इससे बचाव के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर सकते हैं। अल्जाइमर दरअसल हमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है। बिगड़ती जीवनशैली के कारण जिस तरह रक्तचाप, डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। ठीक उसी तरह हमारे याद रखने की क्षमता भी हमारी लाइफस्टाइल से प्रभावित होती है। दिन-रात काम करना और शारीरिक रूप से अनफिट रहना इस बीमारी की मूल वजह है। बीपी और डायबिटीज के रोगियों में इस बीमारियों का जोखिम ज्यादा होता है। कई बार सर पर लगी चोट भी अल्जाइमर का कारण बन जाती है।ये डिमेंशिया की तरह ही होती है। डिमेंशिया को बुढ़ापे की बीमारी मानते हैं जो अमूमन 60 के बाद होता है। हालांकि दुनियाभर के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते अपनी जीवनशैली में कुछ खास बदलाव कर लिए जाएं तो इसके खतरे से बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कैसे
- दिल्ली: संजय गांधी ट्रांसपोर्ट नगर में किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। सिंघू बॉर्डर से किसानों की ट्रैक्टर रैली यहां पहुंची थी।
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World Alzheimers Day: जानिए क्या है ये बीमारी और कैसे इससे बचा जा सकता है
डिजिटल डेस्क। पूरी दुनिया में 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाया जाता है। अल्जाइमर भूलने की बीमारी है। भारत में इस बीमारी को लेकर जागरूकता बेहद कम है। वैसे तो ये बीमारी 70 साल की उम्र से अधिक के व्यक्ति में होती है लेकिन ये कम उम्र में भी हो सकती है। अल्जाइमर, एक खतरनाक दिमागी बीमारी है, जिसका सीधा असर दिमाग पर होता है, जिसकी वजह से तार्किक क्षमता और याददाश्त पर असर पड़ता है। ये डिमेंशिया का सबसे सामान्य रूप है। इस बीमारी का सीधा संबंध बढ़ती उम्र से है। कुछ लोगों में ये अनुवांशिक भी होता है। कई बार सिर में गंभीर चोट लगने की वजह से या बहुत अधिक तनाव लेने वालों को भी अल्जाइमर की शिकायत हो जाती है। सबसे अधिक चिंता की बात ये है कि अल्जाइमर की कोई स्पेसिफिक दवा नहीं है। इससे बचाव ही इसका इलाज है।


हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करें। ये विटामिन ए और सी का बेहतरीन स्त्रोत होती हैं। हरी सब्जियों में कई ऐसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं जो दिमागी सेहत के लिए जरूरी होते हैं। आप चाहें तो अपनी डाइट में पालक, ब्रोकली, बीन्स और ऐसी ही दूसरी हरी सब्जियों को शामिल कर सकते हैं।

यूके के शोधकर्ताओं के अनुसार ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच रहने से इस रोग से बचा जा सकता है। जितना हो सके परिवार, मित्र, बच्चों के साथ वक्त गुजारने से डिमेंशिया और अल्जाइमर का खतरा कम होता है।

बताया गया है कि आप शारीरिक रूप से आप जितने एक्टिव होंगे डिमेंशिया और अल्जाइमर का खतरा उतना ही कम होगा। जो लोग रोज 68 मिनट शारीरिक रूप से एक्टिक रहते है उनका मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है जिससे इस बीमारी से बचाव हो सकता है।

डिमेंशिया और अल्जाइमर से बचने के लिए संतुलित भोजन बेहद जरूरी है। अपने आहार में फल, सब्जी, मछली, दूध, अंडे का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें। इससे आपको इस बीमारी से बचाव होगा।

शोध में ये पाया गया है कि किसी भी हॉबी पेंटिंग, पॉटरी कला जैसे एक्टिविटी अपनाने से आप 45% तक बचाव कर सकते हैं।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।