कोरोना संकट में 3200 किन्नर भूख से हुए बेहाल, किन्नरों ने ही की मदद

3200 eunuchs suffering from hunger in Corona crisis, eunuchs helped
कोरोना संकट में 3200 किन्नर भूख से हुए बेहाल, किन्नरों ने ही की मदद
कोरोना संकट में 3200 किन्नर भूख से हुए बेहाल, किन्नरों ने ही की मदद

गौतमबुद्धनगर (नोएडा), 30 जून (आईएएनएस)। कोरोना संकट में करीब 3200 किन्नर भूख से परेशान हुए, जिसमें गौतमबुद्धनगर, पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद के कुछ इलाकों के किन्नर शामिल हैं। इन सभी किन्नरों की मदद के लिए इन्हीं के समाज के लोगों ने हाथ आगे बढ़ाए। इन सभी को बसेरा नामक सामाजिक संस्था ने खाने के पैकेट और राशन बांटकर इन सभी किन्नरों की मदद की। इस संस्थान से फिलहाल 1670 किन्नर पंजीकृत हैं और अन्य करीब 1600 किन्नरों का भी जल्द पंजीकरण किया जाएगा।

बसेरा सामाजिक संस्थान की प्रोग्राम ऑफिसर रिजवान उर्फ रामकली (किन्नर) ने आईएएनएस को बताया, हमने 31 मार्च से पका हुआ खाना बांटना शुरू किया। हमने 7 दिन खाना बांटा। लेकिन फिर हमें शिकायत आई कि वे खाना सिर्फ एक बार ही खा पाते हैं। दूसरी बार में खाना खराब हो जाता है। हमने फिर 20 अप्रैल तक करीब 10000 पके हुए खाने के पैकेट बांटे। उसके बाद हमने कच्चा राशन बांटना शुरू किया। हम अब तक करीब 2000 राशन के किट किन्नरों को बांट चुके हैं। हम परसों फिर बांटने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, हमने शुरुआत में जो खाने के पैकेट और राशन बाटें वो सिर्फ अपने समाज के लोगों को बाटे थे। लेकिन हमारे पास अन्य लोग भी आए, जिन्होंने हमसे कहा कि हमारा भी पेट है, हमें भी भूख लगती है। तो फिर हमने अन्य जरूरतमंदों को भी राशन बांटना शुरू किया।

रामकली ने कहा, हमारे पास जो लोगों की तरफ से जो फंड इकट्ठा हुआ था। उस फंड से हमने इन सभी लोगों की मदद की। 15 अन्य एनजीओ ने भी हमारी इस पहल में मदद की।

आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 1670 किन्नरों में से सिर्फ 3 किन्नर इस वक्त जॉब कर रही हैं। इसमें से दो हाईकोर्ट और एक बार्कलेज कंपनी में काम कर रही हैं। बाकी अन्य किन्नर बसों, ट्रेनों, ट्रैफिक लाइट पर पैसे मांगने का काम करती हैं। कुछ किन्नर शादियों में बधाई मांगती हैं और कुछ किन्नर सेक्सवर्क का काम करती हैं। वो भी कोरोना की वजह से बंद है।

बसेरा सामाजिक संस्थान में फिलहाल वजूद नाम का एक अभियान चलाया जा रहा है। जो कि किन्नरों को जागरूक करने का काम करती हैं। इससे फिलहाल 1670 किन्नर जुड़े हुए हैं, अन्य 1600 भी जल्द जोड़े जाएंगे।

किन्नरों की शिकायत है कि कुछ किन्नर कई कंपनियों में इंटरव्यू भी देने गई थीं, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं दी गई। उन्होंने कहा, हमें मुख्यधारा से जोड़ा जाए, हमारे किन्नर समाज में भी बहुत स्किल है, हमारे कुछ किन्नर अच्छा खाना बनाना जानते हैं। उन्हें क्यों नहीं लोग अपने घर पर खाना बनाने के लिए रखते हैं। लोग हमें अपनाएंगे तो, हमारी स्थिति बेहतर होगी। हम भी लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे।

Created On :   30 Jun 2020 10:31 PM IST

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