राशन के दुकान की मुलाकात मौत तक ले आई, जानें आरोपी मनोज और सरस्वती के प्यार से लेकर कत्ल तक की पूरी दास्तान

राशन के दुकान की मुलाकात मौत तक ले आई, जानें आरोपी मनोज और सरस्वती के प्यार से लेकर कत्ल तक की पूरी दास्तान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहली नजर का प्यार और मुलाकात आदमी के जेहन में ताउम्र बसा रहता है। लेकिन मुबंई में यही मुलाकात सरस्वती नाम की एक लड़की को इतनी भारी पड़ी कि उसको इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। मनोज साने नाम के शख्स ने अपनी लिव-इन पार्टनर सरस्वती की हत्या इतनी निर्दयता और नृशंस तरीके से की है कि सुनने के बाद आदमी के रोंगटे खड़े हो जाए। आरोपी मनोज ने अपनी प्रेमिका की हत्या पेड़ काटने वाली आरी मशीन से की। उसके बाद शव को टुकड़ों में करके कुकर में उबाल दिया। जिसे बाद में कुत्तों को खिला दिया। लेकिन फ्लैट से दुर्गंध आने पर पड़ोसियों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। तब जाकर मामला सामने आया।

कैसे बढ़ी मनोज-सरस्वती में नजदीकियां?

पुलिस के अनुसार मृतिका सरस्वती पहले वर्ष 2014 में बोरीवली के पश्चिमी उपनगर में एक आश्रम में रहती थी। सरस्वती जिस दुकान से राशन लाती थी उसी दुकान पर आरोपी मनोज काम करता था। सामान के लेनदेन के दौरान दोनों की एक-दूसरे से मुलाकात हुई। इसके बाद 2016 से दोनों एक दूसरे के साथ रहने लगे। इसके बाद वह दोनों तीन साल पहले मीरा रोड के फ्लैट में रहने लगे।

पहले तो पुलिस का कहना था कि मृतिका अनाथ थी। लेकिन मीरा रोड में नया नगर पुलिस अधिकारियों ने सरस्वती वैद्य के परिवार का पता लगा लिया है। सरस्वती की तीन बहनें है। सूचना के बाद तीनों बहनें थाने पहुंची, जिनके बयान सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर ने दर्ज कर लिए हैं। सरस्तवी की हत्या से तीनों बहनें टूट चुकी है।

कुत्तों को खाना खिलाने पर हुआ शक

ठाणे स्थित मनोज साने के फ्लैट का नजारा कुछ ऐसा था कि उसे देखने के बाद पुलिस के होश उड़ गए। फ्लैट से कटे और उबले हुए बॉडी पार्ट्स बरामद हुए थे। पुलिस का कहना है कि बॉडी पार्ट्स को मिक्सर में पीस दिया गया, वहीं कुछ पार्ट्स प्रेशर कुकर में उबाले गए थे। मनोज के पड़ोसियों ने बताया कि कुछ दिनों से मनोज आवार कुत्तों को खाना खिला रहा था। इसे देखकर पड़ोसियों को शक हुआ क्योंकि इससे पहले मनोज कभी कुत्तों को खाना नहीं खिलाता था ।

3 सालों से लिव-इन में रह रही थी सरस्वती

सरस्वती और मनोज मीरा रोड पूर्व में गीता आकाशदीप बिल्डिंग की सातवीं मंजिल पर पिछले तीन साल से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। आरोपी मनोज के पड़ोसियों ने पिछले बुधवार को फ्लैट से दुर्गंध आने की शिकायत मनोज से की। जिससे मनोज पूरी तरह से घबरा गया। दुर्गंध को दूर करने के लिए मनोज स्प्रे का भी छिकड़ाव कर रहा था।

काले बोरे से पड़ोसियों का शक गहराया

रात में मनोज काला बोरा लेकर निकला तो पड़ोसियों को उस पर शक हुआ। उसने लोगों से कहा था कि वह रात 10:30 बजे तक लौटेगा। इसके बाद पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। जब पुलिस फ्लैट पर पहुंचकर दरवाजे को खटखटाया तो कोई आवाज नहीं आयी। इसके बाद पुलिस ने दरवाजा तोड़ दिया।

टुकड़ों में फैली लाश को देखकर पुलिस के होश उड़े

जब पुलिस मनोज के फ्लैट में घुसी को वहां का नजारा देखकर पुलिस के भी होश उड़ गए। रसोई में रखे एक प्रेशर कुकर और कुछ बर्तनों में उबला हुआ इंसानी मांस रखा था। वहीं फर्श पर महिला के बाल पड़े मिले। इसके अलावा अधजली हड्डियां मनोज के फ्लैट में बेडरूम में पुलिस को एक प्लास्टिक बैग और खून से सनी आरी मिली।

4 जून को ही हो गई थी सरस्वती की हत्या, शव को टकड़ों में ठिकाने लगा रहा था मनोज

पुलिस को मनोज ने बताया है कि उसकी लिव-इन पार्टनर ने आत्महत्या कर ली थी। जिससे वह काफी डर गया था। शव को ठिकाने लगाने के लिए उसने शव को आरी से काटा और टकड़ों में करके उसे ठिकाने लगा रहा था। लेकिन प्रारंभिक जांच का हवाला देते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संभवत: मनोज साने ने 4 जून को सरस्वती वैद्य की हत्या कर दी थी। ' मीरा-भायंदर-वसई-विरार पुलिस के डीसीपी जयंत बाजबले ने कहा कि बॉडी पार्ट्स मुंबई के जेजे अस्पताल में फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

16 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया आरोपी मनोज

सनीसनीखेज मामले को लेकर नया नगर थाने के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनोज साने के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करना) के तहत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे के मकसद का पता नहीं चल पाया है। इसके बाद पुलिस ने 56 वर्षीय मनोज साने को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने मनोज साने को 16 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है।

शव की बदबू से चूहे के मरने का हुआ शक

मनोज के पड़ोसियों ने बताया कि पहले उन्हें लगा कि फ्लैट से आने वाली दुर्गंध किसी चूहे के मरने की वजह से आ रही है। लेकिन पुलिस की पड़ताल के बाद सच सामने आने के बाद पड़ोसियों के होश उड़ गए। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था। पड़ोसियों ने बताया कि इससे पहले इस तरह की घटनाओं के बारे में उन्होंने टीवी में देखा था। लेकिन बगल के फ्लैट में हुई इस प्रकार की घटना के बारे में सुनकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।

पुलिस ने पूछताछ की तो क्या बोला आरोपी मनोज

पुलिस की पूछताछ में आरोपी मनोज ने बताया है कि उसने अपनी लिव-इन पार्टनर सरस्वती वैद्य की हत्या नहीं की है। उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली है। मनोज ने बताया कि जब वह 3 जून को शाम को घर वापस आया तो देखा कि सरस्वती जमीन पर लेटी हुई है और उसके मुंह से झाग निकल रहा है। यह देखकर वह डर गया।

हत्या के आरोप के डर से मनोज ने सरस्वती के शव को ठिकाने लगाने के बारे में सोचने लगा। इसके लिए उसने एक आरी खरीदी और उससे ही शव को कई टुकड़ों में काटा। शव को काटने के बाद उसने शव को कुकर में उबाला जिससे हड्डियां शव से अलग हो जाएं।

मनोज को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। पूछताछ में उसने कहा कि लाश को ठिकाने लगाने के बाद वह सुसाइड करने के बारे में सोच रहा था। उसे अपने किए पर जरा भी पछतावा नहीं है।

जांच के बाद ही सच आएगा सामने-पुलिस

आरोपी मनोज साने ने जो दावे किए हैं, पुलिस उनसे सहमत नहीं है। पुलिस ने कहा कि मनोज बहुत शातिर है। वह पुलिस की जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। वह कई बार बयान बदल चुका है। आरोपी मनोज कई झूठे बयान भी दे रहा है। पुलिस बिना जांच पड़ताल या बिना सबूत के उसकी बातों पर विश्वास नहीं कर सकती। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वे इस एंगल से भी जांच करेंगे।

डीएनए जांच से सुलझेगी मौत की गुत्थी

फोरेंसिक की मदद से पुलिस डीएनए मैच कराएगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी मनोज साने ने सरस्वती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए थे, जिसकी पहचान करना मुश्किल था। पुलिस ने कहा कि मनोज ने सरस्वती का सिर भी काट दिया था। शरीर के टुकड़ों को प्रेशर कुकर में उबाले जाने के कारण पहचान करना बहुत मुश्किल था। अब डीएनए टेस्ट अहम सबूत होगा। पुलिस अलग-अलग जगहों पर सरस्वती की बहनों के बयान दर्ज कर रही है।

पुलिस ने बताया कि आरोपी मनोज अक्सर सरस्वती के साथ मारपीट करता था। पुलिस बहनों से इस बारे में पूछताछ कर रही है। कि क्या उनको सरस्वती की हत्या के बारे में पहले से जानकारी थी। सूत्रों ने कहा कि बहनें सरस्वती के संपर्क में थीं, लेकिन उन्हें सरस्वती ने कितना कुछ बताया, यह बयान महत्वपूर्ण है। सरस्वती की एक बहन को जेजे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां सरस्वती के बरामद पार्ट्स को रखा गया है।

सरस्वती का अहमदनगर से क्या है कनेक्शन

सरस्वती को कोर्ट के आदेश से वर्ष 2008 में अहमदनगर के जानकीबाई आप्टे बालिका आश्रम में भर्ती कराया गया था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कोर्ट का आदेश क्या था। आश्रम में सरस्वती ने 10वीं तक की पढ़ाई की। आश्रम में उसका व्यवहार अच्छा था। जब उसे आश्रम में भर्ती कराया गया था, तब वह नाबालिग थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, कानून के अनुसार 18 वर्ष की उम्र होने के बाद वह आश्रम छोड़कर मुंबई आ गई।

Created On :   9 Jun 2023 5:09 PM GMT

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