महाबोधि मंदिर को थर्राने की साजिश, मंदिर के पास मिले तीन विस्फोटक
डिजिटल डेस्क, बोधगया। बोधगया के महाबोधि मंदिर के पास शुक्रवार को विस्फोटक मिलने से हड़कंप मच गया। जिस वक्त ये विस्फोटक मिला उस वक्त तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया में ही मौजूद थे। इतना ही नहीं शुक्रवार को महाबोधि मंदिर के पास विस्फोटक मिलने की खबर आने से पहले बिहार के गवर्नर सतपाल मलिक ने भी यहां आकर पूजा-अर्चना की थी। 3 बमों की बरामदगी के बाद बोधगया में हाईअलर्ट कर दिया गया। वहीं मंदिर के आसपास सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बम मिलने के बाद इसे सुरक्षा में भारी चूक माना जा रहा है।
थरमस में हुआ धमाका
महाबोधि मंदिर के पास कालचक्र मैदान में ये बम मिले। दरअसल कालचक्र मैदान में बने रसोईघर के पास एक थरमस में छोटा सा धमाका हुआ था। इस धमाके के बाद सुरक्षा में तैनात पुलिस वहां पहुंची। बिहार पुलिस ने तीन जगहों से विस्फोटक मिलने की पुष्टि की है। संदिग्ध वस्तु दिखने के बाद तत्काल बम निरोधक दस्ता को बुलाया गया। स्कैन करने पर केन में विस्फोटक की बात सामने आई। इसके बाद तलाशी का दायरा बढ़ा दिया गया। पुलिस के मुताबिक श्रीलंका मॉनिस्ट्री के पास चौराहे के करीब एक पेड़ के चबूतरे के नीचे बैग में रखा दूसरा विस्फोटक मिला। साथ ही महाबोधि मंदिर के बाहर लाल चबूतरा के पास भी ऐसा ही एक थैला दिखा। जांच में इसमें भी विस्फोटक होने की बात सामने आई। पुलिस ने तुरंत बम निरोधक दस्ते को बुलाया। बम निरोधक दस्ता बमों को डिफ्यूज करने अपने साथ ले गया। बम को डिफ्यूज करने के लिए फल्गु नदी की ओर ले जाया गया। सुरक्षा कारणों से मीडिया को फल्गु नदी के नजदीक जाने नहीं दिया जा रहा है।
दलाई लामा के प्रवास स्थल की बढ़ाई सुरक्षा
विस्फोटक मिलने के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और सघन चैकिंग अभियान चलाया जा रहा है। महाबोधी मंदिर की भी पूरी तरह से घेराबंदी कर ली गई है। विस्फोटक मिलने के बाद दलाई लामा के ठहरने के स्थान के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। दलाई लामा के प्रवास स्थल तिब्बत मोनास्टरी के आसपास के क्षेत्रों को पूरी तरह सील कर दिया गया है। उनकी सुरक्षा में एसएसबी के जवानों को तैनात कर दिया गया है। उस मार्ग से गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है। एसएसपी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं।
विशेष पूजा-अर्चना में भाग ले रहे है दलाई लामा
तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा महाबोधि मंदिर में 2 जनवरी से विशेष पूजा-अर्चना में भाग ले रहे है। दलाई लामा 50 दिनों के बोधगया प्रवास पर है। यहां पर तीन जनवरी से कालचक्र पूजा की शुरुआत हुई है। कालचक्र पूजा एक तांत्रिक साधना है, जिसमें मंडल का निर्माण कर कालचक्र व विश्वात्मा को स्थापित किया जाता है। कालचक्र व विश्वात्मा को शिव-शक्ति का रूप माना जाता है। पूजा में हिस्सा लेने के लिए लगभाग 60 हजार श्रद्धालु बोधगया पहुंचे है। बताया जा रहा है कि भारत के अलावा ताइवान, अमेरिका, रूस, फ्रांस और मंगोलिया के मीडियाकर्मी पहुंचे है। दलाई लामा का कालचक्र मैदान में प्रवचन भी चल रहे है।
2013 में भी धमाकों से थर्रराया था महाबोधि मंदिर
7 जुलाई 2013 को भी 1,500 साल पुराने महाबोधि मंदिर परिसर में नौ सिलेसिलेवार विस्फोट हुए थे। इस विस्फोट में दो बौद्ध भिक्षु घायल हो गए थे। चार बम मंदिर परिसर में, तीन पास के ही एक मठ में, एक भगवान बुद्ध की प्रतिमा के नजदीक और एक अन्य बम पर्यटक बस के नजदीक फटा था। विस्फोटों से हालांकि मंदिर और भगवान बुद्ध की प्रतिमा को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। तत्कालीन केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी ने इसे एक आतंकी हमला बताया था। सीरियल धमाकों को इंडियन मुजाहिद्दीन ने अंजाम दिया था। 2013 में हुए धमाकों के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई थी। माना जा रहा है कि धमाकों के बाद यह अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा चूक है।
Created On :   20 Jan 2018 8:36 AM IST