8 Horses Died In Jabalpur: जबलपुर में 8 घोड़ों की हुई मौत, 57 में से 55 की ग्लैंडर्स रिपोर्ट आई नेगेटिव, जानें क्या है घोड़ों की मौत की वजह?

जबलपुर में 8 घोड़ों की हुई मौत, 57 में से 55 की ग्लैंडर्स रिपोर्ट आई नेगेटिव, जानें क्या है घोड़ों की मौत की वजह?
  • जबलपुर के फॉर्म हाउस में 8 घोडों की मौत
  • 57 घोड़ों में से 55 की ग्लैंड्स रिपोर्ट नेगेटिव
  • ज्यादा गर्मी और लू के चलते घोड़ों की गई जान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जबलपुर के एक फॉर्म हाउस में आठ घोड़ों की मौत हो गई है, जिसकी वजह डॉक्टरों ने बताई है। डॉक्टरों का कहना है कि, तेज गर्मी और लू के चलते घोड़ों की जान गई है। साथ ही कुल 57 घोड़ों में दो घोड़ों की ग्लैंडर रिपोर्ट नेगेटिव नहीं मिली है। जबलपुर के सचिन तिवारी ने हैदराबाद से इन घोड़ों को मंगवाया था। शुरू में ये घोड़े काफी हेल्दी थे लेकिन अचानक से उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी। 7 से लेकर 13 मई के बीच 8 घोड़ों की जान चली गई। सचिन तिवारी ने इस घटना की जानकारी तुरंत जिला प्रशासन को दी थी। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश के बाद वेट डॉक्टर्स की टीम ने घोड़ों का ब्लड टेस्ट करने के लिए सैंपल लिया था। हरियाणा में स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजा गया था। वहां से 55 घोड़ों की रिपोर्ट सामने आई है और दो घोड़ों के सैंपल वापस से लिए गए हैं। टीम ने घोड़ों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे थे। वहां से 55 घोड़ों की रिपोर्ट आ चुकी है। दो के सैंपल दोबारा मंगाए गए हैं।

ग्लैंडर क्या है?

मालूम हो कि ग्लैंडर एक बहुत ही घातक बीमारी है जो कि खासकर घोड़ों, खच्चरों और गधों में पाई जाती है। इस बीमारी में नाक से गंदा या खून जैसा पानी निकलता है, कमजोरी होती है, खांसी-बुखार जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। मीडिया की टीम रैपुरा गांव में घोड़ों के फॉर्म हाउस पहुंची थी। वहां पर मीडिया ने लोगों से बातचीत करने के साथ-साथ डॉक्टरों से भी बात की है।

रैपुरा में वेटरनरी डॉक्टर्स की चार टीम

जबलपुर में रैपुरा गांव मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर पनागर ब्लॉक में आता है। मीडिया टीम दोपहर के 2 बजे गांव पहुंची थी। मेन रोड से एक किमी अंदर जाने के बाद एक बाड़े में कई सारी गायें और भैंसें बंधी थीं। इसके बाड़े का एक बड़ा गेट भी है जिसमें एक तरफ पक्की ईंट है और एक तरफ लोहे के तार हैं। गेट के पास ही करीब दो से तीन कमरे बने हुए हैं। उसके सामने ही कुछ डॉक्टर्स तैनात हैं। उनके सामने एक तख्त है जिस पर जरूरत की दवाईयां रखी हुई हैं। डॉक्टरों से करीब 80 मीटर दूरी पर लाइन से घोड़े बंधे हैं।

क्या हैं घोड़ों के हाल?

डॉक्टर रविंद्र सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, डॉक्टरों की टीम लगातार घोड़ों का ख्याल रख रही है। हर समय उनकी जांच चल रही है। अभी 49 में से के करीब 47 घोड़ों की हालत ठीक है पहले से। वहीं, दो घोड़ों को काफी कमजोरी है। उन्हें आइसोलेशन में रखा गया है। उनका खास ख्याल रखा जा रहा है और खाने के लिए भी प्रॉपर खाना और पानी दिया जा रहा है। साथ ही हेल्थ टॉनिक देने का भी विचार क रहे हैं।

क्यों हुई घोड़ों की मौत?

डॉक्टर ने बताया कि, हिसार से सभी 57 घोड़ों की रिपोर्ट मिल गई है। जिनमें से 55 की ग्लैंडर रिपोर्ट नेगेटिव मिली है। साथ ही दो घोड़ों के वापस से सैंपल मांगे गए हैं। घोड़ों की मौत की वजह के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि, जब घोड़े हैदराबाद से यहां लाए गए थे। तब मौसम काफी ज्यादा गर्म था औ वे यहां का वातावरण नहीं झेल पाए और ग्लैंडर की रिपोर्ट नेगेटिव है तो ये उम्मीद लगाई जा रही है कि उनकी मौत गर्मी से हुई है।

सचिन कहते हैं- इस लॉट के सारे घोड़े कमजोर और बीमार लग रहे थे। मुझे जैसे ही ये पता चला, मैंने 6 मई को तुरंत ही वेटरनरी डिपार्टमेंट को इसकी सूचना दी और घोड़ों के इलाज का अनुरोध किया। दूसरे ही दिन 7 मई को 40 लोगों की टीम इलाज के लिए फॉर्म हाउस पहुंचीं। उन्होंने घोड़ों के ब्लड सैंपल लिए। जिन्हें जांच के लिए हिसार भेजा गया।

Created On :   25 May 2025 12:50 PM IST

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