सावधान हो जाइए, टूथपेस्ट में भी मिले होते हैं जहरीले तत्व, इम्यून सिस्टम हो रहा खराब

you know toothpaste also poisonous and dangerous for immune system
सावधान हो जाइए, टूथपेस्ट में भी मिले होते हैं जहरीले तत्व, इम्यून सिस्टम हो रहा खराब
सावधान हो जाइए, टूथपेस्ट में भी मिले होते हैं जहरीले तत्व, इम्यून सिस्टम हो रहा खराब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंह की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए नियमित टूथपेस्ट से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। यहां तक कि यदि आपको दांतों की कोई समस्या नहीं हो, तब भी टूथपेस्ट करना जरूरी है। लेकिन टूथपेस्ट में मिले कुछ घटक आपके शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। आम टूथपेस्ट में मिले कुछ जहरीले तत्वों का संबंध कुछ ऐसी बीमारियों से पाया गया है जो इम्यून और इन्फ्लेमेटरी डिसफंक्शन से संबंधित होती हैं। आमतौर पर लोग दिन में दो बार टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बिना कुछ किए ही टूथपेस्ट में मिले कुछ जहरीले तत्व शरीर में चले जाते हैं। इन संभावित खतरनाक घटकों का संबंध फ्लोराइड टॉक्सिसिटी, माउथ म्यूकोसाइरिटेशन (मुंह में जलन), एंडोक्राइन (अंतः स्रावी ग्रंथि) की कार्यप्रणाली में व्यवधान, प्रजनन तंत्र में गड़बड़ी और कैंसर समेत कई अन्य बीमारियों से पाया गया है।

ग्लोबल हॉस्पिटल, परेल के कंसल्टेंट, एमडीएस (ओएमएमएफआर), एमआईएफएल (जर्मनी) और आईसीओआई से संबद्ध डॉ. रोहन वीरानी कहते हैं कि फ्लोराइड और ट्राइक्लोजन युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने या नहीं करने से जुड़ा फैसला लेने से पहले इन तत्वों के दुष्प्रभाव जान लेना बेहद महत्वूपर्ण है। जिन क्षेत्रों में पीने के पानी में पहले से फ्लोराइड और ट्राइक्लोजन जैसे तत्व ज्यादा मात्रा में पाए जाते हैं, वहां इन तत्वों से बने मंजन से दांत की सफाई का सुझाव आमतौर पर नहीं दिया जाता है। 

टूथपेस्ट में फ्लोराइड और ट्राइक्लोजन के दुष्प्रभाव
पारंपरिक टूथपेस्ट में इन जहरीले तत्वों के अत्यधिक इस्तेमाल की जरूरत पर सवाल उठते रहे हैं। ट्राइक्लोजन और फ्लोराइड के इस्तेमाल पर किए गए अध्ययनों में इनसे मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कई नकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं। लंबे समय तक इन जहरीले तत्वों के प्रयोग से लोगों के सामान्य स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ता है। पिछले कुछ दशक में एलर्जी, ऑटो इम्यूनडिजीज और पोस्ट वायरल फेटीग सिंड्रोम (वायरल का शिकार होने के बाद बेहद कमजोरी आना) जैसे मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एक सामान्य तथ्य है कि इन सभी के पीछे इम्यूनसिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली की दक्षता में कमी की अहम भूमिका है। प्रतिरक्षा प्रणाली में यह खामी पारंपरिक टूथपेस्ट में मिलने वाले जहरीले तत्वों के लगातार प्रयोग से आती है।

एक समय दांतों की मजबूती बढ़ाने और उनके क्षय को रोकने के लिए समाधान के रूप में आया फ्लोराइड आज प्रतिरक्षा अंगों पर दुष्प्रभाव के लिए जाना जाता है। थायराइड ग्रंथि की प्रणाली और प्रतिरक्षा प्रणाली को बाधित करने से लेकर प्रजनन तंत्र में समस्या तक के दुष्प्रभावों के बाद फ्लोराइड का कोई लाभ मायने नहीं रखता। फ्लोराइड की ही तरह ट्राइक्लोजन भी एक ऐसा जहरीला तत्व है, जिसके संपर्क में लोग टूथपेस्ट के कारण आते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि ट्राइक्लोजन प्रजनन तंत्र में गड़बड़ी और एलर्जी के मामलों के लिए जिम्मेदार है। अध्ययनों में ट्यूमर बनने, त्वचा में जलन होने और माइक्रोबियलर जिस्टेंस जैसी स्वास्थ्य से जुड़ी अन्य कई परेशानियों में भी इन जहरीले तत्वों की भूमिका सामने आई है। भले ही आपके स्टैंडर्ड टूथपेस्ट में इन जहरीले तत्वों की मात्रा अपेक्षाकृत रूप से कम हो, फिर भी आप साल के 365 दिन और दिन में दो बार इन जहरीले तत्वों को अपने मुंह में रखते हैं।

प्राकृतिक विकल्पों और पूर्णप्राकृतिक तत्वों से बने टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें
जहां तक विकल्पों की बात है, कोई भी व्यक्ति प्राकृतिक तत्वों से बने और बिना फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट इस्तेमाल कर सकता है, क्योंकि इन टूथपेस्ट से भी दांत उतने ही साफ होते हैं, जितना विभिन्न रसायन वाले टूथपेस्ट से। आदर्श स्थिति में हर्बल टूथपेस्ट में कोई जहरीला तत्व, कृत्रिम स्वाद (आर्टिफिशियल फ्लेवर) या प्रिजर्वेटिव नहीं होना चाहिए और इसका निर्माण पूरी तरह प्राकृतिक तत्वों से होना चाहिए। दुर्भाग्य से बाजार में पूर्ण प्राकृतिक के नाम पर मिल रहे ज्यादातर टूथपेस्ट में अब भी कुछ खतरनाक रसायन होते हैं। इसलिए रसायन वाले टूथपेस्ट के बदले प्राकृतिक विकल्प की तलाश कर रहे ग्राहकों को टूथपेस्ट के घटकों की सूची को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए। घटकों की सूची में किसी भी अजीब तत्व के होने की जानकारी रहना महत्वपूर्ण है, साथ ही उन्हें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए किसी भी घटकों और उनके प्रभाव की उन्हें जानकारी है। दंतचिकित्सा के क्षेत्र में प्राकृतिक तत्व और प्राकृतिकतत्वों से बने मंजन माइक्रोबियलप्लेक और मसूढ़ों की सूजन से बचाव व नियंत्रण में कारगर पाए गए हैं। इनसे इन्फ्लेमेशन कम होता है और मसूढ़ों व दांतों की पूरी देखभाल होती है। प्राकृतिक विकल्पों के प्रयोग का सबसे बड़ा फायदा है कि इनका जहरीला प्रभाव बेहद कम होता है और इनमें माइक्रोबियल रजिस्टें भी बहुत कम होती है।

Created On :   25 Oct 2018 1:07 PM IST

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