मप्र के मजदूरों के लिए मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना, ये मिलगा फायदा
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य के बजट का 50 प्रतिशत हिस्सा मजदूरों के कल्याण में खर्च किया जायेगा। वहीं तेंदूपत्ता पारिश्रमिक बढ़कर 2000 रूपये प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से असंगठित श्रमिकों को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने शनिवार को ये बात कही।
सीएम ने बताया कि असंगठित मजदूरों के लिए क्रांतिकारी और ऐतिहासिक मुख्यमंत्री असंगठित मजदूर कल्याण योजना बनाई है। इससे मजदूरों का जीवन बदल जाएगा। मजदूर कल्याण योजना का लाभ लेने के लिये पंजीयन की प्रक्रिया एक अप्रैल से शुरू हो गई है। यह 14 अप्रैल तक चलेगी। सीएम की इस पूरी कवायद को आगामी विधानसभा से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे पहले सीएम ने कर्मचारी वर्ग को खुश करने के लिए रिटायरमेंट की आयु 60 से बढ़ाकर 62 कर दी है। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए है।
शिवराज सिंह के संबोधन की मुख्य बातें:
- हम अब मध्यप्रदेश में श्रमिकों के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा की ऐतिहासिक योजना लागू करने जा रहे हैं।
- खेत जोतने वालों, फसल काटने वालों, पत्थर तोड़ने वालों, ईटें ढोने वालों, गारा बनाने वालों, हाथ ठेला धकाने वालों, रिक्शा खींचने वालों और अलग-अलग जगह काम करने वालों, मेरे गरीब मजदूर बहन-भाइयों के बिना दुनिया नहीं चल सकती।
- हम सभी असंगठित श्रमिकों का पंजीयन करा रहे हैं। इसकी शुरुआत हो चुकी है, लेकिन 1 से 14 अप्रैल तक विशेष अभियान चलेगा। इसमें आपको पंचायत या नगर पालिका या निगम में सिर्फ ये लिखकर देना है कि आप श्रमिक हैं और शासकीय सेवा में नहीं हैं और न ही आयकरदाता हैं।
- सड़कों, अस्पतालों, हमारे घरों, हमारी सुख-सुविधाओं से संबन्धित सभी चीजों को बनाने वाले, यह हमारे श्रमिक भाई अथक परिश्रम करके हमें इन चीजों को सुलभ कराते हैं। इन श्रमिकों के उत्थान और कल्याण का जिम्मा हमारी सरकार उठाएगी।
- हमारे श्रमिक भाई-बहनों के पंजीकरण में हम सभी को मदद करनी होगी, जिस श्रमिक के पास 2.50 एकड़ से कम जमीन है, वे अआवेदन कर सकते हैं।
- मेरे मजदूर भाइयों हमने पंजीयन शुरू कर दिया है। पंजीयन के लिए ग्राम पंचायत और नगर क्षेत्र में नगर पंचायत के माध्यम से आप अपना पंजीयन कराएं। आपको पंजीयन कार्ड उपलब्ध करवा दिया जायेगा।
- गर्भावस्था और प्रसव के बाद भी महिला श्रमिक काम करें, ये अमानवीय है। इसलिए स्वास्थ्य लाभ हेतु गर्भावस्था के 6 से 9 महीने के बीच 4 हज़ार और प्रसव के बाद 12 हज़ार रुपए महिला श्रमिक को दिए जाएंगे, जिससे वे आराम कर सकें और आवश्यकता की पूर्ति भी हो सके।
- गर्भावस्था के दौरान योजना का लाभ लेने हेतु कोई अलग से आवेदन नहीं करना होगा, बल्कि सरकारी अस्पताल में जाँच करानी होगी, साथ ही मैं कहना चाहता हूँ कि महिलाएं प्रसव सरकारी अस्पताल में ही कराएं।
- श्रमिक भाइयों-बहनों के बच्चों के लिए पहली से लेकर पीएचडी तक की पढ़ाई की हमने नि:शुल्क व्यवस्था की है।
- हमारे कुशल श्रमिकों को औजार खरीदने के लिए राशि दी जाएगी, जिससे हमारे श्रमिक भाई की आमदनी बढ़ सके।
- शासकीय अस्पताल में इलाज की व्यवस्था तो है ही, लेकिन श्रमिक के गंभीर बीमारी से ग्रसित होने पर जरूरत पड़ी तो प्रदेश या देश में कहीं भी पीड़ित श्रमिक का नि:शुल्क इलाज कराया जाएगा। 5 लाख तक का इलाज नि:शुल्क कराया जाएगा।
- पंजीकृत असंगठित श्रमिकों को सभी योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिनके पास मकान नहीं है, उन्हें वर्ष 2022 तक आवास मिलेगा, रिक्शा वालों को ई-रिक्शा और ठेला ढकेलने वालों को ई-लोडर के लिए 30 हज़ार रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
- मेरा निवेदन है कि बिजली के बिल का भुगतान सभी को करना चाहिए, इससे व्यवस्था सुचारु रूप से चलती है। लेकिन श्रमिकों के लिए बिजली के बिलों की समस्या के समाधान के लिए पुराने बिजली के बिल फ्रीज़ कर दिये जाएंगे और 200 रुपये प्रति माह फ्लैट रेट पर बिजली उन्हें उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्रदेश में सभी के पास अपनी छत होगी। अब कोई भी मजदूर बिना जमीन का नहीं रहेगा, इसलिए सर्वे कर सभी को जमीन का पट्टा दिया जाएगा। वर्ष 2022 तक सभी को अपनी जमीन का मालिक बना देंगे।
- दुनिया से जाना है तो अंतिम संस्कार सम्मान से होना चाहिए। इसके लिए 5 हज़ार रुपये की सहायता दी जायेगी।
- अस्थायी अपंगता पर 1 लाख, स्थायी अपंगता पर 2 लाख और 60 वर्ष से कम की आयु में मृत्यु होने पर 2 लाख रुपये दिये जायेंगे।
- 1200 रुपये प्रतिबोरे की जगह 2000 रुपये प्रतिबोरा तेंदू पत्ते के लिए देने का निर्णय हमने लिया है।
- महुए का फूल, अचार की गुठली, ये वनोपज हैं, इनका ठीक दाम मिलना चाहिए। हमने तय किया कि 14 अप्रैल से 30 रुपये प्रति किलो महुए का फूल खरीदा जायेगा। अचार की गुठली 100 रुपये किलो खरीदी जायेगी।
- चरण पादुका योजना के तहत तेंदूपत्ता तोड़ने वाले भाइयों को जूते, बहनों को चप्पल और साड़ी के साथ सभी को पानी की कुप्पी देंगे। ये कार्यक्रम 19 अप्रैल को उमरिया से शुरू करूँगा, इसी दिन से बोनस राशि भी बाटेंगे, इस बार 207 करोड़ रुपए बोनस बाटेंगे
- मध्यप्रदेश की जीडीपी में 60% से ज़्यादा योगदान देने वाले श्रमिक भाइयों मैं आपको प्रणाम करता हूँ। आपके बिना मैं मध्यप्रदेश का नवनिर्माण नहीं कर सकूँगा। इसलिए आइये, हम सब मिलकर अपने प्रदेश को अधिक समर्थ बनायें।
- जाति, पंथ आदि सारे भेदभाव भूल कर श्रमिकों को अपने और अपने बच्चों के उत्तम भविष्य के लिए एक जुट होने की आवश्यकता है। इसीलिए हमने मुख्यमंत्री असंगठित श्रमिक कल्याण योजना बनाई है।
Created On :   31 March 2018 11:22 PM IST