीं सुनते, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपने बच्चे को लताड़ लगा दें। बच्चों को अच्छे और बुरे के बीच का फर्क समझाने के और भी तरीके हो सकते हैं।
पढ़ाई को न करें नजरअंदाज
बच्चे अगर पढ़ाई में लापरवाही दिखाते हैं तो उन पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है। अप खुद भी लापरवाही न बरतें।कभी बच्चे से भूलकर भी यह न कहें कि मैं भी तेरी तरह ही पढ़ने में कमजोर था। इससे उसे पूरी तरह से छूट मिल जाएगी।
बेशक आपके पास कई जिम्मेदारियां हैं, जिनसे कभी-कभी आप परेशान हो जाते होंगे और अकेला रहना चाहते होंगे। लेकिन आपका बच्चा आपकी परेशानियों से बिल्कुल अनजान है। ऐसे में उससे ऐसा कहना उसके मन पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
Created On :   23 Oct 2017 4:20 PM IST