खाली हाथों से तेंदुए को पकड़कर अधिकारी ने बचाई लोगों की जान

The officer saved peoples lives by catching the leopard with empty hands
खाली हाथों से तेंदुए को पकड़कर अधिकारी ने बचाई लोगों की जान
खाली हाथों से तेंदुए को पकड़कर अधिकारी ने बचाई लोगों की जान

रत्नागिरि (महाराष्ट्र), 30 मई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र रेंज के एक फॉरेस्ट अफसर ने अपने खाली हाथों से (आरएफओ) एक तेंदुए को पकड़कर साहस और तीक्ष बुद्धि का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान वह खुद को, अपने सह कर्मियों को व अन्य सभी गांववासियों को इस भूखे व आक्रामक तेंदुए से बचाने में कामयाब रहे।

यह घटना शुक्रवार दोपहर को रत्नागिरि से लगभग बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेवली गांव के पास काजू के एक खेत में हुई।

उस वक्त दोपहर की चिलचिलाती धूप में लगभग तीन दर्जन श्रमिक काजू के बगीचे में पके हुए काजू के फलों को तोड़ रहे थे और तभी अचानक से झाड़ी में से निकलकर तेंदुआ एक बूढ़ी औरत पर झपटकर हमला बोला, जिसके चलते महिला चोटिल हो गई।

जैसे ही महिला ने मदद के लिए गुहार लगाई, तुरंत मौजूद सभी श्रमिक वहां दौड़कर आ गए और तेंदुआ भाग खड़ा हुआ। इसी दौरान किसी ने आरएफओ प्रियंका लागद को फोन किया।

चूंकि खतरा अभी भी टला नहीं था, इसलिए वह तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव दल व अपने सहकर्मियों को भी बुलाया। इनमें आरएफओ राजेंद्र आर.पाटिल और फॉरेस्ट गार्ड आकाश कदुकर शामिल रहे, जो महज 45 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गए।

वहां पहले से मौजूद लोग तेंदुए को पकड़ने के लिए बचाव दल का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में इन तीनों ने एक स्थानीय गुप्तचर के साथ मिलकर तेंदुए को ढूंढ़ने की कोशिश की और आखिरकार उसे ढूंढ़ निकाला।

शाम को करीब चार बजे प्रियंका और गुप्तचर धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे, जबकि पाटिल और कदुकर उनसे कुछ ही कदम की दूरी पर थे। सबकी निगाहें चौकस थीं क्योंकि तेंदुआ वहीं कहीं छिपी हुई थी।

पाटिल ने आईएएनएस को बताया, वहां ढेर सारी झाड़ियां और पेड़-पौधे थे, ऐसे में तेंदुए को ढूंढ़ने में मुश्किल हो रही थी, लेकिन हम सावधानी से आगे बढ़ते रहे।

अचानक से तेंदुआ पीछे से आकर प्रियंका पर हमला किया और उनके दाहिने जांघ को अपने जबड़े से कसकर दबोच लिया। किसी तरह से उसे काबू में कर लागद ने उसे जमीन पर पटका और दर्द से कराहती रहीं।

35 वर्षीय पाटिल ने कहा, मैं उनके पीछे ही था। मैंने तेंदुआ के ध्यान को भटकाने की कोशिश की। उसने मैडम को छोड़कर एकाएक मुझ पर हमला किया।

तेंदुए ने पाटिल पर पूरी तरह से काबू पा लिया, ऐसे में कदुकर और गुप्तचर उसे लगातार भगाने की कोशिश में जुटे रहे।

एक ऐसी भयंकर स्थिति में अपनी तीक्ष्ण बुद्धि का उपयोग करते हुए अफसर ने तेंदुए की गर्दन को दबोच लिया, ताकि वह अपने नुकीले दांतों से उन पर वार न कर सके और अपने सिर व दोनों हाथों के बल उसे पीछे की ओर धकेलने का भरसक प्रयास किया।

इस बीच, आशंकित ग्रामीण भी वहां आ पहुंचे। ऐसे में खुद को चारों ओर से घिरा हुआ देखकर तेंदुए ने भागने का फिर से प्रयास किया, लेकिन वह नाकामयाब रही।

कुछ देर बाद वन विभाग की बचाव टीम भी मौके पर आ पहुंची और तेंदुए को पकड़ने में कामयाब रही। अंत में उसे पिंजरे में कैद कर बचाव केंद्र में ले जाया गया।

Created On :   30 May 2020 2:30 PM GMT

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