यह हैं साल 2017 की 5 बड़ी प्राकृतिक आपदाएं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2017 खत्म हो रहा है और इसके साथ ही छोड़कर जा रहा है कुछ ऐसी यादें जिसने देश को हिला कर रख दिया है। साल 2017 में भारत के लोगों ने कई भीषण प्राकृतिक आपदाएं देखी और झेली हैं जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई, ना जाने कितने लोग बेघर हो गए, कितने बच्चे अनाथ हो गए। यह वो पल थे जिसे सोचकर रूह कांप उठती है।
आइये जानते हैं देश भर में इस साल तबाही मचाने वाली प्राकृतिक आपदाओं का लेखा-जोखा।
गुजरात बाढ़ 2017
जुलाई 2017 में भारी वर्षा के कारण गुजरात में बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे। स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि राज्य के अधिकतम इलाके जलमग्न हो गए थे। हर तरफ तबाही का मंजर था। इस विनाशकारी बाढ़ में लगभग 225 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे। मुख्य रूप से बनासकांठा जिला और पाटण जिला इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। इसी के ही साथ पड़ोसी राज्य राजस्थान में भी बाढ़ के कारण 16 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
जलभराव की वजह से अहमदाबाद-राजकोट नेशनल हाइवे बंद कर दिए गए थे। इसके अलावा 120 से भी ज्यादा सड़क मार्ग बंद हो गये थे। गुजरात राज्य परिवहन की 800 से ज्यादा बसें सेवाएं रद्द कर दी गई थी। कई रेलवे ट्रैक भी बाढ़ में बह गये थे।
गुजरात की गंभीर स्थिति देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने गृह राज्य में बाढ़ का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण भी किया था और 500 करोड़ रुपये की अंतरिम राहत की भी घोषणा की थी।
ओखी चक्रवात 2017
समुद्री दानव "ओखी" ने भारत के दक्षिणी भाग में जमकर तबाही मचाई। अरब सागर से उठे इस तूफान ने इस साल नवंबर में पहले श्रीलंका में तबाही मचाई उसके बाद यह भारत के तटीय राज्यों तक पहुंच गया। इस तूफान ने सबसे पहले तमिलनाडू और केरल में कोहराम मचाया उसके बाद इस दानव का कहर यही नहीं थमा और इसने लक्षद्वीप और गुजरात का रुख कर लिया।
4 दिसंबर 2017 तक इस तूफान ने श्रीलंका में 14 लोगों की जान ले ली। भारत में ओखी के कारण 92 लोगों ने अपनी जान गंवाई साथ ही कुल 275 लोग लापता हुए। 2 दिसंबर 2017 तक इस तूफान ने लक्षद्वीप के कई द्वीपों पर भारी तबाही मचाई। बहुत सारे घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। बिजली की भारी समस्या पैदा हो गई थी। इस प्राकृतिक आपदा के आने के तत्काल बाद केंद्र सरकार की तरफ से मदद मुहैया कराई गई थी तथा केंद्रीय दलों की रिपोर्ट के आधार पर प्रभावित राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के बारे में फैसला किया गया था
मुंबई बारिश 2017
इस साल मुंबई में बहुत तेज बारिश हुई। उस बारिश ने मुंबई की लाइफ को पूरा हिलाकर रख दिया। 5 से 6 दिन तक चली इस बारिश ने पूरे शहर को हिला दिया था। 29 अगस्त 2017 को हुई बारिश ने मुंबई की लाइफ कहे जाने वाले लोकल ट्रेनों और यातायात के बाकि के साधनों को पूरी तरह से ठप कर दिया था। शहर के अलग-अलग इलाकों में इलेक्ट्रिसिटी की सुविधा लोगों तक नहीं पहुंच पा रही थी।
इस बाढ़ में 14 लोगों की जान चली गई। बता दें कि बहुत सारे रिसर्चस ने कहा था कि मुंबई की यह बारिश जलवायु परिवर्तन का एक बहुत बड़ा संकेत है।
गुरेज सेक्टर हिमस्खलन 2017
कश्मीर के बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन के कारण सेना के 5 जवान लापता हो गए थे। गौरतलब है कि इससे पहले भी 2017 की शुरुआत में जनवरी के महीने में गुरेज सेक्टर में हिमस्खलन के कारण 22 जवान शहीद हो गए थे। हिमस्खन के कारण गुरेज में कई दिनों तक जवान लापता रहे थे, लेकिन बाद में 15 जवानों के ही शव बरामद हो पाए थे।
पश्चिम बंगाल में बाढ़
जुलाई से अगस्त 2017 के बीच पश्चिम बंगाल में हुई भारी बारिश के कारण पूरे प्रदेश में बाढ़ के हालात पैदा हो गए थे। यहां हो रही तेज बारिश और उफनती नदियों ने रोजाना किसी न किसी को अपना शिकार बनाया था। लगभग 150 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
भारी मॉनसून बारिश और दामोदर घाटी निगम के बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण 14 जिलों के 106 ब्लॉकों में 27 लाख लोग प्रभावित थे। प्रदेश सरकार ने लोगों के लिए 311 राहत शिविरों को लगाया था। वहीं राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने खुद पूरे इलाके का जायजा लिया था।
Created On :   27 Dec 2017 1:18 PM IST