नया नाम, नई पहचान: अकबरगंज, फुरसतगंज समेत 8 स्टेशनों के क्यों बदले गए नाम? जानिए नए नामों के पीछे की खास वजह और प्रक्रिया

- ‘फुर्सतगंज रेलवे स्टेशन’ का नाम ‘तपेश्वर धाम’ से जाना जाएगा
- ‘कासिमपुर हाल्ट स्टेशन’ का नाम अब ‘जायस सिटी’
- ‘वारिसगंज हाल्ट स्टेशन’ का नाम अब ‘अमर शहीद भाले सुल्तान’
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश एक बार फिर जगहों के नाम बदलने को लेकरचर्चा में आया है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ मंडल के 8 रेलवे स्टेशनों का नाम बदल दिया गया है। इस फैसले के तहत, लखनऊ डिवीजन के अंदर आने वाले इन रेलवे स्टेशनों के नामों को अब धार्मिक स्थलों, महापुरुषों और आध्यात्मिक गुरुओं के नाम से जाना जाएगा। दरअसल, इसके जरिए राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को और अधिक मजबूती और पहचान देने की कोशिश की गई है।
इनमें जायस स्टेशन, अकबरगंज स्टेशन, फुरसतगंज रेलवे स्टेशन, वारिसगंज हॉल्ट स्टेशन, निहालगढ़ स्टेशन, बनी रेलवे स्टेशन, मिसरौली स्टेशन और कासिमपुर हॉल्ट स्टेशन के नाम शामिल हैं। इन सभी रेलवे स्टेशनों को अब धार्मिक स्थलों, महापुरुषों और आध्यात्मिक गुरुओं के नाम से जाना जाएगा।
इन नामों से जाने जाएंगे ये स्टेशन
अमेठी स्थित ‘फुर्सतगंज रेलवे स्टेशन’ का नाम वहां के ‘तपेश्वर धाम’ के नाम से जाना जाएगा। इस नामकरण के माध्यम से ‘तपेश्वर धाम’ के धार्मिक स्थल की महिमा को सम्मान दिया गया है, जो यहां के निवासियों के लिए आस्था का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है। ‘जायस स्टेशन’ का नाम बदलकर ‘गुरु गोरखनाथ धाम’ रखा गया है, जो उत्तर भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में गोरखनाथ की भूमिका को उजागर करता है।
इसके साथ ही, ‘बनी स्टेशन’ का नाम बदलकर ‘स्वामी परमहंस’ रखा गया है, जबकि ‘मिश्रौली’ को अब ‘मां कालिकन धाम’ शक्तिपीठ के नाम से जाना जाएगा। जिससे इन स्थानों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को और भी सशक्त किया जा सके। वहीं ‘कासिमपुर हाल्ट स्टेशन’ का नाम बदलकर अब ‘जायस सिटी’ कर दिया गया है।
इसी तरह, ‘वारिसगंज हाल्ट स्टेशन’ का नाम अब ‘अमर शहीद भाले सुल्तान’ रखा गया है, जो उस बहादुर शहीद की स्मृति में रखा गया है। ‘अकबरगंज स्टेशन’ अब ‘मां अहोरवा भवानी धाम’ के नाम से जाना जाएगा। ‘निहालगढ़ स्टेशन’ को ‘महाराजा बिजली पासी’ के नाम से जाना जाएगा, जो पासी समुदाय के महान योद्धा और शासक ‘महाराजा बिजली पासी’ के सम्मान में किया गया है।
पूर्व सांसद ने की थी नाम बदलने की पहल
पूर्व अमेठी लोकसभा सांसद स्मृति ईरानी ने फरवरी महीने में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को अमेठी जिले के इन रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मार्च में मंजूरी मिल गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव के आदर्श आचार संहिता की वजह से इसमें देरी हो गई। अब आखिरकार मंगलवार को इन रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का आदेश जारी कर दिया गया।
कैसे बदले जाते हैं रेलवे स्टेशनों के नाम?
रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का आधिकार रेलवे बोर्ड के पास नहीं होता है, बल्कि इन स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला राज्य सरकार के पास होता है। राज्य सरकार ही यह फैसला करती है कि, किस स्टेशन का नाम बदला जाना चाहिए। नाम तय करने के बाद राज्य सरकार इसकी मंजूरी लेने के लिए उसे गृहमंत्रालय, नोडल मंत्रालय के पास भेजती है। गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी देने से पहले रेल मंत्रालय से भी राय लेता है। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि पुराने नाम के बदले जिस नए नाम की मंजूरी दी जा रही है, उस नाम से कोई और रेलवे स्टेशन देश में मौजूद तो नहीं है।
Created On :   28 Aug 2024 4:01 PM IST














