ट्रोल करने वालों को सुषमा का जवाब, बोलीं- आलोचना स्वीकार्य लेकिन अभद्रता नहीं
- उन्होंने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों से पूछा है कि क्या वे इस तरह की ट्रोलिंग को स्वीकृति देते हैं।
- पासपोर्ट विवाद के बाद से सोशल मीडिया पर अपशब्दों का सामना कर रही है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज
- सुषमा स्वराज ने कहा आलोचना अवश्य करो
- लेकिन अभद्र भाषा में नहीं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पासपोर्ट विवाद के बाद से सोशल मीडिया पर अपशब्दों का सामना कर रही है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने टि्वटर पर एक सर्वेक्षण करवाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों से पूछा है कि क्या वे इस तरह की ट्रोलिंग को स्वीकृति देते हैं। इस पर 57 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि वे इसका विरोध करते हैं, जबकि 43 प्रतिशत लोग इस सवाल के समर्थन में हैं। सुषमा स्वराज लगातार ट्रोल होने के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि " लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है। आलोचना अवश्य करो, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं। सभ्य भाषा में की गई आलोचना ज़्यादा असरदार होती है।"
Friends : I have liked some tweets. This is happening for the last few days. Do you approve of such tweets ? Please RT
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) June 30, 2018
24 घंटे तक चले सर्वेक्षण में 1 लाख 24 हजार 305 लोगों ने हिस्सा लिया था। इसमें 57 प्रतिशत लोगों ने सुषमा का समर्थन किया तो 43 प्रतिशत लोगों ने ट्रोल्स का समर्थन किया। इस पूरे मामले के बाद सुषमा स्वराज ने हिन्दी कवि नीरज की कुछ पंक्तियां भी ट्वीट की है। इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट करते हुए कहा है कि लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है। अलोचना अवश्य करो, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं सभ्य भाषा में की गई आलोचना असरदार होती है।
निर्माण घृणा से नहीं, प्यार से होता है,
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 1, 2018
सुख-शान्ति खड्ग पर नहीं फूल पर चलते हैं,
आदमी देह से नहीं, नेह से जीता है,
बम्बों से नहीं, बोल से वज्र पिघलते हैं।
.......नीरज
सुषमा स्वराज के कविता लिखने के बाद लोगों की कुछ प्रतिक्रियाएं
राष्ट्र कविताओं से नहीं, कर्तव्यों से चलता है...पासपोर्ट ट्वीट से नहीं, नियमों से बनता है...अधिकारी अनुचित स्थानांतरण से नहीं, संरक्षण से काम करते हैं...घटना का अंत विषयांतर से नहीं, सत्य कथन और भूल सुधार से होता है...@Bhartiysannari @madhukishwar @ashokshrivasta6 @ShefVaidya
— Viren Doshi (@Viren_Doshi) July 1, 2018
हजारों खूबियों को दरकिनार कर देते है लोग...
— PAID TROLL (@pasrijagirish) July 1, 2018
अगर गलती से भी बस एक गलती हो जाये तो...!!
अगर आप समय पर अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते है तो आप एक और गलती कर बैठते है| आप अपनी गलतियों से तभी सीख सकते है जब आप अपनी गलतियों को स्वीकार करते है|
: नीरज का भाई धीरज
भाषा शैली को सुषमा स्वराज के ट्वीट के बाद कुछ ऐसी प्रतिक्रियाएं आई
लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गयी आलोचना ज़्यादा असरदार होती है.
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 1, 2018
चाहे कारण कुछ भी हो, अमर्यादित भाषा का प्रयोग अशोभनीय और निंदनीय है। मगर आप भी मुख्य मुद्दे को छोड़ कर बेवजह की बातों में उलझ रहीं हैं। होना तो यह चाहिए था कि आप के मंत्रालय ने जो गलती की, उस का सुधार करते और विकास मिश्रा के साथ ससम्मान न्याय होता।
— संजीव अरोड़ा
Created On :   2 July 2018 2:54 PM IST